पहलगाम की त्रासदी पर ब्रिटिश संसद में गूंजा इंसाफ़ का स्वर, सांसदों ने दिखाई एकजुटता; इंडिया हाउस में दी श्रद्धांजलि
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिध्वनि ब्रिटेन की संसद तक पहुंची. सांसद तनमनजीत सिंह धेसी और लूसी पॉवेल समेत कई नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की. लंदन स्थित इंडिया हाउस में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई, जहां प्रवासी भारतीयों और ब्रिटिश सांसदों ने एकजुटता दिखाते हुए आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई की मांग की.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले ने न केवल भारत को झकझोरा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी गूंज महसूस की गई. ब्रिटेन की संसद में इस हमले पर गहरी चिंता और शोक व्यक्त किया गया. स्लॉ से सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने इसे 'कायरतापूर्ण और घातक' हमला बताते हुए कहा कि ऐसे जघन्य अपराधों के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाना अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए इस तरह की हिंसा के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई की मांग की.
ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स की नेता लूसी पॉवेल ने इस आतंकवादी हमले को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ एक सीधा हमला करार दिया. अपने आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सरकार उन सभी लोगों के साथ खड़ी है जिन्होंने इस हमले में अपने प्रियजनों को खोया है. उन्होंने इसे 'कायरतापूर्ण कृत्य' कहते हुए वैश्विक बिरादरी से आग्रह किया कि वह आतंकवाद के विरुद्ध संगठित प्रतिक्रिया दें और ऐसे तत्वों को पराजित करने के लिए साझा प्रयास करें.
इंडिया हाउस बना एकजुटता का प्रतीक
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह ने भारतीय समुदाय और ब्रिटिश सांसदों को एकजुट कर दिया. इस आयोजन में भारत और यूके के वरिष्ठ नेताओं, सांसदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने भाग लिया. भारत के केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन और महाराष्ट्र के मंत्री संजय शिरसाट ने पीड़ितों की याद में श्रद्धासुमन अर्पित किए, वहीं यूके सांसद बॉब ब्लैकमैन समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने आतंकवाद के खिलाफ एक साझा वैश्विक मोर्चे की आवश्यकता पर बल दिया.
प्रवासी भारतीयों ने दी एकजुटता की मिसाल
यूके में बसे भारतीय समुदाय ने भी इस मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई. यह सभा न केवल शोक व्यक्त करने का माध्यम बनी, बल्कि यह भी दर्शाने का अवसर था कि प्रवासी भारतीय देश में घटने वाली त्रासदियों के प्रति कितने संवेदनशील और जुड़े हुए हैं. उन्होंने न सिर्फ पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की.
ब्रिटेन के पीएम ने क्या कहा?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले को 'गंभीर मानवीय त्रासदी' बताया और पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखे एक संदेश में कहा, "आज कश्मीर में हुआ यह भयावह आतंकी हमला अत्यंत दुखद और विनाशकारी है. मेरी गहन संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जो इस हमले से प्रभावित हुए हैं. चाहे वे पीड़ित परिवार हों या समूचा भारत."
भारत के उच्चायुक्त का सशक्त संदेश
ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने अपने संबोधन में कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर के लोगों को भय में जीने के लिए मजबूर करने का प्रयास था. उन्होंने बताया कि उग्रवादी ताकतें क्षेत्र में सामान्य जनजीवन को बाधित कर आर्थिक और सामाजिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ऐसे हमलों के विरुद्ध एकजुट खड़े होने और आतंक के सभी स्वरूपों को नकारने की अपील की.