भूकंप के बाद भारत ने सबसे पहले भेजी थी मदद, फिर भी पीठ में घोंपा छुरा; पाकिस्तान का दोस्त तुर्की कितना ताकतवर?
तुर्की और पाकिस्तान के बीच गहराते सैन्य संबंध भारत के लिए नई चिंता का कारण बनते जा रहे हैं. हाल ही में भारत पर किए गए ड्रोन हमलों में तुर्की निर्मित Asisguard Songar ड्रोन का उपयोग हुआ, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. यह वही तुर्की है जिसे भारत ने भूकंप के समय सबसे पहले मदद भेजी थी, फिर भी तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का खुला समर्थन किया. तुर्की खुद को मुस्लिम देशों का नेता बनाना चाहता है, और भारत-विरोधी एजेंडा को परोक्ष रूप से बढ़ावा दे रहा है.

Turkey-Pakistan military cooperation: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच तुर्की फिर से सुर्खियों में है. हाल ही में रिपोर्ट सामने आई कि पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए तुर्की में बने Asisguard Songar ड्रोन का इस्तेमाल किया. इससे पहले, तुर्की की नौसेना का एक युद्धपोत भी पाकिस्तान पहुंचा था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तुर्की, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक नया छिपा खतरा बनता जा रहा है?
यह वही तुर्की है, जहां पर भूकंप आने के बाद भारत ने आपातकालीन सहायता भेजी थी...लेकिन वही तुर्की आज पाकिस्तान के साथ देकर भारत की पीठ पर खंजर घोंपने का काम कर रहा है.
तुर्की-पाकिस्तान का ‘भाईचारा’ और सैन्य गठजोड़
- तुर्की और पाकिस्तान इस्लामिक देशों के तौर पर एक-दूसरे को 'भाई' मानते हैं.
- तुर्की पाकिस्तान को ड्रोन तकनीक, हथियार और सैन्य प्रशिक्षण में सहयोग देता रहा है.
- पाकिस्तानी पायलटों को तुर्की में ट्रेनिंग दी जाती है और डिफेंस प्रोजेक्ट्स में साझा भागीदारी देखी गई है.
- दोनों देश इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में एक-दूसरे का समर्थन करते हैं.
- तुर्की ने बार-बार कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया और भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में आवाज उठाई है.
- दोनों देशों के बीच सैन्य, रक्षा, शिक्षा और संस्कृति समेत हर क्षेत्र में सहयोग लगातार बढ़ रहा है.
भारत ने हमेशा बढ़ाया हाथ, फिर भी तुर्की ने दिया धोखा
जब 2023 में तुर्की भयानक भूकंप से जूझ रहा था, भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' चलाकर सबसे पहले राहत भेजी थी- NDRF टीमें, मेडिकल सहायता और बचाव उपकरण. फिर भी, तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र मंचों पर भारत के खिलाफ बयानबाजी भी की.
तुर्की के ड्रोन और तकनीकी खतरे
तुर्की के ड्रोन- जैसे कि Bayraktar TB2 और Asisguard Songar दुनियाभर में Low-cost Combat UAVs के रूप में जाने जाते हैं. अब इन्हीं ड्रोनों का भारत की वायुसीमा में उपयोग हुआ है, जो एक गंभीर खतरे की घंटी है.
तुर्की की वैश्विक रणनीति: मुस्लिम देशों की लीडरशिप की होड़?
तुर्की, खुद को 'मुस्लिम वर्ल्ड का लीडर' दिखाना चाहता है- इसके लिए वह पाकिस्तान, मलेशिया और अज़रबैजान जैसे देशों से मजबूत संबंध बनाता है. भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत शायद तुर्की को खटकती है, इसलिए वह भारत-विरोधी एजेंडा को पाकिस्तान के जरिए आगे बढ़ा रहा है.
तुर्की की सैन्य ताकत
- तुर्की इस समय दुनिया के टॉप ड्रोन उत्पादकों में गिना जाता है. Bayraktar TB2 और Songar जैसे ड्रोन दुनियाभर में चर्चित हैं. Songar ड्रोन अब पाकिस्तान के जरिए भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया गया.
- तुर्की कई देशों को ड्रोन निर्यात करता है, जिनमें यूक्रेन, अजरबैजान और पाकिस्तान समेत कई देश शामिल हैं.
- तुर्की की सेना विश्व की टॉप 15 सैन्य शक्तियों में शामिल है. इसमें 8.3 लाख सैनिक हैं.
- तुर्की NATO का सदस्य है. इस वजह से उसके पास अत्याधुनिक हथियार प्रणालियां मौजूद हैं.
- तुर्की हथियार उत्पादन में आत्मनिर्भर है. वह रॉकेट्स, मिसाइल, टैंक, नौसैनिक जहाज और पनडुब्बियां अब खुद बना रहा है.
- हाल ही में तुर्की की नौसेना का एक युद्धपोत पाकिस्तान के बंदरगाह पर पहुँचा, जिससे यह साफ हो गया कि तुर्की सिर्फ जुबानी समर्थन नहीं, बल्कि सैन्य सहयोग भी दे रहा है.
तुर्की की आर्थिक ताकत (Economic Strength)
- GDP (सकल घरेलू उत्पाद): 2024 में अनुमानित GDP लगभग 1.1 ट्रिलियन डॉलर. G20 सदस्य देश, दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल.
- मुख्य क्षेत्र: उद्योग, पर्यटन, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और रक्षा उपकरण निर्माण. कंस्ट्रक्शन सेक्टर वैश्विक स्तर पर जाना जाता है.
- मुद्रा संकट और महंगाई: हाल के वर्षों में लीरा (तुर्की की मुद्रा) कमजोर हुई है, लेकिन सरकार रूस, चीन और खाड़ी देशों से व्यापार के ज़रिए अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में जुटी है.
तुर्की की व्यापारिक ताकत (Trade & Exports):
- निर्यात (Exports): सालाना निर्यात लगभग $250 बिलियन USD (2023)
- मुख्य निर्यात: ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हथियार, खाद्य उत्पाद
- मुख्य व्यापारिक साझेदार: यूरोपीय संघ (EU), रूस, चीन, अमेरिका, और अब पाकिस्तान.
दुनियाभर में ब्रांड्स
Turkish Airlines, Baykar Defense (ड्रोन निर्माता), Arçelik (इलेक्ट्रॉनिक्स) जैसे ब्रांड वैश्विक पहचान बना चुके हैं.
इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि सैन्य रूप से तुर्की आधुनिक और आत्मनिर्भर हो रहा है. आर्थिक मोर्चे पर चुनौतियां हैं, लेकिन आधार मज़बूत है. व्यापारिक रूप से वह यूरोप और एशिया के बीच एक कड़ी की तरह काम करता है. हालांकि, भारत के मुकाबले तुर्की काफी कमजोर है. वह पाकिस्तान का साथ भी देता है तो भी भारत पर कोई असर नहीं होगा.