ट्रंप ने जेब पर मारी चोट, ज़ेलेंस्की ने दिल पर! यूक्रेनी राष्ट्रपति ने PM मोदी को फोन कर कहा- रूस पर प्रतिबंध लगाएं
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए शांति प्रयासों का समर्थन करने की अपील की. ज़ेलेंस्की ने अपने बयान में कहा कि यह ज़रूरी है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन करे और यह मान्यता दे कि यूक्रेन से जुड़ा हर फैसला यूक्रेन की भागीदारी से ही होना चाहिए. अन्य कोई भी फ़ॉर्मेट परिणाम नहीं देगा. यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब कुछ दिन पहले ही अमेरिका ने रूसी तेल खरीदने को लेकर भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया था.
Narendra Modi Volodymyr Zelensky Phone Talks: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की. यह कॉल ऐसे समय में हुई है जब भारत, रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिका के भारी टैरिफ का सामना कर रहा है. ज़ेलेंस्की ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति प्रयासों का समर्थन करने की अपील की.
जेलेस्की ने कहा, "यह ज़रूरी है कि भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन करे और यह मान्यता दे कि यूक्रेन से जुड़ा हर फैसला यूक्रेन की भागीदारी से ही होना चाहिए. अन्य कोई भी फ़ॉर्मेट परिणाम नहीं देगा." इसके जवाब में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत युद्ध पर अपनी स्थायी और साफ़ स्थिति पर कायम है.
प्रधानमंत्री ने X पर लिखा, "मैंने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को स्पष्ट किया कि संघर्ष का जल्द और शांतिपूर्ण समाधान ज़रूरी है. भारत इसमें हर संभव योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है और साथ ही यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगा."
ज़ेलेंस्की ने की रूस पर प्रतिबंध लगाने की वकालत
ज़ेलेंस्की ने रूस पर प्रतिबंध लगाने की भी वकालत की और कहा कि रूसी ऊर्जा, खासतौर पर तेल के निर्यात पर रोक लगाई जाए ताकि युद्ध जारी रखने की उसकी क्षमता घटे. यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है.
अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने और 'वॉर मशीन को ईंधन देने' के आरोप में भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ भी लगा दिया. ट्रंप के इन टैरिफ़ पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि भारत किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा, चाहे इसके आर्थिक परिणाम कितने भी बड़े क्यों न हों.
"हमारे लिए किसानों का हित सर्वोपरि है"
प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारे लिए किसानों का हित सर्वोपरि है. मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी. मुझे पता है कि इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, और मैं इसके लिए तैयार हूं. भारत इसके लिए तैयार है."





