'मुझे बांग्लादेश पसंद था, लेकिन फिर कभी नहीं जाउंगा', युवक ने सुनाई हमले की दर्दनाक कहानी
बांग्लादेश में भारतीयों पर हो रहे अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. इस बीच भारत के रहने वाले सायान घोष ने अपना अनुभव शेयर किया है. उसने कहा कि वह वहां शॉपिंग के लिए गया था. लेकिन इस दौरान उसपर हमला हुआ जो बिल्कुल अच्छा नहीं था. इस हमले के बाद उसने फैसला किया कि वह कभी बांग्लादेश नहीं जाएगा.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कई जानकारियां सामने आती रहती हैं. अब तक कई हिंदुओं पर दबाव बनाते हुए उनपर अत्याचार किया जा रहा है. इस बीच 21 साल के भारतीय सायन घोष ने अपना बांग्लादेश दौरे का अनुभव साझा किया. घोष ने बताया कि 26 नवंबर को बांग्लादेश में घूमने के लिए गया था. लेकिन इस दौरान उसके साथ जो हुआ वो काफी भयानक था.
घोष ने बताया कि वह 23 नवंबर को अपने एक दोस्त के साथ शॉपिंग के लिए बांग्लादेश में गया था. इस दौरान वहां के लोकल व्यक्ति ने आकर उनसे पूछा कि वह कौन है ऐसा इसलिए क्योंकी वह लोकल नहीं दिखते थे. इस पर घोष ने जवाब देते हुए कहा कि वह भारत से हैं. साथ ही उससे उसके धर्म के बारे में भी पूछा गया घोष ने जैसे ही कहा कि वह हिंदू है. स्थानिय लोगों ने उसपर हमला क दिया और उससे उसका पर्स फोन सब छीन लिया. इस अनुभव को देखते हुए उसने दोबारा कभी बांग्लादेश न जाने का फैसला किया है.
फिर कभी नहीं जाउंगा बांग्लादेश
इस घटना के बाद उन लोगों के खिलाफ घोष शिकायत करने के लिए तैयार हैं. लेकिन इस अनुभव के बाद उसने फैसला किया कि अगर अभी भी अशांति जारी रही तो वह फिर कभी बांग्लादेश का दौरा नहीं केरगा. सायन का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब बांग्लादेश से लगातार अशांति की जानकारियां सामने आ रही है. हालांकि भारत वापिस लौटने पर सायन के पिता ने राहत की सांस ली है. साथ ही उसके इस खराब अनुभव को लेकर निराशा जताई है.
बेटा सुरक्षित आ गया खुशी है
पिता ने बेटे के लौटने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह भारत वापिस सुरक्षित लौट आया इस बात की मुझे खुशी है. लेकिन इस दौरान उसने एंबेसी से मदद की गुहार लगाई थी. इस पर पिता ने बताया कि उनकी ओर से कोई सहायता नहीं मिली इसके बजाए वह उससे लगातार बस यही सवाल करते गए कि आखिर वह वहां क्यों गया और वहां क्यों था. पिता का कहना है कि सायान के पास टूरिस्ट विजा था अगर इस पर दिक्कत थी तो वीजा नहीं देना चाहिए थे. उन्होंने कहा कि ये मैं जानता हूं कि वो किस दौर से गुजरा है. उसके पिता के रूप में मैं बस उसके सुरक्षित लौटने की प्रार्थना करता रहा.