EXCLUSIVE: तिहाड़ जेल से चार्ल्स शोभराज की फरारी पर बनी वेब-सीरीज और लिखी गई किताब ‘झूठ का पुलिंदा’ है...
''मैं चार्ल्स के साथ उस मनहूस दिन भागने वालों में खुद शामिल था. तो जरा सोचिए सच मुझे ज्यादा पता होगा या फिर, पैसा कमाने के लिए घर में बैठे-बैठे किताब लिख देने वाले को सच ज्यादा पता होगा. और उसी झूठ की पुलिंदा बनी किताब के आधार पर मोटी कमाई के लिए, आंख मूंदकर वेब सीरीज वालों ने वो बना डाली.'';
‘बिकनी किलर’ (Bikini Killer) और ‘लेडी किलर’ (Lady Killer) के नाम से बदनाम फ्रेंच मूल के अपराधी, होचन्द भवानी गुरुमुख शोभराज उर्फ चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) को भला कौन नहीं जानता है. 16 मार्च सन् 1986 को एशिया की सबसे सुरक्षित दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल (Tihar Jail Break) तोड़कर भागने के बाद तो, चार्ल्स शोभराज अपराध की दुनिया में और भी ज्यादा बड़ा-कुख्यात नाम बन गया. कई देशों की हुकमतें और उनकी खुफिया व जांच एजेंसियां कांपने लगीं थीं कि, इस कदर के मास्टरमाइंड अपराधी को वे अपनी जेलों में कैसे काबू करके रखेंगीं?
अब से करीब 39 साल पहले तिहाड़ जेल से फरार होने वाले ऐसे खूंखार अपराधी चार्ल्स को लेकर, दुनिया यही समझ रही है कि तिहाड़ तोड़कर वही भागा था. तिहाड़ जेल तोड़ने की योजना का असली विलेन या मुख्य षडयंत्रकारी यही था. इस सबके पीछे 39 साल से छिपे-दबे पड़े रोंगटे खड़े कर देने वाले सच से पहली बार परदा उठा रहा है ‘स्टेट मिरर हिंदी’.
चार्ल्स ने तो भागने की प्लानिंग ही नहीं की!
“परदा इस बात से कि चार्ल्स शोभराज ने तो भागने की कोई प्लानिंग ही नहीं की थी. अब तक दुनिया यही समझ रही है कि 16 मार्च सन् 1986 को, चार्ल्स शोभराज तिहाड़ जेल तोड़कर अपने चार अन्य साथियों के साथ भाग गया था. तिहाड़ से उस फरारी पर वेब सीरीज बनाकर मोटी रकम बटोरने वाले हों. जेल का कोई पूर्व अधिकारी इस विषय पर किताबें लिख-छापकर फर्जी चर्चाओं में आने वाला हो या, फिर दिल्ली पुलिस. यह सब सरासर सौ फीसदी झूठ का पुलिंदा हैं. उस घटना का असल चश्मदीद गवाह तो मैं हूं. मुझसे ज्यादा खरा सच और इनमें से किसी को कैसे पता चल गया होगा? मैं तो खुद ही उस दिन चार्ल्स शोभराज व अपने तीन अन्य साथी कैदियों संग जेल से भागने वालों में शामिल था.”
चार्ल्स के संग भागने वाले का खुलासा
ऊपर उल्लिखित यह दो टूक खरे-खरे बेबाक दावे या कहिए, रोंगटे खड़े कर देने वाला सच-सनसनीखेज खुलासा किया है अजय कुमार सिंह ने. करीब 71-72 साल की उम्र से गुजर रहे अजय कुमार सिंह ‘स्टेट मिरर हिंदी’ के खास प्रोग्राम ‘पॉडकास्ट’ में, इस संवाददाता से दो दिन पहले (16 अप्रैल 2025) एक्सक्लूसिव बातचीत कर रहे थे. तिहाड़ जेल से चार्ल्स शोभराज की फरारी की जो सच्चाई अजय कुमार सिंह ने हमारे कैमरे पर बयान की, उसे सुनकर अब तक दुनिया में चार्ल्स की फरारी को लेकर मौजूद खबरों को झूठा और बातों-चर्चाओं को बेदम कर देती है.
तिहाड़ जेल ब्रेक का चश्मदीद मैं हूं
क्योंकि सोचिए आज के वक्त में यानी चार्ल्स की तिहाड़ जेल से फरारी के 39 साल बाद उस घटना का, अजय कुमार सिंह से बड़ा चश्मदीद-गवाह या पुख्ता सबूत और क्या मौजूद हो सकता है जमाने में? जब 16 मार्च 1986 को चार्ल्स शोभराज के साथ खुद भागने वाले अजय सिंह ही अपनी वो डरा देने वाली कहानी-मुंहजुबानी बयान कर रहे हों. वो भी बेधड़क होकर हमारे 'कैमरे' पर. यह तो अजय कुमार सिंह द्वारा उस सनसनीखेज ‘जेल ब्रेक’ (Tihar Jail Break) को लेकर महज एक ‘ट्रेलर’ या कहिए ‘टीजर’ भर है.
ऑन-कैमरा रिकॉर्ड हुआ सनसनीखेज सच
“स्टेट मिरर हिंदी” के साथ ‘ऑन-कैमरा’ हुई लंबी खास बातचीत में अजय कुमार सिंह (Ajay Kumar Singh Charles Sobhraj) ने, अब से करीब चार दशक पहले तिहाड़ जेल फरारी को लेकर और भी कई सनसनीखेज मगर सच खोले हैं, जिन्हें सुनकर अब तक चार्ल्स की फरारी के बाद उसकी गिरफ्तारी में अपनी-अपनी पीठ ठोंक रही दिल्ली पुलिस की बोलती बंद हो जाएगी. तिहाड़ के जिस एक पूर्व अधिकारी ने हाल ही में अपनी किताब में ‘तिहाड़ जेल से चार्ल्स शोभराज’ और, उसके साथियों की फरारी का जिक्र करके, वेब सीरीज तक बनवा डाली है. उस लेखक और वेब सीरीज बनाने वालों तक की बोलती बंद हो जाएगी. इसमें कोई शक नहीं है.
तिहाड़ जेल ब्रेक में मेरे अलावा बाकी सब ‘झूठ’
पॉडकास्ट में अजय कुमार सिंह से सवाल पूछा गया कि तिहाड़ जेल के एक पूर्व अधिकारी द्वारा, हाल ही लिखी गई किताब और उसी के आधार पर बना डाली गई वेब सीरीज में फिर क्या है? वे बोले, ‘तिहाड़ जेल से चार्ल्स शोभराज की फरारी को लेकर जो कुछ किताब में घुसेड़ा गया है. उसमें से आधे से ज्यादा तो झूठ का पुलिंदा भरा पड़ा है. और इसी झूठ के पुलिंदे वाली किताब के आधार पर जब वेब सीरीज बनी है तो वह तो किताब से भी ज्यादा बड़ा झूठ ही है. क्योंकि किताब लिखने वाला और वेब सीरीज बनाने वालों में से, या फिर उस तिहाड़ जेल ब्रेक की जांच करने वाली दिल्ली पुलिस की टीमों में से कोई भी, चार्ल्स शोभराज के संग भागा थोड़ा ही था. न ही इनमें से कोई भी 16 मार्च 1986 को तिहाड़ जेल ब्रेक करने के षडयंत्र में ही शामिल था.’
अंदर का सच तो ‘इनसाइडर’ जानता है
अपनी बेबाक बात को बेखौफ होकर आगे बढ़ाते हुए चार्ल्स शोभराज के साथ अब से 39 साल पहले तिहाड़ जेल ब्रेक करके भाग चुके अजय कुमार सिंह सवाल करते हैं, ‘तिहाड़ जेल से भागने के षडयंत्र में हम पांच (खुद अजय कुमार सिंह, लक्ष्मी नारायण सिंह, बृजमोहन शर्मा, चार्ल्स शोभराज और बजरंग लाल) के अलावा जब कोई और शामिल था ही नहीं. तब फिर हम पांच के अलावा तो बाकी भीड़ (पुलिस-कानूनी किताब-फाइलों, मीडिया में लिखा) को तो आधा-अधूरा झूठा-सच्चा ही पढ़ने-सुनने को मिला होगा न.
मार्केट में उसी अधकचरा ज्ञान के आधार पर ही तो, ऊट-पटांग बता और गाकर लिखा बेचा जा रहा है. मैं चार्ल्स के साथ उस मनहूस दिन भागने वालों में खुद शामिल था. तो जरा सोचिए सच मुझे ज्यादा पता होगा या फिर, पैसा कमाने के लिए घर में बैठे-बैठे किताब लिख देने वाले को सच ज्यादा पता होगा. और उसी झूठ की पुलिंदा बनी किताब के आधार पर मोटी कमाई के लिए, आंख मूंदकर वेब सीरीज वालों ने वो बना डाली. 16 मार्च 1986 को हुए उस खतरनाक तिहाड़ जेल ब्रेक का सच मुझसे ज्यादा, भला क्यों और कैसे इन सब अफलातूनों की भीड़ में से किसी को पता होगा?’......
.....क्या सच में चार्ल्स शोभराज और इन्हीं अजय कुमार सिंह ने तिहाड़ जेल से फरारी के वक्त जेल सुरक्षाकर्मियों को 50-50 रुपए के नोट बांटे थे? बताने के लिए अभी यह सीरीज जारी रहेगी...लगातार कई दिन तक आते रहिए इससे जुड़ी अभी और कई ‘इनसाइड स्टोरी’ पढ़ने के लिए हमसे जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक करके..... https://www.statemirror.com/