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दिल्‍ली में डिजिटल अरेस्ट की सबसे बड़ी वारदात, 1 महीने, धमकी भरे कॉल और 23 करोड़ का फ्रॉड; पूर्व बैंकर को बनाया शिकार

Delhi Digital Arrest Fraud: हाल ही में दिल्ली के रिटायर बैंकर को डिजिटल अरेस्ट में रखकर साइबरों ठगों ने 23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. आरोपियों ने बैंकर नरेश को 4 अगस्त से 4 सितंबर तक डिजिटल अरेस्ट में रखा. उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया. पुलिस ने 12.11 करोड़ रुपये को बैंक अकाउंट में फ्रीज करा लिया.

दिल्‍ली में डिजिटल अरेस्ट की सबसे बड़ी वारदात, 1 महीने, धमकी भरे कॉल और 23 करोड़ का फ्रॉड; पूर्व बैंकर को बनाया शिकार
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( Image Source:  canava )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Published on: 23 Sept 2025 12:15 PM

Digital Arrest Fraud: देश भर में साइबर स्कैम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. डिजिटल अरेस्ट भी ठगी का नया तरीका है, जिसमें दिल्ली के बैंकर नरेश मल्होत्रा फंस गए. दरअसल साउथ दिल्ली गुलमोहर पार्क कॉलोनी में 78 साल के रिटायर बैंकर के साथ करीब 23 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई. वह डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए.

हाल ही में साइबर ठगों ने महीनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और उनके तीन अलग-अलग अकाउंट से 23 करोड़ रुपये निकाल लिए गए. आरोपी महिला ने टेलीकॉम कंपनी का स्टाफ बताया और मल्होत्रा का शिकार किया.

क्या है मामला?

आरोपी महिला ने नरेश मल्होत्रा को कॉल करके कहा कि आपके मोबाइल नंबर का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके बाद अलग-अलग नंबर से उन्हें कॉल आने लगे, जिससे वह घबरा गए. एक मदद के नाम पर एक आरोपी ने खुद को मुंबई पुलिस, ईडी और सीबीआई अधिकारी बताया. उन्होंने कहा कि कई हाई प्रोफाइल केस नरेश को बताए, जिससे वह डर गए.

1 महीने तक डिजिटल अरेस्ट

आरोपियों ने बैंकर नरेश को 4 अगस्त से 4 सितंबर तक डिजिटल अरेस्ट में रखा. उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया. फिर कोटक, HDFC और कैनरा बैंक अकाउंट से अलग-अलग ट्रांजेक्शन कराई, और 23 करोड़ रुपये ऐंठ लिए. जब उनका अकाउंट पूरी तरह खाली हो गया, तब साइबर ठगों ने कॉल करना बंद कर दिया. फिर नरेश पुलिस के पास पहुंचे और पूरी घटना के बारे में बताया. पुलिस ने 12.11 करोड़ रुपये को बैंक अकाउंट में फ्रीज करा लिया.

बैंकर नरेश ने खुद बताई आपबीती

बैंकर नरेश मल्होत्रा ने इंडियन एक्सप्रेस से अपने साथ हुए स्कैम पर बात की. मल्होत्रा ने कहा, ऐसा लग रहा था कि मेरी सोच और समझने की मानो शक्ति खत्म हो गई हो. मुझे इतना डराया गया कि ठगी का थोड़ा भी शक नहीं हुआ. फिर 19 सितंबर को शिकायत दर्ज कराने का सोचा और उसी दिन FIR दर्ज की गई. 21 ट्रांजेक्शन में 16 बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर हुए.

मल्होत्रा ने सरकारी और प्राइवेट बैंकिंग में लगभग 50 साल काम किया. कॉलोनी मार्केट में सेंट्रल बैंक ब्रांच सिर्फ पांच मिनट की दूरी पर था, जबकि HDFC और कोटक महिंद्रा बैंक दस मिनट दूर था, लेकिन बैंक मैनेजरों को यह समझ नहीं आया कि मल्होत्रा दबाव और धमकी के तहत यह सब कर रहे थे. जॉइंट कमिश्नर गुप्ता के अनुसार, अब तक 2.67 करोड़ रुपये मल्होत्रा के फंड्स को फ्रीज किया गया है, लेकिन यह कुल फ्रॉड के अमाउंट का केवल एक हिस्सा है.

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