क्या है 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल'? जिसमें ट्रांसफर पर देना होगा टैक्स, ऐसे लगेगा भारतीयों की जेब को झटका
अमेरिका ने वन बिग ब्यूटीफुल बिल पास कर दिया है, जो भारतीयों के लिए मुसीबत बन सकता है, क्योंकि इसमें पैसे भेजने पर 5% टैक्स देना होगा, जिसमें कोई मिनिमन लिमिट भी नहीं है. यही नहीं, इस बिल के कारण रुपया कमजोर भी हो सकता है.

अमेरिका के हाउस रिपब्लिकन ने एक बिल को बेहद कम अंतर से पास कर दिया. यह कोई साधारण बिल नहीं था. पूरे 1,116 पन्नों का यह कानून अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों की झलक था. इस बिल का नाम वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट है, जिसे 17 पक्ष और 16 विरोध में पास कराया गया.
सबसे हैरानी वाली बात है कि कुछ दिन पहले तक जो सांसद इस कानून को रोकने के लिए रूढ़िवादी डेमोक्रेट्स के साथ खड़े थे, वे अब साथ आ गए थे. चलिए जानते हैं क्या है ये बिल.
दीवारें ऊंची होंगी और नियम सख्त
इस कानून की सबसे ज़्यादा चर्चा यूएस-मेक्सिको बॉर्डर वॉल के रेफरेंस में हो रही है. व्हाइट हाउस की एक प्रेस रिलीज के मुताबिक इसमें 701 मील लंबी दीवार, 900 मील की रिवर बैरियर्स, 629 मील की सेकेंडरी बैरियर्स, 141 मील की व्हेकिल, पेडेस्ट्रेन बैरियर और साथ ही एडवांस टेक्निकल मॉनिटरिंग जैसी चीजें होंगी. इस प्रोजेक्ट के लिए ट्रम्प प्रशासन ने $46.5 बिलियन की फंडिंग की है. इसके साथ-साथ $350 बिलियन का प्रोविजन डिपोर्टेशन एजेंडे के लिए भी है.
लेकिन असर सिर्फ अवैध अप्रवासियों पर नहीं पड़ेगा. यह बिल अप्रवासियों की ज़िंदगी को केवल सीमा पर नहीं, बल्कि उनकी जेब में भी महसूस होगा और इसमें शामिल हैं H-1B वीजा धारक और ग्रीन कार्ड होल्डर भी.
पैसे भेजने पर लगेगा टैक्स
गैर-अमेरिकी नागरिकों द्वारा किए गए इंटरनेशनल मनी ट्रांसफरपर 5% टैक्स देना होगा. इसमें कोई मिनिमन लिमिट नहीं है. यानी अगर कोई भारतीय प्रवासी अपने गांव में 5000 भी भेजे, तो उस पर भी टैक्स लगेगा.
भारत को लगेगा आर्थिक झटका
भारत दुनिया में सबसे बड़ा रेमिटेंस रिसीव करने वाला देश है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने $120 बिलियन डॉलर का रेमिटेंस मिला , जिसमें से 28% हिस्सा केवल अमेरिका से आया. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने चेताया है कि इस 5% कर के कारण भारत को 12 से 18 बिलियन डॉलर सालाना का नुकसान हो सकता है.
रुपया हो सकता है कमजोर
रेमिटेंस फ्लो में 10-15% गिरावट आ सकती है और रुपया 1-1.5 रुपये प्रति डॉलर तक कमजोर हो सकता है. भारत के लगभग 4.5 मिलियन लोग अमेरिका में रहते हैं. उनमें से 3.2 मिलियन भारतीय मूल के हैं. हर महीने हज़ारों परिवार इनसे मिलने वाले पैसों पर निर्भर करते हैं.