ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' भारत और चीन की बढ़ाएगा मुश्किल, मस्क के लिए होगा खट्टा-मीठा - 10 बड़ी बातें
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की महत्वाकांक्षी 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' को अमेरिकी सीनेट ने पास कर दिया. यह डोनाल्ड ट्रंप का 4.5 ट्रिलियन डॉलर का महत्वाकांक्षी बिल है, जो टैक्स कट कर सैन्य खर्च, बॉर्डर सिक्योरिटी और बेसिक स्ट्रक्चर को मजबूत करेगा. डोनाल्ड ट्रंप इसे 4 जुलाई से कानून के रूप प्रभावी बनाना चाहते हें.

अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) का "वन बिग ब्यूटीफुल बिल" पास कर दिया है. अब इस बिल को लेकर अमेरिका सहित दुनिया भर में बहस छिड़ गई है, यह किसके हित में है? जहां रिपब्लिकन इसे 'परिवार और विकास' वाला बिल बता रहे हैं वहीं डेमोक्रेट्स ने इसे पूंजीपतियों के हित वाला बिल करार दिया है. माना जा रहा है कि इस बिल से अमेरिका पर 10 साल में 3.3 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज बढ़ेगा.
अहम सवाल यह है कि आखिर क्या है (One Big Beautiful Bill) जिसे पास कराने के लिए ट्रंप काफी बेताब थे? इस बिल में क्या-क्या आर्थिक प्रावधान हैं? इससे किसे फायदा मिलेगा और किसे नुकसान होगा? 10 बातों में प्वाइंट में समझिए सब कुछ
1. वन बिक ब्यूटीफुल बिल का पहला लाभ यह होगा कि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में जो इनकम टैक्स में कटौती की थी, वो अब स्थायी हो गई है. अमेरिका में टिप और ओवरटाइम से मिलने वाले पैसे पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. ट्रंप ने अपने चुनावी कैंपेन में इसे एक बड़ा चुनावी वादा बनाया था. टैक्स कटौती साल 2028 तक ही जारी रहेगा.
2. वन बिग ब्यूटीफुल बल का कानून के रूप मे प्रभावी होते ही अमेरिका की कंपनियों को रिसर्च और डेवलपमेंट पर करने वाले खर्चों में तुरंत कटौती करने की इजाजत मिल जाएगी. अमेरिका में रहने वाले प्रवासियों पर एक्शन पर होगा. अमेरिका के बॉर्डर पर दीवार बनाने सहित बॉर्डर पर बुनियादी ढांचे बनाने के लिए 46.5 बिलियन डॉलर खर्च किए जाएंगे.
3. अवैध प्रवासियों को हिरासत में रखने के लिए 100,000 बिस्तरों वाली फैसिलिटी (जेल की तरह) बनाने के लिए $45 बिलियन खर्च होंगे. अवैध प्रवासियों को पकड़ने के लिए 10 हजार आव्रजन और इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट अधिकारियों को नियुक्त करने के लिए नया फंड मिलेगा. अमेरिका में शरण चाहने वालों और देश में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश करते पकड़े गए प्रवासियों के लिए नए जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
4. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन जिस क्लीन एनर्जी टैक्स क्रेडिट लेकर आए थे, उसको रद्द कर दिया गया है. उसकी जगह ट्रंप खुद का महंगाई कम करने वाले वाला कानून लेकर आए हैं. नई पवन और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अमेरिकी की फेडरल सरकार से मिलने वाली सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाएगा.
5. 30 सितंबर 2025 के बाद इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाली गाड़ियों (EV) की खरीद के लिए 7500 डॉलर का टैक्स क्रेडिट खत्म कर दिया गया है. इससे ट्रंप ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को निशाने पर लिया है. अमेरिका की उधार (लोन) लेने की सीमा को बढ़ाकर 5 ट्रिलियन डॉलर तक कर दिया गया है. एलन मस्क से लेकर ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के कई समर्थक इससे नाराज भी हैं. ट्रंप प्रशासन ने इस बिल के जरिए गरीबों और विकलांगों के कल्याण पर खर्च होने वाले फंड पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. खासकर स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम और एसएसपी खाद्य सहायता कार्यक्रम पर. अब 65 साल से कम आयु के सक्षम व्यक्तियों और जिनके छोटे बच्चे नहीं हैं, उन्हें मेडिकल या एसएनएपी प्राप्त करने के लिए हर महीने कम से कम 80 घंटे काम करना होगा. अमेरिका के गांवों के हॉस्पिटल्स को आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए $50 बिलियन का पांच-वर्षीय फंड बनाया गया है.
6. प्लान्ड पैरंटहुड नाम के संगठन के लिए अमेरिका की फेडरल सरकार से मिलने वाली फंडिंग को एक साल के लिए रोका दिया गया है. प्लान्ड पैरंटहुड अमेरिका में एक राष्ट्रव्यापी महिला स्वास्थ्य संगठन है जो अक्सर गर्भपात के मुद्दे को लेकर रिपब्लिकन पार्टी के टारगेट पर होता है. अमेरिका में नवजात शिशुओं के जन्म लेने पर उनके नाम पर $1,000 डालकर एक सेविंग अकाउंट खोला जाएगा. इन अकाउंट का नाम "ट्रंप अकाउंट्स" होगा.
7. डोनाल्ड ने ऐलान किया था कि अमेरिका भी इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम, ‘आयरन डोम' की तर्ज पर उससे भी एडवांस ‘गोल्डन डोम' बनाएगा. अब ट्रंप की इस पहल को 25 अरब डॉलर का फंड दिया गया है.
8. अमेरिका के स्पेस प्रोग्राम को बढ़ावा दिया गया है. मंगल ग्रह पर मिशन के लिए 10 बिलियन डॉलर दिया गया है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को रिटायरमेंट के बाद बंद करने के लिए 325 मिलियन डॉलर मिलेंगे. अमेरिका के धनी विश्वविद्यालयों पर नया टैक्स लगाया गया है.
9. इस बिल की वजह से अमेरिका पर कर्ज बढ़ने से डॉलर की वैल्यू पर दबाव बनेगा. जिसके चलते भारत समेत कई देशों की करेंसी में गिरावट आ सकती है. क्लीन एनर्जी में निवेश घटा तो वैश्विक तकनीक और इन्वेस्टमेंट फ्लो प्रभावित होगा, जिसका सीधा असर भारत के सोलर विंड प्रोजेक्ट्स पर पड़ सकता है.
10. EV चिप्स और बैटरी सामग्री की मांग घटने से चीन-भारत की सप्लाई चेन पर भी असर पड़ेगा। इससे भारत को नया मार्केट खोजना पड़ सकता है. कुल मिलाकर वन बिग ब्यूटीफुल बिल अमेरिका में आर्थिक असंतुलन लाने वाला साबित होगा. इस बिल से अमीरों की जेब भरेगी. कल्याणकारी योजना पर चाबुक चलाने से गरीबों पर संकट गहराया. वैश्विक स्तर पर भी यह मानव स्वास्थ्य, क्लीन एनर्जी और सप्लाई नेटवर्क को प्रभावित कर सकता है, जिसका असर भारत पर भी पड़ेगा.