बुलेटप्रूफ जैकेट, असॉल्ट राइफल... मणिपुर के खिलाफ म्यांमार कैसे रच रहा साजिश?
Myanmar conspiracy against Manipur: अधिकारियों ने बताया कि वे उग्रवादियों से 'मेड इन म्यांमार' के बुलेटप्रूफ जैकेट, हथियार और अन्य डिवाइस बरामद कर रहे हैं.

Myanmar conspiracy against Manipur: मणिपुर को जलते देख पूरा देश परेशान है. आए दिन वहां हिंसा और गृहयुद्ध की खबर आती रहती है. लेकिन इसमें पड़ोसी म्यांमार भी बड़ी भूमिका निभा रहा है. मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में एक उग्रवादी ठिकाने से स्टारलिंक एंटीना और राउटर की बरामदगी की गई, जो 'मेड इन म्यांमार' है और ये भारत में बैन है.
मणिपुर में म्यांमार से तस्करी हथियार लाए जा रहे हैं और इसमें म्यांमार में हो रहे गृहयुद्ध के विद्रोही ही शामिल बताए जा रहे हैं. सुरक्षा बलों ने म्यांमार में निर्मित और म्यांमार सेना की इस्तेमाल की जाने वाली एमए 4 असॉल्ट राइफल भी बरामद की. मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से पिछले 19 महीनों में सुरक्षा बलों ने 'मेड इन म्यांमार' के सैकड़ों बुलेटप्रूफ जैकेट और सैन्य वर्दी बरामद की है.
बुलेटप्रूफ जैकेट और म्यांमार की सैन्य वर्दी भी बरामद
अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य नहीं है क्योंकि पिछले पांच से वो छह महीनों में वे मणिपुर में उग्रवादियों और उनके ठिकानों से 'मेड इन म्यांमार' के हथियार और अन्य डिवाइस जब्त कर रहे हैं. सुरक्षा बलों ने सीमा पार से तस्करी करके लाए गए म्यांमार निर्मित बुलेटप्रूफ जैकेट और सैन्य वर्दी भी बरामद की है.
पिछले सप्ताह में ही सुरक्षा बलों ने 'मेड इन बर्मा' लिखे हुए कम से कम सात पिस्तौल, म्यांमार निर्मित पांच आर्मी एमए4 राइफलें और एक एके-47 बरामद की. CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'यहां सुरक्षा बलों के हाथ लगी देसी पिस्तौलें भारत में नहीं बनाई गई है. म्यांमार में बनी देसी पिस्तौलों की ग्रिप का आकार अलग होता है. कुछ पिस्तौलों पर 'मेड इन बर्मा' लिखा भी होता है.'
म्यांमार में बनी राइफलों का मिला जखीरा
स्टारलिंक एंटीना और राउटर बरामद होने से दो दिन पहले सुरक्षा बलों ने राज्य के चंदेल जिले में घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान एक एके-47 राइफल भी जब्त की थी. अधिकारी ने कहा, 'हालांकि AK-47 राइफलें शस्त्रागार से लूटी गई थीं और उनमें से कई बरामद भी हुई हैं, लेकिन हमारे सुरक्षा बल म्यांमार में बनी राइफलों को बरामद कर रहे हैं.'
उन्होंने आगे बताया, 'हम म्यांमार में बनी राइफलों को राइफलों की सीरीज के आधार पर अलग कर सकते हैं. भारत में सुरक्षा बलों या पुलिस के इस्तेमाल की जाने वाली राइफलों में से ज़्यादातर के सीरियल नंबर IA से शुरू होते हैं, लेकिन म्यांमार से तस्करी करके लाई गई राइफलों की सीरीज अलग होती है. गोला-बारूद एक ही होता है, इसलिए उन्हें लगता है कि म्यांमार से AK सीरीज की राइफल या देसी पिस्तौल लेना बेहतर है.'
1,643 किमी लंबी सीमा शेयर करता है म्यांमार-भारत
म्यांमार भारत के साथ लगभग 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. जबकि सरकार ने पूरे हिस्से पर बाड़ लगाने की घोषणा की है, मणिपुर में केवल लगभग 30 किलोमीटर की बाड़ ही पूरी हो पाई है, जबकि अलग-अलग स्थानों पर चेकपॉइंट और चेक पोस्ट हैं, तस्कर ऐसी वस्तुओं की तस्करी के लिए खुली सीमा का उपयोग करते हैं.