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EXCLUSIVE: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा तिहाड़ जेल के लिए 'मरा सांप' है!

26/11 हमले का मास्‍टरमाइंड तहव्‍वुर राणा तिहाड़ जेल में है और उसकी सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि पहले भी तिहाड़ जेल में कैदियों की हत्‍या हो चुकी है. ऐसे में राणा की सुरक्षा को लेकर सवाल उठना लाजमी है.

EXCLUSIVE: मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा तिहाड़ जेल के लिए मरा सांप है!
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Published on: 17 April 2025 5:13 PM

भारत की नजर से यहां के लिए अपराध जगत से जुड़ी हाल-फिलहाल के दिनों में तहव्वुर राणा से बढ़कर दूसरी और कोई खबर नहीं है. ऐसे तहव्वुर राणा के चलते जिसने अमेरिका से भारत और पाकिस्तान तक कोहराम मचा रखा है, को लेकर अब एशिया की सबसे बदनाम दिल्ली में स्थित ‘तिहाड़ जेल’ से भी खबरें आने लगी हैं.

स्टेट मिरर हिंदी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में “ब्लैक-वारंट” के लेखक और तिहाड़ जेल के पूर्व अधिकारी ने यह कहकर सनसनी मचा दी है कि, ‘अब से 16 साल पहले जब 26/11 मुंबई में आतंकवादी (26/11 Mumbai Terror Attack) हमले हुए थे तब, भारत और पाकिस्तान के लिए आतंकवादी तहव्वुर राणा (Terrorist Tahawwur Rana) सनसनी रहा होगा. अब वो बूढ़ा-बेदम हो चुका है. खुद को जिंदा रखकर किसी तरह से जीवन की बची-खुची आखिरी सांसों को पूरा करने की दुआएं मांग रहा होगा. तिहाड़ जेल (Tihar Jail) के लिए तो यह आतंकवादी कतई सनसनी नहीं है. तिहाड़ या फिर दिल्ली की मंडोली-रोहिणी जेल के लिए तो, तहव्वुरा राणा (Tahawwur Rana) मरे हुए सांप से ज्यादा कुछ नहीं है.’

कोई सनसनी नहीं है तहव्वुर राणा

दरअसल यह तमाम बातें ‘स्टेट मिरर हिंदी’ से तिहाड़ जेल के रिटायर्ड कानून अधिकारी और ब्लैक वारंट जैसी चर्चित किताब के लेखक सुनील गुप्ता ने तब बेबाकी से बयान कीं, जब उनसे पूछा गया कि तिहाड़ जेल में तो सात तालों के भीतर खतरनाक बदमाशों का भी कत्ल हो जाता है. ऐसे में अमेरिका से प्रत्यर्पित कराके लाया गया मुंबई में साल 2008 में हुए चुके आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड आतंकवादी तहव्वुरा राणा के जीवन को, तिहाड़ जेल या दिल्ली की दो अन्य जेलों (रोहिणी-मंडोली) में कैसे सुरक्षित रखा जा सकेगा? सुनील गुप्ता बोले, ‘तहव्वुर राणा आज की तारीख में सनसनी नहीं रहा है. बढ़ती उम्र की नजर से और शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो चुका है. कस्टडी से भाग पाने की उसमें अब कुव्वत बाकी नहीं बची है.’

कुछ दिन में मीडिया भी नहीं रखेगा याद

तिहाड़ जेल के पूर्व अधिकारी ने आगे कहा, ‘ऐसा तहव्वुरा राणा अब किसकी और काहे की सनसनी बाकी बचा है? यह तो बस जब वो 16 साल बाद पहली बार अमेरिका से भारत आया था, तो मीडिया के लिए सनसनी रहा. दो चार दिन में देखिए भारत का मीडिया भी तहव्वुर राणा की ओर से मुंह फेर लेगा. क्योंकि मैं जानता हूं न कि अब असल में तहव्वुर राणा में न जान बची है और ही उसके भीतर से निकल कर आने वाली किसी सनसनीखेज खबरों का खजाना मौजूद है. भारतीय एजेंसियां जब उसे अमेरिका से घसीटकर लाईं, उससे पहले ही उसके खिलाफ तमाम सबूत इकट्ठे कर लिए गए हैं. भारतीय एजेंसियों की कस्टडी में जितना तहव्वुर राणा कभी नहीं बता सकता था, उससे कहीं ज्यादा तो उसके बारे में या उसकी क्राइम कुंडली के बारे में भारत व अमेरिकी एजेंसियां पहले ही खंगाले बैठी हैं.’

काहे का खूंखार अपराधी

एक सवाल के जवाब में तिहाड़ जेल के पूर्व अफसर बोले, ‘तिहाड़ या फिर दिल्ली की किसी भी जेल में उसे खतरा होता है जो मजबूत या किसी काम का होता है. तहव्वुर राणा के जेल में किस बात का खतरा और क्यों होगा? सच बताऊं तो दिल्ली की किसी भी जेल के लिए तहव्वुर राणा जैसे अपराधी खूंखार की श्रेणी में तो आते ही नहीं है. तहव्वुर राणा तो दिल्ली जेल प्रशासन के लिए मरे हुए सांप से ज्यादा कुछ नहीं है. जो जेल की किसी सूनसान विशेष-सेल के एक कोने में कहीं पड़ा रहेगा.’ तहव्वुर राणा अंतरराष्ट्रीय स्तर का मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल रहा है. ऐसे में दिल्ली की जेल में क्या उसे किसी से खतरा हो ही नहीं सकता है?

संगीनों के साए में रहेगा राणा

पूछने पर तिहाड़ जेल के पूर्व कानून अधिकारी सुनील गुप्ता बोले, ‘भारत की कस्टडी में बीमार न हो. जेल में बीमार होने पर इसका उचित और तुरंत इलाज हो. इसकी काल-कोठरी (विशेष तन्हाई वाली कोठरी) के आसपास कोई न फटक सके. इसकी कोठरी के चारों ओर वे हथियारबंद सुरक्षाकर्मी रखे जाएंगे, जो खतरे की आशंका होते ही, जेल मुख्यालय से बिना पूछे सुरक्षा के लिए गोलियां चलाने का विशेष-अधिकार रखते हों, तैनात किए जाएंगे. इसके खाने की जांच पहले की जाएगी. ताकि इसके खाने में कोई जहर आदि मिलाकर भारत के लिए नई मुसीबत न खड़ी कर दे.

राणा के लिए जेल कोई खतरा नहीं

यह सब सुरक्षा तैयारियां तो जेल-मेनुअल के हिसाब से दी जाएंगी. मगर यह सोचिए कि जिस तरह से बीते कुछ सालों में कुछ खूंखार अपराधियों को गैंगवार में, तिहाड़ जेल की बैरकों के भीतर ही कत्ल-ए-आम कर डाला गया था, वैसा हो पाने की तहव्वुर राणा के साथ कोई आशंका मुझे तो नहीं लगती है. बल्कि इसकी रखवाली की जिम्मेदारी यह ज्यादा बन जाती है कि, जेल के भीतर इसके साथ कोई संदिग्ध गतिविधि न हो जाए. या फिर कोई जेल स्टाफ अथवा कोई अन्य अपराधी इस तक न पहुंच सके. ये सब भी मगर जेल मैनुअल के हिसाब से ही बता रहा हूं. जो इसको सुरक्षा और एहतियाती इंतजाम दिए जाएंगे. बाकी न तो जेल इसके लिए कोई खतरा है. और न ही तहव्वुर राणा तिहाड़ जेल के लिए किसी तरह का खतरा है.’

तहव्वुर राणा
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