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11 दिनों तक महिला को रखा डिजिटल अरेस्ट में, कैसे CBI ऑफिसर बन 30 लाख का लगाया चूना?

Digital Arrest: बेंगलुरु के इंदिरानगर की 46 साल की महिला डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गई. ठगों ने सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर 30 लाख रुपये से ज्यादा ठग लिए. रिपोर्ट में दावा किया गया कि आरोपियों ने उन्हें 11 दिनों तक फेक डिजिटल अरेस्ट में रखा और एक साइबर घोटाले की प्लानिंग की.

11 दिनों तक महिला को रखा डिजिटल अरेस्ट में, कैसे CBI ऑफिसर बन 30 लाख का लगाया चूना?
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( Image Source:  canva )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 23 Dec 2024 11:45 AM IST

Bengaluru News: दुनिया भर में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. भारत में पिछले कुछ दिनों में हजारों लोगों को डिजिटल अरेस्ट करते लाखों की ठगी की गई. अब बेंगलुरु से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां एक महिला को डराकर उसे कई दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया और 30 लाख की ठगी की गई.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु के इंदिरानगर की 46 साल की महिला डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गई. ठगों ने सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर 30 लाख रुपये से ज्यादा ठग लिए. रिपोर्ट में दावा किया गया कि आरोपियों ने उन्हें 11 दिनों तक फेक डिजिटल अरेस्ट में रखा और एक साइबर घोटाले की प्लानिंग की.

झूठे केस का दावा कर फंसाया

स्कैमर्स ने महिला 3 दिसंबर को पहली बार कॉल किया था. उन लोगों ने खुद को सीबीआई और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और महिला पर झूठे आरोप का दावा किया. 11 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और तीस लाख ठग लिए. इसके बाद घोटालेबाजों ने उससे संपर्क करना बंद कर दिया. पीड़िता महिला को शक हुआ और उसने 19 दिसंबर को पुलिस को इस घटना के बारे में बताया.

कई लोगों के साथ हुआ था धोखा

पीड़िता महिला ने न्यूजपेपर में इसी तरह की धोखाधड़ी के बारे में पढ़ा और फिर शिकायत दर्ज कराई. महिला को कथित तौर पर ट्राई से एक कॉल आया, जिसमें उसे चेतावनी दी गई कि अगर उसने एक खास नंबर नहीं दबाया तो उसका सिम कार्ड और बैंक खाते ब्लॉक कर दिए जाएंगे. इसके बाद उसे ट्राई से होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति से जोड़ा गया, जिसने उसे बताया कि उसके नाम पर एक सिम कार्ड उत्पीड़न की शिकायतों से जुड़ा हुआ है. इसके बाद कॉल को मुंबई पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर को ट्रांसफर कर दिया गया.

महिला पर लगाया मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

जिसने महिला को धमकी दी कि वह जांच के दायरे में है और उसे तुरंत मुंबई जाना होगा या फिर डिजिटल अरेस्ट में रहना होगा. वह मुंबई नहीं जा सकती थी इसलिए उसे एक ऐसे व्यक्ति के साथ वीडियो कॉल की निगरानी में रखा गया. जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी होने का दावा किया, जिसने उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. महिला को बैंक से संबंधी जानकारी देने और अमाउंट को ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया गया. जिसमें उसकी 27.5 लाख रुपये की एफडी तक तोड़ दी.

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