दुनियाभर के देशों के साथ ट्रंप का टैरिफ वॉर जारी है. टैरिफ एक प्रकार का कर (Tax) है जो किसी देश द्वारा आयात (Import) या निर्यात (Export) किए जाने वाले वस्त्रों, सेवाओं या वस्तुओं पर लगाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य अपने देश की घरेलू उद्योगों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना, राजस्व इकट्ठा करना और व्यापार नीति को नियंत्रित करना होता है. टैरिफ का इस्तेमाल अक्सर सरकारें विदेशी कंपनियों के उत्पादों को महंगा बनाकर घरेलू उत्पादों को सस्ता और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए करती है. इससे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलता है और देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलती है.
हालांकि, टैरिफ के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं. ये उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएं महंगी कर देते हैं, जिससे उनकी क्रय शक्ति पर असर पड़ता है. इसके अलावा, यदि कोई देश बहुत अधिक टैरिफ लगाता है, तो अन्य देश भी जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं जिससे ट्रेड वॉर (Trade War) की स्थिति बन सकती है. आज के वैश्विक व्यापार में टैरिफ का उपयोग सोच-समझकर और रणनीति के तहत किया जाता है ताकि घरेलू हित भी सुरक्षित रहें और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंध भी बिगड़ें नहीं.