Crime कुंडली : नाम- सलीम 'पिस्टल', शिक्षा-8वीं फेल, हुनर-अतीक अहमद, बाबा सिद्दीकी, मूसेवाला कांड में इस्तेमाल ‘जिगाना’ का सप्लायर!
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इंटरनेशनल हथियार तस्कर शेख सलीम उर्फ Salim Pistol को नेपाल बॉर्डर से पकड़ा. दिल्ली के सीलमपुर निवासी और आठवीं फेल सलीम ने छोटे अपराधों से शुरुआत की और फिर पाकिस्तान जाकर D-Company व ISI से जुड़कर Zigana Pistol की तस्करी शुरू की. यही हथियार अतीक अहमद, बाबा सिद्दीकी और सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हुआ. सलीम अब तक Lawrence Bishnoi और Hashim Baba Gang को कई खेप सप्लाई कर चुका है.;
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नेपाल सीमा से एक इंटरनेशनल हथियार तस्कर शेख सलीम उर्फ सलीम ‘पिस्टल’ को दबोचा है. दिल्ली के सीलमपुर इलाके के मूल निवासी इस खूंखार मास्टरमाइंड इंटरनेशनल हथियार तस्कर की तलाश में दिल्ली सहित देश के कई राज्यों की पुलिस साल 2018 से खाक छान रही थी. स्टेट मिरर हिंदी के एडिटर क्राइम इनवेस्टीगेशन ने सलीम पिस्टल की, दिल्ली पुलिस की फाइलों में दर्ज 'क्राइम-कुंडली' खंगाली.
कई ऐसी जानकारियां दफन मिलीं जिन्हें पढ़कर या जान और सुनकर किसी का भी माथा ठनक जाएगा. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के एक उच्चाधिकारी के मुताबिक, “शेख सलीम सातवीं पास है. उसने आठवीं कक्षा में एडमिशन लेकर पढ़ने की कोशिश की थी. उसे गलत संगत मिली तो वह आठवीं कक्षा पास नहीं कर सका और छोटे-मोटे अपराधों को अंजाम देने लगा. अपने आपराधिक जीवन की उसने शुरूआत गली-मोहल्ले में छोटी-मोटी चोरियों से की.”
2018 में जमानत पर बाहर आकर हुआ फरार
एक छोटे से मामले में सलीम को दिल्ली पुलिस ने साल 2018 में गिरफ्तार किया था. उसके बाद जब वह जेल से जमानत पर बाहर आया तो फिर वापिस नहीं लौटा. पता चला कि वह दिल्ली से फरार होने के बाद नेपाल के रास्ते पाकिस्तान चला गया. वहां उसने डी-कंपनी और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कुछ गुर्गों की छत्र-छाया हासिल कर ली. वहां सलीम ने देखा कि तुर्की में बनने वाली जिगाना पिस्टल बेहद घातक मार और सटीक निशाना साधने वाली है.
‘जिगाना पिस्टल’ का सबसे बड़ा तस्कर
‘जिगाना पिस्टल’ के बारे में अंदर की हर बात मालूम होते ही उसने यह बात ताड़ी कि क्या इस पिस्टल को भारत में आसानी से ऊंचे दाम पर बेचा जा सकता है? जैसे ही उसे पता चला कि इस पिस्टल को पाने के लिए तो लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर सिर फोड़े घूम रहे हैं. बस फिर क्या था, अनपढ़ सलीम ने पाकिस्तान में ही कुछ जिगाना पिस्टल का जुगाड़ औने-पौने दाम पर कर लिया. बाद में नेपाल के रास्ते इन खतरनाक पिस्तौलों की छोटी-छोटी खेप सलीम ने, भारत में मौजूदा बड़े अपराधी गिरोहों तक पहुंचाना शुरू कर दिया.
अतीक अहमद की हत्या में इस्तेमाल हुई जिगना
इस काम में उसे बिना कुछ ज्यादा मेहनत करे-धरे ही मोटी रकम हासिल होने लगी. साथ ही वह भारत में बैठे बड़े अपराधियों के संपर्क में भी आ गया. जो इसी बेशकीमती मगर बेहद घातक ‘जिगाना’ पिस्टल को पाने के लिए हर वक्त लार टपकाए रहते हैं. दरअसल इस पिस्टल की चर्चा 15 अप्रैल 2023 में तब सबसे ज्यादा हुई थी जब प्रयागराज के माफिया गुंडा ब्रदर्स अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को हमलावरों ने गोलियों से भून डाला था. उस घटना में भी इसी जिगाना मेक की पिस्टल इस्तेमाल हुई थी. इस पिस्टल का अपराधियों के लिए इतना ज्यादा महत्व बढ़ चुका है आज कि, वे मुंहमांगे दाम/कीमत पर इसे खरीदने के लिए व्याकुल रहते हैं.
लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा गैंग का सप्लायर
पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सलीम अब तक लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा गैंग को कई जिगाना पिस्टल उपलब्ध करा चुका है. साल 2022 के आसपास सलीम को लगा कि काम तो सिर्फ जिगाना पिस्टल की ही तस्करी से चल जा रहा है. तो उसे भारत लौटकर जाने से भला क्या हासिल होने वाला है? लिहाजा वह पाकिस्तान और नेपाल में ही छिपा रहकर हथियार तस्करी करने लगा था. जिगाना पिस्टल दरअसल एक सेमी-ऑटोमैटिक हथियार है. इसे साल 2001 में तुर्की ने पहली बार बनाया था.
बेहद खतरनाक जिगना पर भारत में है बैन
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की मानें तो, “जिगाना पिस्टल दरअसल कीमती तो है. यह अपराधियों में इसलिये ज्यादा डिमांड में हमेशा रहती है क्योंकि इसके अंदर एक साथ 15-17 राउंड गोलियां भर कर दागी जा सकती हैं. ट्रिगर का डिजाइन भी काबिल-ए-तारीफ है, जिसमें कभी भी इस पिस्टल को चलाने वाले की उंगलियां स्लिप होकर फंसती ही नहीं हैं. लगातार 30-35 राउंड गोलियां चलाने और बेहद हल्की होने के बावजूद इसकी नाल गरम नहीं होती है. इसलिए इसकी नाल फटने का डर भी नहीं है. तुर्की में निर्मित यह घातक हथियार भारत में प्रतिबंधित है.”
पहली बार साल 2000 में हुआ था गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के एक अधिकारी कहते हैं, “दिल्ली के सीलमपुर इलाके के रहने वाले शेख उर्फ सलीम पिस्टल का जन्म साल 1972 में हुआ था. घर की माली हालत के चलते उसकी संगत बचपन से ही खराब हो गई. थोड़ा होश संभाला तो खुद को गली के बिगड़े हुए लड़कों के बीच पाया, जो सुबह से शाम तक छोटी मोटी चोरी की वारदातें करने में ही जुटे रहते थे. पहली बार इसे साल 2000 में यानी अब से करीब 25 साल पहले दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था. उसके बाद जेल से बाहर आ गया.”
नेपाल के रास्ते पहुंचा पाकिस्तान
दुबारा इसे 18 सितंबर 2013 को गिरफ्तार किया गया. तीसरी बार जब साल 2018 में गिरफ्तार करके जेल गया, और जेल से जमानत पर बाहर निकला. तब फिर यह गायब हो गया. और किसी तरह से नेपाल के रास्ते पाकिस्तान जा पहुंचा. हालांकि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल का दावा है कि इसे नेपाल सीमा पर (भारत की हद में) पकड़ा गया है. जबकि दूसरी ओर स्टेट मिरर हिंदी के सूत्र बताते हैं कि यह लंबे समय से नेपाल में ही छिपा हुआ था. वहां इसे 9 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इसकी गिरफ्तारी भारतीय खुफिया एजेंसियों से हासिल गुप्त जानकारी पर की है. खास बात यह भी है कि सलीम पिस्टल ही भारत को अब तक का वह पहला हथियार तस्कर भी है, जिसने अकेले ही बीते कई साल में अब तक भारत के अपराधियों को ‘जिगाना’ जैसी घातक पिस्टल तस्करी के जरिए मुहैया कराई है. कहा तो यह भी जा रहा है कि सलीम ने ही हाशिम बाबा, लॉरेंस बिश्नोई सहित तमाम भारतीय गैंगस्टर्स को जिगाना पिस्टल मुहैया कराई है.
खबरों के मुताबिक इस जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल पंजाब में सिद्धू मूसेवाला और मुंबई में हुए बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में भी हुई थी. उन दोनों ही लोमहर्षक हत्याकांडों में हथियार सप्लायर के रूप में इसी सलीम पिस्टल का नाम निकल कर सामने आया था. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की मानें तो, जिगाना पिस्टल तस्करी के साथ, शेख उर्फ सलीम कार्बाइन जैसे घातक जानलेवा हथियार भी अवैध रुप से मुहैया कराता था.