Bangladesh unrest: पड़ोस में घमासान तो CM ममता क्यों परेशान? हिंदू वोट बैंक साधने में जुटी टीएमसी
Bangladesh unrest: पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार से बंगाल की राजनीति एक्टिव हो गई है. सीएम ममता बनर्जी ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन की तैनाती का आग्रह किया है, लेकिन सवाल ये है कि ममता का ये कदम कितना संभव और व्यावहारिक है?

Bangladesh unrest: बांग्लादेश में हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है. बांग्लादेश में चल रहे इस तरह के हालात के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में अशांति को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) शांति सेना भेजने की मांग की है, लेकिन इसके पीछे का राजनीतिक कारण क्या है और क्या ममता बनर्जी आने वाले चुनाव की तैयारी कर रही हैं? राज्य की एक मुख्यमंत्री के तौर पर इस तरह की मांग कितना संभव और व्यावहारिक है?
ममता बनर्जी के बयान ने कोलकाता से दिल्ली तक तहलका मचा दिया है. बांग्लादेश मो. यूनुस की सरकार हिंदू और उनके विचारकों पर नकेल कसा जा रहा है, जिसके कारण अब पश्चिम बंगाल की राजनीति भी एक्टिंव हो गई है. इसकी वजहें भी साफ है कि जब भी बांग्लादेश में खून बहा है, इसका असर बंगाल की सरकार पर पड़ी है. आने वाले समय में सत्ता रही सरकार को कुर्सी से हाथ धोना पड़ा है और राज्य की राजनीति पर इसका बड़ा असर देखने को मिलाता रहा है.
बांग्लादेश में अस्थिरता से बंगाल सरकार क्यों परेशान?
बांग्लादेश जब पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था, तब 1964 में पहली बार बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और बड़े पैमाने पर शरणार्थी बंगाल आ थे. उस वक्त बंगाल में कांग्रेस की सरकार थी. 1967 के चुनाव में बंगाल में इस मुद्दे की वजह से कांग्रेस चुनाव हार गई. 1975 में बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या के बाद बांग्लादेश में जमकर हिंसा हुई और करीब 1 करोड़ शरणार्थी भारत आए थे, जिसके बाद एक बार फिर से बंगाल में कांग्रेस की सरकार उखड़ गई. अब ये खौफ ममता बनर्जी को भी खाए जा रहा है. पहले से डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर को लेकर पूरे देश का विरोध झेल रही ममता सरकार के आगे एक और बड़ा चैलेंज आ सकता है.
हिंदू वोट हाथों से जाने का डर
बांग्लादेश में इस बार बड़े पैमाने पर हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा है, ऐसे में बंगाल में रह रहे हिंदू भी इसे लेकर डरे हुए हैं और ममता बनर्जी पर पहले से ही मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे हैं. मौका देख बीजेपी एक बार फिर से हिंदुत्व का मुद्दा उछाल सकती है, जिसे लेकर ममता बनर्जी पूरी तरह से डिफेंड करने में पहले से ही लग गई है. वह बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार पर चिंता जाहिर करते हुए UN आर्मी की माग की है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में मुसलमानों की आबादी करीब 28% है. वहीं हिंदू 70% के आसपास है.
क्या ममता बनर्जी की मांग है व्यावहारिक?
ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र सरकार से संयुक्त राष्ट्र (UN) में जाकर बांग्लादेश में शांति मिशन की तैनाती की मांग करने का अनुरोध किया. उन्होंने राज्य विधानसभा में बोलते हुए केंद्र से आग्रह किया. पिछले दिनों भारत में लगभग पूरा विपक्ष एक स्वर में सरकार के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए पड़ोसी देश में शांति लाने के लिए कदम उठाने की मांग कर रहा था, लेकिन जब संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन की बात आती है तो इस प्रक्रिया की व्यावहारिकता पर सवाल उठाए जाते हैं.