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पुतिन के भारत दौरे से पाकिस्तानी मीडिया को लगी मिर्ची, चीन ने कहा- दोनों देशों को अलग-थलग नहीं किया जा सकता

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को दो दिवसीय भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पालम एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इस यात्रा को लेकर पाकिस्तानी और चीनी मीडिया की प्रतिक्रिया बिल्कुल अलग नजर आई. पाकिस्तानी मीडिया ने इसे भारत की सैन्य ताकत बढ़ाने और क्षेत्रीय असंतुलन के रूप में देखा, जबकि चीनी मीडिया ने इसे बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को मजबूत करने वाला कदम बताया. 5 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत होगा और हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ रक्षा, ऊर्जा और व्यापार पर अहम वार्ताएं होंगी.

पुतिन के भारत दौरे से पाकिस्तानी मीडिया को लगी मिर्ची, चीन ने कहा- दोनों देशों को अलग-थलग नहीं किया जा सकता
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( Image Source:  ANI )

Chinese Pakistan Media on Putin India visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन की भारत यात्रा पर 4 दिसंबर को भारत पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद पालम एयरपोर्ट पर पहुंचकर उनका स्वागत किया. दोनों नेता गर्मजोशी से एक-दूसरे से गले मिले और फिर कार में एक साथ 7 कल्याण मार्ग पहुंचे. यहां प्रधानमंत्री आवास में उनके सम्मान में विशेष डिनर का आयोजन किया गया.

प्रधानमंत्री ने एक्स पर कहा कि भारत और रूस की दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है. उन्होंने लिखा कि यह दोस्ती दोनों देशों के लोगों के लिए हमेशा फायदे मंद रही है. इस मुलाकात पर पड़ोसी देशों, भारत और पाकिस्तान, की मीडिया ने क्या लिखा है, आइए जानते हैं...

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पाकिस्तानी मीडिया का कवरेज

  • पाकिस्तानी मीडिया में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे को मुख्य रूप से भारत-पाकिस्तान सैन्य संतुलन के संदर्भ में देखा जा रहा है.
  • हाल के मई 2025 के भारत-पाकिस्तान हवाई युद्ध के बाद जहां भारत ने रूसी S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया था, पाकिस्तानी आउटलेट्स (जैसे Dawn, Geo News और ARY News) इस यात्रा को भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की कोशिश के रूप में चित्रित कर रहे हैं.
  • रिपोर्ट्स में जोर दिया गया है कि भारत अतिरिक्त S-400 सिस्टम और Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट्स खरीदने की दिशा में बढ़ रहा है, जो पाकिस्तान के चीनी J-35 फाइटर जेट्स के जवाब में है.
  • उदाहरण के लिए, Dawn ने लिखा कि "यह यात्रा भारत को पश्चिमी दबाव के बावजूद रूस से हथियार हासिल करने का संकेत देती है, जो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को बिगाड़ सकती है."
  • Geo News ने इसे 'भारत की आक्रामक रक्षा खरीदारी' करार दिया, जिसमें पाकिस्तान की चीनी हथियार निर्भरता का जिक्र करते हुए चेतावनी दी गई कि इससे दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ेगा.
  • कुछ रिपोर्ट्स (जैसे The News International) में अमेरिकी ट्रंप प्रशासन के भारत पर रूसी तेल खरीद के लिए लगाए गए 50% टैरिफ का जिक्र है, लेकिन फोकस पाकिस्तान की चिंता पर है कि भारत-रूस साझेदारी से पाकिस्तान अलग-थलग पड़ सकता है. कुल मिलाकर, टोन नकारात्मक और सतर्क है, यात्रा को 'क्षेत्रीय खतरा' के रूप में पेश किया जा रहा है.

चीनी मीडिया का कवरेज

चीनी मीडिया, खासकर सरकारी आउटलेट्स जैसे Global Times, Xinhua और China Daily, पुतिन के भारत दौरे को मल्टी-पोलर विश्व व्यवस्था को मजबूत करने के सकारात्मक कदम के रूप में देख रहा है. Global Times ने स्पष्ट रूप से लिखा है, "भारत और रूस ने इस यात्रा के जरिए दुनिया को संदेश दिया है कि दोनों देश अलग-थलग नहीं किए जा सकते, और पश्चिमी प्रतिबंधों व दबावों के सफल होने की संभावना बेहद कम है."

भारत को चीन के साथ सीमा विवादों में मजबूती मिलेगी: China Daily

Xinhua ने रिपोर्ट में कहा कि "यह यात्रा अमेरिकी दबाव के खिलाफ भारत-रूस की रणनीतिक स्वायत्तता को रेखांकित करती है, जो वैश्विक स्थिरता के लिए फायदेमंद है." China Daily ने जोर दिया कि रक्षा सौदे (S-400 और Su-57) और ऊर्जा सहयोग (रूसी तेल) से भारत को चीन के साथ सीमा विवादों में मजबूती मिलेगी, लेकिन इसे 'शांतिपूर्ण सहयोग' के रूप में फ्रेम किया गया.

Global Times के संपादकीय में यह भी कहा गया, "पुतिन-मोदी शिखर सम्मेलन पश्चिमी एकध्रुवीयता को चुनौती देता है, जहां रूस, भारत और चीन बहुपक्षीयता के स्तंभ हैं." मीडिया में अमेरिकी टैरिफ और यूक्रेन युद्ध का जिक्र है, लेकिन इसे भारत की 'स्वतंत्र विदेश नीति' की जीत के रूप में पेश किया गया. कोई प्रत्यक्ष आलोचना नहीं, बल्कि यात्रा को रूस-चीन-भारत गठबंधन को मजबूत करने वाला बताया गया.

राष्ट्रपति भवन में पुतिन का होगा औपचारिक स्वागत

आज (5 दिसंबर 2025) सुबह राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत किया गया. उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद अब पुतिन की हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ व्यापक वार्ताएं होंगी, जिसके बाद संयुक्त बयान जारी होने की उम्मीद है, जिसमें रक्षा, ऊर्जा और व्यापार पर नए समझौते शामिल हो सकते हैं. शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ मुलाकात और बैंक्वेट के साथ यात्रा समाप्त होगी. यह शिखर सम्मेलन भारत-रूस 'विशेष और विशेष रणनीतिक साझेदारी' को और गहरा करने पर केंद्रित है.

व्लादिमीर पुतिननरेंद्र मोदीटैरिफ वॉरवर्ल्‍ड न्‍यूज
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