ट्रंप-पुतिन मीटिंग फेल हुई तो भारत पर लगाए जाएंगे सेंकेडरी टैरिफ... रूस से तेल खरीद पर भड़के अमेरिका ने फिर धमकाया
अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने चेतावनी दी है कि अगर अलास्का में होने वाली डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की बैठक सफल नहीं होती, तो भारत पर सेकेंडरी टैरिफ और बढ़ाए जा सकते हैं. अमेरिका पहले ही रूस से तेल खरीदने पर भारत के सामान पर कुल 50% टैरिफ लगा चुका है. ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदकर 'युद्ध मशीन को ईंधन' देने का आरोप लगाया है.

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगर 15 अगस्त को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात में 'हालात अच्छे नहीं रहे' तो भारत पर सेकेंडरी टैरिफ और बढ़ाए जा सकते हैं. ट्रंप और पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलेंगे, जहां उनका उद्देश्य यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए कोई रास्ता निकालना है. यह युद्ध फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर हमले के बाद शुरू हुआ था.
"अगर चीजें सही नहीं रहीं, तो प्रतिबंध या सेकेंडरी टैरिफ और भी बढ़ सकते हैं"
ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में बेसेंट ने कहा, "हमने भारतीयों पर रूसी तेल खरीदने के लिए सेकेंडरी टैरिफ लगाए हैं. अगर चीजें सही नहीं रहीं, तो प्रतिबंध या सेकेंडरी टैरिफ और भी बढ़ सकते हैं."
भारत पर अब तक 50 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं ट्रंप
गौरतलब है कि ट्रंप पहले ही भारत पर 25% टैरिफ लगा चुके थे, लेकिन 7 अगस्त को उन्होंने रूस से तेल खरीदने के चलते इस पर अतिरिक्त 25% और जोड़ दिया, जिससे कुल टैरिफ दर 50% हो गई. ट्रंप का आरोप है कि भारत रूसी तेल खरीदकर 'वार मशीन' को ईंधन दे रहा है, और वह इससे खुश नहीं होंगे.
ट्रंप ने रूस को दी चेतावनी
इसी सप्ताह ट्रंप ने रूस को चेतावनी दी थी कि अगर उसने युद्ध नहीं रोका तो उसे 'बेहद गंभीर' परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने यूरोपीय देशों को भी सेकेंडरी प्रतिबंधों में शामिल होने की नसीहत दी. बेसेंट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप अपनी बातचीत से पहले 'लेवरेज' तैयार कर रहे हैं और इसके लिए यूरोप की मदद भी जरूरी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की से की बात
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की. जेलेंस्की ने भारत से शांति प्रयासों में समर्थन की अपील की. पीएम मोदी ने दोहराया कि भारत युद्ध के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है और हर संभव योगदान देने को तैयार है.
'भारत अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा'
ट्रंप के टैरिफ पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने साफ कहा कि भारत अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा, चाहे इसके आर्थिक नतीजे कुछ भी हों. वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने इन दोगुने टैरिफ को 'अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यावहारिक' करार देते हुए कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद बाजार की स्थितियों और 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा की जरूरतों पर आधारित है. भारत ने यह भी याद दिलाया कि जो देश रूस से व्यापार पर उसे घेर रहे हैं, वे खुद रूस के साथ कारोबार कर रहे हैं.