बंगाल SIR ड्राफ्ट में खुद को 'मुर्दा' पा रहे जिंदा लोग, डांकुनी के TMC पार्षद भी..., पूर्ण साहा ने मांगा डेथ सर्टिफिकेट

पश्चिम बंगाल में SIR ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर कई जिंदा व्यक्ति एसआईआर (/sIR) में मृत घोषित कर दिए गए हैं. उसके बाद से बंगाल के कई जिलों में बवाल मचा है. डांकुनी नगर पालिका के वार्ड 18 के तृणमूल पार्षद सूर्य डे को एसआईआर में मृत घोषित कर दिया गया. पूर्ण साहा तो नगरपालिका से डेथ सर्टिफिकेट मांगने पहुंच गए. इस तरह के मामले आने के बाद से अधिकारी अचंभित हैं.;

Curated By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 20 Dec 2025 3:52 PM IST

पश्चिम बंगाल में Special Intensive Revision (SIR) के तहत जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची अब लोकतांत्रिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है. कोलकाता और बर्धमान में पार्षद समेत कई ऐसे लोग सामने आए हैं, जो पूरी तरह जिंदा हैं, लेकिन चुनाव आयोग की एसआईआर ड्राफ्ट में उन्हें ‘मृत’ (Dead) घोषित कर दिया गया है. डांकुनी नगर पालिका के टीएमसी पार्षद को भी मृत घोषित कर दिया. सबसे चौंकाने वाला मामला तब सामने आया, जब पूर्ण साहा नाम के व्यक्ति ने नगरपालिका कार्यालय पहुंचकर अपना डेथ सर्टिफिकेट मांग लिया. इन सब मामलों को देखकर अब स्थानीय अफसर भी अवाक हैं.

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कोलकाता, वर्धमान डांकुनी के लोगों को चुनाव आयोग की ड्राफ्ट मतदाता सूची में मृत दिखाया गया है. जीवित होने के बावजूद मृत घोषित होने पर बर्धमान के पूर्ण साहा डेथ सर्टिफिकेट लेने के लिए नगरपालिका पहुंच गए. परिवार का आरोप है कि बीएलओ ने फॉर्म में गलती की. मामला राजनीतिक बवाल का कारण बन गया है. प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है.

जिंदा इंसान मृत कैसे

कोलकाता EM बाईपास के पास कालिकापुर के दो वोटरों को पिछले मंगलवार को चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत पब्लिश हुई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मृत पाए गए. दोनों दशकों से वोट दे रहे हैं और उन्होंने एन्यूमरेशन फॉर्म भी भरे हैं. दोनों ने कहा कि उनके पास एन्यूमरेशन फॉर्म की एक कॉपी है जो बूथ-लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा उनसे दूसरी कॉपी लेने के बाद उन्हें दी गई थी. वे जादवपुर विधानसभा क्षेत्र के वोटर हैं.

44 साल की सुचेता अधिकारी ने कहा, "मेरे पति की 2023 में मौत हो गई और अब चुनाव आयोग ने अपनी ड्राफ्ट लिस्ट में मुझे भी मृत घोषित कर दिया है." वह यह देखकर हैरान थीं और उन्हें यह अजीब भी लगा कि कोई लिस्ट किसी जिंदा इंसान को मृत कैसे घोषित कर सकती है.

सुचेता अधिकारी ने कहा कि अच्छी बात यह है कि BLO आज सुबह मेरे घर आई और मुझे फिर से वोटर के तौर पर रजिस्टर करने के लिए एक फॉर्म भरवाया. उसने कल मुझे फोन करके बताया था कि मेरा नाम ड्राफ्ट लिस्ट में है, लेकिन यह नहीं बताया कि मुझे मृत वोटर के तौर पर टैग किया गया है."

कालिकापुर की रहने वाली अधिकारी अपने 16 साल के बेटे के साथ रहती हैं. उन्होंने कहा कि BLO ने उनसे वादा किया है कि वह यह पक्का करें कि उनका नाम फाइनल लिस्ट में हो. उन्होंने कहा, "मुझे तो पता भी नहीं था कि ड्राफ्ट लिस्ट पब्लिश हो गई है. BLO ने खुद मुझे फोन किया, लेकिन जब फाइनल लिस्ट पब्लिश होगी तो मैं ध्यान से चेक करूंगी."

कालिकापुर के एक और वोटर 65 साल के निर्मल आइच तो मृत वोटरों की लिस्ट में अपना नाम देखकर हैरान रह गए. आइच का कहना है कि मैंने कभी वोटिंग मिस नहीं की. अगर मैं किसी रिश्तेदार के घर भी जाता हूं, तो भी वोटिंग के दिन वापस आ जाता हूं.” निर्मल आइच आइच और अधिकारी कोलकाता म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (KMC) के वार्ड 106 के रहने वाले हैं.

TMC पार्षद ड्राफ्ट लिस्ट में 'मृत'

डांकुनी नगर पालिका के वार्ड 18 के तृणमूल पार्षद सूर्य डे ने कहा कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) एक्सरसाइज से जुड़ी लिस्ट चेक करते समय, उन्होंने पाया कि उनका नाम 'मुर्दा' लोगों में शामिल था. जबकि उन्होंने अपना एन्यूमरेशन फॉर्म भरकर बूथ-लेवल अधिकारी को जमा कर दिया था.

पूर्ण साहा ने निगम से मांगा 'डेथ सर्टिफिकेट'

पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्धमान जिले में एक शख्स अपना डेथ सर्टिफिकेट लेकर नगर पालिका के ऑफिस पहुंचा, जिसके बाद हर कोई हैरान रह गया. पश्चिम बंगाल में हाल ही में सामने आई चुनाव आयोग की SIR ड्राफ्ट लिस्ट में एक इंसान को मृत घोषित कर दिया था. जब कालना नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 12 में रहने वाले पूर्ण साहा को इस बारे में जानकारी मिली तो वो खुद अपना डेथ सर्टिफिकेट लेने नगरपालिका कार्यालय पहुंच गए. जिसके बाद वहां सभी अधिकारी हैरान रह गए.

पूर्ण साहा ने नगरपालिका ऑफिस में पहुंचकर अधिकारियों से कहा, ‘मैं जीवित हूं, लेकिन मुझे मृत दिखाया गया है. चुनाव आयोग की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मैं मरा हुआ हूं. इसलिए मैं अपना डेथ सर्टिफिकेट लेने आया हूं.’ पूर्ण साहा की ये बात सुनकर हर कोई चौंक गया और वहां मौजूद कर्मचारी हक्के-बक्के रह गए. पूर्ण साहा ने तंज कसते हुए कहा कि डेथ सर्टिफिकेट लिए मांग रहा हूं कि बीएलओ की लापरवाही को सामने लाया जा सके.

EC को सावधानी बरतने की जरूरत

वार्ड काउंसलर अरिजीत दास ठाकुर ने कहा, “कमीशन को लिस्ट बनाते समय ज्यादा सावधान रहना चाहिए. किसी भी असली वोटर का नाम छूटना नहीं चाहिए. मुझे नहीं पता कि यह BJP के इशारे पर किया जा रहा है या नहीं.”

ऐसी गलतियां हुईं कई लोगों के साथ’

इस मामले के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की गलतियां कई और लोगों के साथ भी हुई हैं. इस ड्राफ्ट लिस्ट के सामने आने के बाद राज्य भर में बड़ी संख्या में नामों को लेकर विवाद शुरू हो रहा है. इस तरह की गलतियों से आम मतदाताओं में भारी असंतोष और डर है. लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर वे ‘मृत’ घोषित हो गए, तो क्या उसका वोटिंग अधिकार खत्म हो जाएगा? क्या आने वाले चुनावों में वे मतदान कर पाएंगे या नहीं?

क्या है इसका समाधान?

चुनाव आयोग के मुताबिक SIR ड्राफ्ट लिस्ट पर आपत्ति और सुधार की प्रक्रिया खुली है. गलत तरीके से मृत घोषित किए गए लोग आवश्यक दस्तावेजों के साथ तय समय सीमा में अपना नाम दोबारा जुड़वाने के लिए दावा पेश कर सकते हैं.

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