तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिसकी भूमिका 26/11 मुंबई हमलों की साजिश में अहम मानी जाती है. राणा पेशे से एक चिकित्सक और व्यवसायी था, लेकिन उसकी जिंदगी ने एक खतरनाक मोड़ तब लिया जब वह अपने पुराने दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के संपर्क में आया. दोनों की दोस्ती पाकिस्तान के सैन्य स्कूल 'कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल' से शुरू हुई थी, जो बाद में वैश्विक आतंक की साजिश में बदल गई.
राणा ने भारत में लश्कर-ए-तैयबा की मदद से हमलों के लिए ज़मीन तैयार करने में मदद की. उसने हेडली को एक झूठे बिजनेस वीज़ा के ज़रिए भारत भेजा और उसे लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराया, जिससे हेडली ने मुंबई के प्रमुख स्थलों की रेकी की और आतंकियों के लिए टारगेट तय किए.
2009 में अमेरिका में उसे गिरफ्तार किया गया और शिकागो की एक अदालत ने उसे डेनमार्क में आतंकी साजिश में दोषी पाया, लेकिन मुंबई हमलों में संलिप्तता के आरोप से बरी कर दिया. हालांकि भारत ने लगातार उसके प्रत्यर्पण की मांग की और लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अमेरिका ने उसे भारत को सौंपने का फैसला किया. राणा की गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों की एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है. अब भारत सरकार की निगाहें राणा से पूछताछ के ज़रिए अन्य छिपे हुए आतंकियों और उनके नेटवर्क को उजागर करने पर है.