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BJP New President: कैसे चुना जाता है दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का अध्‍यक्ष?

BJP New President: बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कवायद तेज हो गई है. पार्टी ने 16 केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है. आइए आपको बताते हैं दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है...

BJP New President: कैसे चुना जाता है दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का अध्‍यक्ष?
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( Image Source:  ANI )

BJP New President: दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) का अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. बीजेपी ने अध्यक्ष पद के चयन के लिए राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी और प्रदेश इकाइयों के समन्वय के लिए 16 केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्त की है. बिहार और उत्तर प्रदेश के लिए राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावडे़ को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. वहीं, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का पर्यवेक्षक बनाया गया है.

राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल को पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड और हरियाणा; राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह को हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड; राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग को केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक और लक्षद्वीप, जबकि महामंत्री अरुण सिंह को महाराष्ट्र, गोवा, दमन दीव और दादर नगर हवेली का पर्यवेक्षक बनाया गया है. वहीं, महामंत्री राधा मोहन दास अग्रवाल को राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और गुजरात, जबकि महामंत्री दुष्यंत गौतम को ओडिशा, अंडमान और निकोबार का पर्येवक्षक बनाया गया है.

बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कैसे चुना जाता है?

बीजेपी को दिसंबर 2024 तक अपना नया अध्यक्ष चुनना है. इसके लिए सबसे पहले पार्टी की स्थानीय समितियों के चुनाव होंगे. उसके बाद मंडल, जिला, क्षेत्रीय और राज्य समितियों के लिए चुनाव होंगे. हर स्तर पर निर्वाचित अध्यक्ष, पदाधिकारियों की एक टीम को नामित करता है. आधे राज्यों में चुनाव हो जाने के बाद, पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव होता है. इसके बाद नया राष्ट्रीय अध्यक्ष पदाधिकारियों की एक टीम नामित करता है. पूरी प्रक्रिया में करीब दो महीने लगते हैं.

बीजेपी का संविधान क्या कहता है?

बीजेपी के संविधान में बताया गया है कि अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय परिषद की धारा (18) (1) (क) एवं (ख) में वर्णित सदस्य और प्रदेश परिषदों की धारा (16) (1) (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित सदस्य शामिल हैं. चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नियमों के अनुसार होगा.

पार्टी के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति बन सकेगा, जो कम से कम चार अवधियों तक सक्रिय सदस्य और कम से कम 15 वर्ष तक प्राथमिक सदस्य रहा हो. निर्वाचक मंडल में कोई भी 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव कर सकेंगे. यह प्रस्ताव कम से कम ऐसे पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों. नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति आवश्यक है.

प्रदेश परिषद की धारा (16) (1) (क), (ख) और (ग)

प्रदेश परिषद की धारा (16) (1) (क), (ख) और (ग) में बताया गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में धारा 16 की उपधारा (2) के अधीन जिला इकाइयों द्वारा निर्वाचित सदस्य, पार्टी के सभी विधायकों द्वारा अपने से चुने गए 10 प्रतिशत सदस्य, लेकिन 10 से कम नहीं... और पार्टी के संसद सदस्यों का 10 प्रतिशत, लेकिन 3 से कम नहीं, शामिल होंगे. उपधारा (2) में बताया गया है कि प्रत्येक जिले से निर्वाचित मंडल समिति के सदस्यों द्वारा प्रदेश परिषद के लिए उतनी संख्या में सदस्य निर्वाचित होंगे, जितनी वहां विधानसभा सीटें हैं.

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि उस जिले के एससी एसटी के लिए जितनी सीटें विधानसभा में आरक्षित हैं, कम से कम उतनी संख्या में इस वर्ग के सदस्य चुने जाएंगे. प्रत्येक जिले के दो- दो विधानसभा क्षेत्रों को भागों में बांटा जाएगा. हर एक भाग में कम से एक प्रतिनिधि अवश्य चुना जाएगा. इन भागों का निर्धारण प्रदेश कार्य-समिति द्वारा किया जाएगा. यदि जिले से प्रदेश परिषद के लिए निर्वाचित सदस्यों में एक भी महिला नहीं चुनी गई है तो वह जिला एक अतिरिक्त महिला सदस्य और यदि उस जिले से सभी स्थान आरक्षित है तो गैर अनुसूचित वर्ग का एक अतिरिक्त सदस्य भी चुना जाएगा.

राष्ट्रीय परिषद की धारा 18 (क) और (ख)

राष्ट्रीय परिषद की धारा 18 (क) और (ख) के मुताबिक, प्रदेश परिषदों द्वारा उपधारा (2) के अनुसार, निर्वाचित सदस्य और पार्टी के संसद सदस्यों द्वारा अपने में से चुने गए गए 10 प्रतिशत सदस्य (10 से कम नहीं) राष्ट्रीय परिषद के सदस्य होंगे. ये सदस्य अपने प्रदेश से उस राज्य में लोकसभा सीटों की संख्या के बराबर सदस्य राष्ट्रीय परिषद के लिए चुनेंगे. शर्त यह है कि एससी और एसटी सदस्यों की संख्या उस राज्य से इन वर्गों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या से कम न हो. प्रदेश के दो-दो लोकसभा क्षेत्रों को मिलाकर भागों में बांटा जाएगा और प्रत्येक भाग से कम से कम एक प्रतिनिधि अवश्य चुना जाएगा. इस भागों का निर्धारण राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा किया जाएगा.

अध्यक्ष का कार्यकाल

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होगा. इसे अगले तीन साल तक बढ़ाया भी जा सकता है. दो बार लगातार बीजेपी अध्यक्ष रहने वाला व्यक्ति फिर अध्यक्ष नहीं बन सकता.

सबसे लंबे समय तक कौन रहा अध्यक्ष?

बीजेपी के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड लालकृष्ण आडवाणी के नाम है. वे सबसे पहले 1986 से 1990 तक अध्यक्ष रहे. इसके बाद वे दोबारा 1993-1998 और 2004-05 तक अध्यक्ष रहे.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्षों की लिस्ट

  1. अटल बिहारी वाजपेयी- 1980-1986
  2. लाल कृष्ण आडवाणी- 1986-1990, 1993-1998, 2004-2005
  3. मुरली मनोहर जोशी- 1991-1993
  4. कुशाभाऊ ठाकरे 1998-2000
  5. बंगारू लक्ष्मण- 2000-2001
  6. के. जन कृष्णमूर्ति- एम. वेंकैया नायडू- 2002-2004
  7. नितिन गडकरी- 2010-2013
  8. राजनाथ सिंह- 2005-2009, 2013-2014
  9. अमित शाह- 2014-2017, 2017-2020
  10. जेपी नड्डा- 2020 से अबतक

जेपी नड्डा कब बने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष?

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस समय जेपी नड्डा हैं. उन्हें सबसे पहले जून 2019 में बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था. इसके बाद, जनवरी 2020 में उन्होंने पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया. फिर फरवरी में उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाया गया था. मोदी सरकार 3.0 में उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है, जिसके बाद अब बीजेपी को नए अध्यक्ष की तलाश हैं. इसकी वजह पार्टी में 'एक व्यक्ति एक पद' का नियम है.

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कितने सदस्य होते हैं?

बीजेपी के संविधान की धारा 20 के मुताबि, राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष और अधिकतम 120 सदस्य हो सकते हैं. इनमें कम से कम 40 महिलाएं और 12 एससी या एसटी वर्ग के सदस्य होंगे, जिन्हें अध्यक्ष मनोनीत करेंगे. कार्यकारिणी में अधिक से अधिक 13 उपाध्यक्ष, 9 महामंत्री, एक महामंत्री और अधिक से अधिक 15 मंत्री और एक कोषाध्यक्ष होते हैं. इसमें कम से कम 13 महिलाएं होंगी. एससी-एसटी वर्ग से भी तीन-तीन पदाधिकारी होंगे.

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