शपथ ग्रहण से पहले जेल जाएंगे Donald Trump! हश मनी मामले में इस दिन आएगा कोर्ट का फैसला
डोनाल्ड ट्रम्प पर पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने का आरोप है. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 जनवरी को सजा सुनाएगा. इस दौरान ट्रम्प को अदालत में पेश होना पड़ेगा. वहीं ट्रम्प ने उप पर लगे सभी आरोपों को खारिज किया था और इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र बताया था.

Donald Trump: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. इससे पहले ट्रम्प एक मुसीबत में फंस गए हैं. न्यूयॉर्क की एक कोर्ट उन्हें सजा सुनाने की तारीख तय की है. यह मामला हश मनी से जुड़ा हुआ है, जिसमें ट्रम्प पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रम्प पर पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप कराने का आरोप है. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 जनवरी को सजा सुनाएगा. इस दौरान ट्रम्प को अदालत में पेश होना पड़ेगा. वहीं ट्रम्प ने उप पर लगे सभी आरोपों को खारिज किया था और इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र बताया था.
हश मामले में होगी कार्रवाई
रिपोर्ट में बताया गया कि न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चेन ने संकेत दिए कि वो ट्रम्प को जेल की सजा या जुर्माना नहीं देंगे, बल्कि उन्हें शर्तों के साथ जमानत देंगे. इस दौरान ट्रम्प को वर्चुअली उपस्थित रहना पड़ेगा. जज ने कहा कि उन्हें ट्रम्प को सजा सुनाने में कोई कानूनी बाधा नहीं मिली और 20 जनवरी को शपथ ग्रहण से पहले ट्रम्प को सजा सुनाना उनके लिए जरूरी था. मर्चेन ने लिखा, केवल इस मामले को अंतिम रूप देकर ही न्याय के हितों की पूर्ति होगी.
क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, ट्रम्प को मई में न्यूयॉर्क में 34 मामलों में दोषी ठहराया गया था. इनमें 2016 के चुनाव के दौरान पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर उनके 2006 के कथित यौन संबंध को उजागर करने से रोकने के लिए, व्यापारिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का आरोप था. ट्रम्प के वकीलों ने कई आधारों पर मामले को खारिज करने की मांग की थी. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला भी शामिल था, जिसके अनुसार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों को पद पर रहते हुए किए गए कई आधिकारिक कार्यों के लिए प्रॉसिक्यूशन से मिल सकती है.
मर्चेन ने इस तर्क को खारिज कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद ट्रम्प को अभियोजन से छूट मिल जाएगी. न्यायाधीश ने कहा, "सजा सुनाए जाने में कोई कानूनी बाधा न पाते हुए और यह स्वीकार करते हुए कि शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति पद की छूट प्राप्त हो जाएगी, इस न्यायालय के लिए यह आवश्यक है कि वह इस मामले में 20 जनवरी, 2025 से पहले सजा सुनाए."