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अमेरिका में तीसरी पार्टी बनाने वालों में सबसे कामयाब रहे थे पूर्व राष्‍ट्रपति Theodore Roosevelt, वचन के थे पक्के

अमेरिका में एलन मस्क की ओर से नई पार्टी बनाने के एलान के साथ ही वहां के पूर्व राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट सुर्खियों में आ गए हैं. साल 1912 में उन्होंने रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक के बीच सत्ता संघर्ष को चुनौती देते हुए 'प्रोग्रेसिव पार्टी' (जिसे बुल मूस पार्टी भी कहा गया) का गठन किया था. अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में तीसरी पार्टी द्वारा हासिल की गई सबसे बड़ी सफलता उन्हीं की थी.

अमेरिका में तीसरी पार्टी बनाने वालों में सबसे कामयाब रहे थे पूर्व राष्‍ट्रपति Theodore Roosevelt, वचन के थे पक्के
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( Image Source:  Evan Amato/@SirEvanAmato )

अमेरिका की राजनीति में दो ही पार्टी का वर्चस्व है. रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के इर्द-गिर्द ही वहां की राजनीति हमेशा से घूमती रही है, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े धनकुबेर एलन मस्क द्वारा नई पार्टी बनाने के एलान के बाद से वह एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. दरअसल, थियोडोर रूजवेल्ट ने अमेरिका में दो पार्टियों के बीच सिमटी सत्ता के संघर्ष को 1912 में बड़ी चुनौती दी थी. उन्होंने साबित किया था कि अमेरिकी राजनीति में भी तीसरी पार्टी के लिए विकल्प है. शर्त एक ही तीसरी पार्टी को नेतृत्व करने वाला दमदार शख्स हो और अमेरिकी जनता उस पर ऐतबार करे.

थियोडोर रूजवेल्ट ने रिपब्लिकन पार्टी से असंतुष्ट होकर 'प्रोग्रेसिव पार्टी' की नींव रखी, जिसे ‘बुल मूस पार्टी’ के नाम से भी जाना गया. उनका अभियान जनता के बीच आश्चर्यजनक रूप से लोकप्रिय रहा और उन्होंने उस चुनाव में करीब 27 फीसदी वोट पाकर दूसरा स्थान हासिल किया, जो किसी तीसरी पार्टी के लिए अमेरिकी इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है.

विलियम मैककिनले की हत्या के बाद बने थे राष्ट्रपति

थियोडोर रूजवेल्ट के इस फैसले ने न केवल अमेरिकी लोकतंत्र में वैकल्पिक आवाजों की अहमियत को साबित किया था बल्कि रूजवेल्ट को तीसरी पार्टी बनाने वाले सबसे कामयाब नेता के रूप में स्थापित कर दिया.

थिओडोर रूजवेल्ट 14 सितंबर, 1901 को विलियम मैककिनले की हत्या के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति बने थे. साल 1904 में पूर्ण कार्यकाल के लिए चुने जाने पर उन्होंने घोषणा की कि वे इसे अपना दूसरा कार्यकाल मानते हैं और वह फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगे. रूजवेल्ट जब पद से हटे तब उनकी आयु केवल 51 वर्ष थी और वे एक और कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने में सक्षम थे. इसके बावजूद वह अपने वादे से पीछे न नहीं हटे.

थियोडोर रूजवेल्ट ने 1908 में रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में अपने उत्तराधिकारी के रूप में अपने युद्ध सचिव और करीबी मित्र विलियम हॉवर्ड टैफ्ट को चुना. विलियम हॉवर्ड टैफ्ट एक अनिच्छुक उम्मीदवार थे, जिनकी राष्ट्रपति बनने की कोई आकांक्षा नहीं थी.

कौन थे थियोडोर रूजवेल्ट?

राष्ट्रपति मैककिनले की हत्या के साथ, थियोडोर रूजवेल्ट, जो कि 43 वर्ष के भी नहीं थे, राष्ट्र के इतिहास में सबसे युवा राष्ट्रपति बन गए। उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए नया उत्साह और शक्ति लाई, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस और अमेरिकी जनता को प्रगतिशील सुधारों और एक मजबूत विदेश नीति की ओर जोरदार तरीके से आगे बढ़ाया।

सत्ता का अतिक्रमण नहीं किया - रूजवेल्ट

उनका मानना था कि राष्ट्रपति को "लोगों के संरक्षक" के रूप में जनता की भलाई के लिए जो भी आवश्यक हो वह करना चाहिए, जब तक कि कानून या संविधान द्वारा स्पष्ट रूप से मना न किया गया हो। उन्होंने लिखा, "मैंने सत्ता का अतिक्रमण नहीं किया, लेकिन मैंने कार्यकारी शक्ति के उपयोग को काफी व्यापक बना दिया." रूजवेल्ट का जन्म 1858 में न्यूयॉर्क शहर में एक धनी परिवार में हुआ था.

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