बिहार चुनाव के बाद BJP में बड़े बदलाव की आहट, नया अध्यक्ष कौन? इसी हफ्ते खुल सकता है पत्ता

बिहार चुनाव के बाद बीजेपी में बड़े संगठनात्मक बदलाव की तैयारी तेज हो गई है. तीन दिनों से चली माराथन बैठकों और नड्डा की डिनर डिप्लोमेसी के बीच संकेत साफ हैं कि पार्टी इस हफ्ते नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है. सुनील बंसल, मनोहर लाल खट्टर, धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव ये चार नाम सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. रायपुर में होने वाली अहम बैठक इस फैसले को अंतिम रूप दे सकती है. पार्टी 2029 की तैयारी के लिए नया नेतृत्व तय करने की दिशा में बढ़ रही है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On :

देश की राजनीति में हर बड़ा चुनाव सिर्फ सरकारें नहीं बदलता, बल्कि पार्टियों के भीतर भी बड़े फेरबदल की जमीन तैयार करता है. बिहार चुनाव के बाद अब बीजेपी के भीतर ऐसे ही बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने संगठन को नए सिरे से मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है, और इसी कड़ी में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या BJP को इसी हफ्ते नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा?

पिछले तीन दिनों से दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. अमित शाह, जेपी नड्डा, बीएल संतोष और संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के बीच चली मैराथन चर्चाओं ने इस अटकल को और मजबूत कर दिया है कि पार्टी अध्यक्ष पद पर बड़ा बदलाव करीब है. बीजेपी को ऐसा चेहरा चाहिए जो 2029 की तैयारी अभी से शुरू कर सके और यही वजह है कि अध्यक्ष पद की रेस अचानक बेहद रोचक हो गई है.

नड्डा की डिनर डिप्लोमेसी

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर हुई डिनर मीटिंग ने इस चर्चा में और हवा भर दी. बिहार जीत का जश्न तो बहाना था, लेकिन असल बातचीत बंगाल चुनाव और संगठनात्मक बदलावों पर केंद्रित रही. सूत्र बताते हैं कि इसी अनौपचारिक मुलाकात के दौरान ‘नए अध्यक्ष’ पर भी लंबी चर्चा हुई, और वरिष्ठ नेताओं ने संभावित नामों पर अपने सुझाव रखे.

कौन संभालेगा BJP की कमान? चार नाम सबसे आगे

बीजेपी में नए अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन चार चेहरे सबसे मजबूत माने जा रहे हैं.

  • सुनील बंसल: संगठन और चुनाव प्रबंधन में मास्टर
  • मनोहर लाल खट्टर: सीएम के रूप में मजबूत प्रशासनिक छवि
  • धर्मेंद्र प्रधान: मोदी-शाह के भरोसेमंद, संगठन में पकड़
  • भूपेंद्र यादव: रणनीतिकार, साइलेंट ऑपरेटर, हाई-अप्रूवल रेटिंग

हालांकि बीजेपी का इतिहास बताता है कि वह अक्सर ऐसे मौकों पर ‘सप्राइज़ कार्ड’ खेलती है, इसलिए अंतिम नाम क्या होगा, यह कहना मुश्किल है.

रायपुर की बैठक बनी ‘निर्णायक मंच’

28–30 नवंबर को रायपुर में होने वाली DPP की बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों इस बैठक में मौजूद रहेंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि अध्यक्ष पद को लेकर अंतिम निर्णय यहीं हो सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि इस बैठक में 2029 तक का संगठनात्मक रोडमैप भी तय होगा.

अमित शाह की बैक-टू-बैक मीटिंग्स से बढ़ीं उम्मीदें

सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने शनिवार को नड्डा, बीएल संतोष और अन्य पदाधिकारियों से लंबी मीटिंग कर अध्यक्ष पद के संभावित नामों पर राय मांगी. आलाकमान का फोकस एक ऐसे नेता पर है जो संगठन संभाल सके, नए राज्यों में जनाधार बढ़ा सके और 2029 के लिए मजबूत नींव तैयार करे. जेपी नड्डा का कार्यकाल 30 जून 2024 तक बढ़ाया गया था, लेकिन उस दौरान चुनावी व्यस्तताओं की वजह से चुनाव नहीं हो पाया. अब पार्टी इसे टालने के मूड में नहीं दिख रही.

नया अध्यक्ष इसी हफ्ते या फिर जनवरी–फरवरी?

पार्टी के अंदर दो राय हैं. कुछ नेता चाहते हैं कि बंगाल और गुजरात रणनीति से पहले ही नया अध्यक्ष घोषित हो जाए, ताकि पूरे चुनाव चक्र में वही चेहरा कमान संभाले. लेकिन कुछ वरिष्ठ नेता जनवरी–फरवरी में चुनाव करवाने के पक्ष में हैं, ताकि बिहार की राजनीतिक परिस्थितियां पूरी तरह स्थिर हो जाएं.

बीजेपी के लिए यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण?

BJP अगले 5 वर्षों में दक्षिण, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में अपना विस्तार तेज करना चाहती है. साथ ही उसे 2029 के लिए एक नए “चैन ऑफ कमांड” की जरूरत है. इसलिए नया अध्यक्ष सिर्फ एक चेहरा नहीं, बल्कि आने वाले दशक की राजनीतिक दिशा तय करने वाला नेता होगा.

Similar News