IMF बेलआउट का कमाल! ट्रंप की नजदीकी से बदले पाक के हालात, मूडीज ने बढ़ाई क्रेडिट रेटिंग; जानें क्या-क्या मिलेगा फायदा
मूडीज ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग ‘Caa2’ से बढ़ाकर ‘Caa1’ कर दी है. IMF के 7 अरब डॉलर बेलआउट और आर्थिक सुधारों का असर अब साफ दिख रहा है. बॉन्ड की कीमतें 2022 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचीं. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ी और विदेशी निवेशकों का भरोसा लौटने लगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के रिश्तों में हालिया नजदीकियों के बीच रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पाकिस्तान की क्रेडिट रेटिंग को ‘Caa2’ से बढ़ाकर ‘Caa1’ कर दिया है. यह एक पायदान का सुधार है, लेकिन देश के लिए यह मनोवैज्ञानिक और आर्थिक दोनों मोर्चों पर बड़ा कदम माना जा रहा है. मूडीज ने साफ कहा है कि पाकिस्तान की बाहरी वित्तीय स्थिति बेहतर हो रही है, जो यह दर्शाती है कि मौजूदा आर्थिक नीतियां सही दिशा में जा रही हैं.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि हाल के पॉजिटिव इकोनॉमिक इंडिकेटर्स के आधार पर केंद्रीय बैंक नीतिगत ब्याज दर (जो अभी 11% है) को घटाने की स्थिति में आ सकता है. ब्याज दर घटने का मतलब होगा कि उद्योग और व्यापार जगत को सस्ती फाइनेंसिंग मिलेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस अपग्रेड को सरकार की नीतिगत जीत करार दिया और कहा कि यह पाकिस्तान की आर्थिक साख में सुधार का सबूत है.
बॉन्ड मार्केट में जबरदस्त उछाल
रेटिंग बढ़ने का असर तुरंत बॉन्ड मार्केट में देखा गया. पाकिस्तान के इंटरनेशनल बॉन्ड की कीमत 1 सेंट बढ़कर 90 से 100 सेंट के बीच पहुंच गई, जो 2022 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. साल 2022 में लोन संकट के चलते ये बॉन्ड 30 सेंट तक गिर गए थे. रॉयटर्स के अनुसार, यह सुधार पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय लोन जुटाने की शर्तों को आसान करेगा, क्योंकि निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.
IMF बेलआउट पैकेज का असर दिखना शुरू
IMF से 7 अरब डॉलर का बेलआउट मिलने के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में स्थिरता के संकेत मिलने लगे हैं. मूडीज ने अपने दृष्टिकोण को ‘पॉजिटिव’ से ‘स्थिर’ में बदला है. इसका मतलब है कि मौजूदा वित्तीय और मौद्रिक नीतियां IMF के Extended Fund Facility (EFF) प्रोग्राम के तहत सुधार की दिशा में हैं और यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के नजरिए से एक अच्छा सिग्नल है.
लोन लेने की क्षमता में सुधार लेकिन चुनौतियां बाकी
मूडीज का कहना है कि रेटिंग में सुधार से पाकिस्तान की लोन लेने की क्षमता बढ़ेगी, लेकिन Caa1 रेटिंग अभी भी दुनिया के सबसे कमजोर देशों में गिनी जाती है. कमजोर गवर्नेंस, ऊंची राजनीतिक अनिश्चितता और सीमित निर्यात क्षमता जैसी चुनौतियां अब भी मौजूद हैं. हालांकि, इस अपग्रेड ने यह संकेत दिया है कि अगर सुधार जारी रहे तो आगे और पॉजिटिव बदलाव हो सकते हैं.
पाकिस्तान को क्या-क्या होगा फायदा?
- वैश्विक साख में सुधार: रेटिंग बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में पाकिस्तान की छवि बेहतर होगी.
- निवेशकों का भरोसा बढ़ना: विदेशी निवेशक अब पाकिस्तान को ज्यादा सुरक्षित मान सकते हैं.
- लोन की लागत घटेगी: अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड और लोन पर ब्याज दरें कम हो सकती हैं.
- नीतिगत दर में कटौती: ब्याज दर कम होने से उद्योग, व्यापार और कंज्यूमर सेक्टर में ग्रोथ आएगी.
- विदेशी फंडिंग में आसानी: IMF और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आगे भी बेहतर शर्तों पर फंडिंग मिल सकती है.
- बॉन्ड मार्केट में स्थिरता: अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड की कीमतों में मजबूती से वित्तीय बाजारों में भरोसा लौटेगा.





