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क्या जॉन एफ कैनेडी की हत्या के पीछे था CIA का हाथ? JFK Files में छिपे हैं क्‍या-क्‍या सीक्रेट?

जॉन एफ. केनेडी की डलास के डेली प्लाज़ा में 22 नवंबर, 1963 को हत्या कर दी गई. उनकी हत्या को लेकर अब भी अनगिनत सवाल बने हुए हैं, जो 80 हजार से अधिक दस्तावेजों के सार्वजनिक होने के बावजूद अभी तक एक रहस्य बना हुआ है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा JFK की हत्या से जुड़े गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करने के फैसले ने एक बार फिर इस मामले को सुर्खियों में ला दिया. ट्रंप ने पहले 2017 में कुछ दस्तावेज जारी किए थे, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से हजारों पन्नों को अब तक गोपनीय रखा गया था.

क्या जॉन एफ कैनेडी की हत्या के पीछे था CIA का हाथ? JFK Files में छिपे हैं क्‍या-क्‍या सीक्रेट?
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John F Kennedy Murder Secrets: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की हत्या आज भी एक रहस्य बनी हुई है. 22 नवंबर, 1963 को डलास के डीली प्लाजा में हुई उस भयानक घटना ने एक रहस्य छोड़ दिया, जो 80,000 दस्तावेजों के सार्वजनिक होने के बावजूद सुलझ नहीं पाया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन फाइलों को सार्वजनिक करने का फैसला किया, जिससे उस दिन की घटनाओं को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं. कल जेएफके सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में ट्रंप ने कहा, "आपके पास पढ़ने के लिए बहुत कुछ है," और यह भी बताया कि उनकी सरकार कोई जानकारी नहीं छिपाएगी.

इससे पहले 2017 में भी ट्रंप ने कुछ दस्तावेज जारी किए थे, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कई हिस्से छिपाए गए थे. इस साल जनवरी में ट्रंप ने जॉन एफ. कैनेडी, रॉबर्ट एफ. कैनेडी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्याओं से जुड़े सभी बचे हुए दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया. यूएस नेशनल आर्काइव्स की वेबसाइट पर अब ये नए दस्तावेज उपलब्ध हैं, जिनमें 1,123 फाइलें पहली बार सामने आई हैं. शोधकर्ता अब इनमें नई जानकारी तलाश रहे हैं.

वाशिंगटन से भागकर न्यू जर्सी पहुंचे खुफिया अधिकारी अंडरहिल

कैनेडी की हत्या के बाद रात को खुफिया अधिकारी जे. गैरेट अंडरहिल वाशिंगटन से परेशान हालत में भाग गए. वे न्यू जर्सी में एक दोस्त के घर पहुंचे और वहां उन्होंने दावा किया कि सीआईए के एक छोटे गुट ने कैनेडी की हत्या की साजिश रची थी. अंडरहिल ने अपने दोस्त चार्लीन फिट्सिमंस को बताया कि ली हार्वे ओसवाल्ड सिर्फ एक मोहरा था. असली अपराधी सीआईए के वे लोग थे, जो हथियारों की तस्करी, नशीले पदार्थों और दूसरी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त थे.

कैनेडी को लग गई थी गैरकानूनी गतिविधियों की भनक

दस्तावेजों के मुताबिक, अंडरहिल ने कहा कि कैनेडी को इन गैरकानूनी गतिविधियों की भनक लग गई थी और इससे पहले कि वह कुछ उजागर करते, उनकी हत्या कर दी गई. अंडरहिल के दोस्तों ने बताया कि वह बिल्कुल होश में थे, लेकिन बहुत डरे हुए थे. हालांकि, उनके दोस्तों को पहले उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ, क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं था कि सीआईए में इतना क्रूर और संगठित गिरोह हो सकता है.

8 मई 1964 को अंडरहिल की मिली लाश

अंडरहिल को अपनी जान का खतरा था. हत्या के तुरंत बाद वे वाशिंगटन छोड़कर चले गए, लेकिन छह महीने बाद, 8 मई, 1964 को उनकी लाश उनके अपार्टमेंट में मिली. उनके सिर में गोली लगी थी. इसे आत्महत्या करार दिया गया, लेकिन कुछ संदेहास्पद बातें, जैसे कि दाएं हाथ से लिखने वाले व्यक्ति का बाएं कान के पीछे गोली लगना, ने अफवाहों को जन्म दिया. उनकी लाश को न्यू रिपब्लिक के लेखक एशर ब्रायन्स ने खोजा था. उनकी लाश कई दिनों तक अपार्टमेंट में पड़ी रही. अपार्टमेंट में रहने वाले किसी भी शख्स ने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी, जिससे अंदाजा लगाया गया कि शायद गोली चलाने वाले ने साइलेंसर का इस्तेमाल किया हो.

कौन था अंडरहिल?

अंडरहिल का जन्म 1915 में ब्रकलिन में हुआ था. वे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़े थे और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान खुफिया सेवा में शामिल हुए. युद्ध के बाद उन्हें सीआईए में भर्ती करने की योजना थी, लेकिन सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी. 1950 के दशक तक अंडरहिल पत्रकार और सलाहकार बन चुके थे. वे लाइफ और एस्क्वायर जैसी पत्रिकाओं के लिए लिखते थे. इसके साथ ही, वे सोवियत सैन्य विश्लेषण के लिए सीआईए और एफबीआई से भी जुड़े रहे.

क्या ओसवाल्ड ने अकेले की कैनेडी की हत्या?

नए दस्तावेजों से ली हार्वे ओसवाल्ड की भूमिका पर और संदेह बढ़ गया है. सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ओसवाल्ड ने अकेले कैनेडी की हत्या की, लेकिन गोली की टाइमिंग, उसका रास्ता और गवाहों के बयान दूसरी कहानी कहते हैं. जैप्रूडर फिल्म (Zapruder Film) में कैनेडी का सिर पीछे की ओर झुकता दिखता है, जो यह सवाल उठाता है कि क्या सारी गोलियां पीछे से चली थीं. इसके साथ ही, गोलीबारी की टाइमिंग और दिशा से संकेत मिलता है कि हत्या में दो शूटर शामिल थे.

ओसवाल्ड का अतीत भी रहस्यमयी है. वह अमेरिकी मरीन था, जो 1959 में सोवियत संघ चला गया और फिर रूसी पत्नी के साथ वापस आया. कास्त्रो समर्थक और विरोधी समूहों से उसके संबंध और हत्या से पहले सीआईए-एफबीआई की निगरानी ने सवाल उठाए हैं कि क्या वह अकेला था. नवगठित फेडरल सीक्रेट्स डिक्लासिफिकेशन टास्क फोर्स की प्रमुख अन्ना पॉलिना लूना ने भी इस थ्योरी का समर्थन किया कि हत्या में दो शूटर शामिल थे.

हथियार डीलर सैमुअल जॉर्ज कमिंग्स और सीआईए की भूमिका

दस्तावेजों में सैमुअल जॉर्ज कमिंग्स नाम के हथियार डीलर का जिक्र है, जो सीआईए से जुड़ा था. उन्होंने पश्चिम जर्मनी की खुफिया एजेंसी (BND) और अन्य विदेशी एजेंसियों के साथ मिलकर गुप्त हथियार सौदे किए. उसकी कंपनी इंटरनेशनल आर्मामेंट कॉर्पोरेशन ने कास्त्रो विरोधी समूहों को हथियार दिए. हालांकि उसका हत्या से सीधा संबंध नहीं मिला, लेकिन उसके खुफिया कनेक्शन सवाल उठाते हैं.

जैक रूबी ने ओसवाल्ड को मारी गोली

जैक रूबी ने कैनेडी की हत्या के दो दिन बाद 24 नवंबर 1963 को ओसवाल्ड को गोली मार दी. रूबी एक नाइट क्लब मालिक था, जिसके संगठित अपराधियों से संबंध बताए जाते हैं. उसका कहना है कि उसने कैनेडी के लिए ऐसा किया. वह कैनेडी की हत्या से भावुक था और बदला लेना चाहता था, लेकिन कई मानते हैं कि उसने ओसवाल्ड को चुप कराने के लिए गोली मारी. रूबी की जेल में कैंसर से मौत और उनके डॉक्टर लुइस जोलियन वेस्ट का CIA के MKULTRA प्रोजेक्ट (माइंड कंट्रोल प्रोग्राम) से संबंध रहस्य को गहरा करता है.

'मैजिक बुलेट' थ्योरी पर विवाद

मैजिक बुलेटट थ्योरी पर विवाह पैदा हो गया है. इसमें कहा गया है कि एक ही गोली से कैनेडी और टेक्सास के गवर्नर जॉन कॉनली घायल हुए. हालांकि, एक्सपर्ट इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं, वो इसे अविश्वसनीय बता रहे हैं, क्योंकि एक गोली का ऐसा रास्ता लेना लगभग असंभव है.

अब आगे क्या?

कुल मिलाकर, केनेडी की हत्या का रहस्य पूरी तरह हल नहीं हुआ है. सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या JFK की हत्या सिर्फ ओसवाल्ड का काम था या इसके पीछे CIA और अन्य शक्तिशाली संगठनों की गहरी साजिश थी या फिर यह अमेरिकी सरकार के अंदरूनी गुटों द्वारा किया गया एक इनसाइड जॉब था? ये नए खुलासे यह साबित करते हैं कि JFK हत्या की गुत्थी अब भी पूरी तरह सुलझी नहीं है. क्या यह एक हमलावर की करतूत थी या फिर सरकार के भीतर किसी बड़े गुट की साजिश?

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