मृत नवजात को अस्पताल के फ्रीज़र में यूं ही छोड़ गई मां, फिर भी कोर्ट ने क्यों दी राहत?
एक महिला अपने मृत नवजात बच्चे को अस्पताल के फ्रीजर में छोड़ कर चली गई, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और मुकदमा शुरू किया, लेकिन महिला की दलील सुन कोर्ट ने उसे राहत दी है.

हांगकांग की रहने वाली 25 साल की हुआंग ताइवान में अपनी पढ़ाई पूरी करने आई थीं. साल 2021 में उन्होंने ताइचुंग स्थित चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और एक नया जीवन शुरू करने की कोशिश की. लेकिन अगले ही साल उसकी ज़िंदगी ने एक ऐसा मोड़ लिया, जिसने उन्हें अपराध के कटघरे में खड़ा कर दिया.
5 नवंबर 2022 को हुआंग को अचानक पेट में तेज़ दर्द हुआ. इलाज के लिए वे यूनिवर्सिटी से जुड़े अस्पताल गईं, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि वह 21 हफ्ते की प्रेग्नेंट हैं और दुख की बात यह थी कि पेट में पल रहा बच्चा मर गया था.
अस्पताल के फ्रीज़र में बच्चे को छोड़ा
उस दिन अस्पताल में हताश और अकेली हुआंग ने बच्चे के शव को अस्पताल के फ्रीज़र में रखवा दिया. वह एक स्थानीय अंतिम संस्कार कंपनी के ज़रिए बच्चे की लाश को ले जाने और क्रियाकर्म करवाने का इंतजाम करने की कोशिश में लगी रही. कंपनी से बात हुई, लेकिन कोई भी फॉर्मल डॉक्यूमेंट नहीं भरा गया था. 10 दिसंबर तक वह दोबारा नहीं लौटी. अस्पताल और कंपनी दोनों के पास शव पड़ा रहा, और हुआंग का कोई अता-पता नहीं था.
पुलिस जांच और अदालत में पेशी
आखिर में मामला पुलिस के पास पहुंचा. लंबी जांच के बाद ताइवान पुलिस ने हुआंग को ढूंढ़ निकाला और अप्रैल 2025 में अदालत में पेश किया गया. अदालत में हुआंग ने अपनी इमोशनल हालत और तंगी का ज़िक्र किया. उसने बताया कि ' मैं अकेली थी. मेरे पास पैसे नहीं थे. न ही कोई मदद करने वाला था. मुझे खाना खरीदने तक के लिए स्ट्रगल करना पड़ रहा था.' उसने यह भी दावा किया कि उसे प्रेग्नेंसी का पता ही नहीं था, जब तक कि वह पेट दर्द के कारण अस्पताल नहीं गई.
क्या भ्रूण एक शव था?
हुआंग के वकील ने तर्क दिया कि 21 हफ्ते का भ्रूण मेडिकल वेस्ट माना जाना चाहिए न कि इंसानी शव, लेकिन जज ने फोटो और मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भ्रूण का मानव रूप पूरी तरह से विकसित हो चुका था. उसकी लंबाई 28 सेमी और वजन 345 ग्राम था.
कोर्ट ने दी राहत
हालांकि मामला गंभीर था, फिर भी अदालत ने हुआंग की परिस्थितियों को ध्यान में रखा. वह एक अंतरराष्ट्रीय छात्रा थी. साथ ही, मानसिक और आर्थिक रूप से बेहद कमजोर स्थिति में थी. इतना ही नहीं, उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. उसने अंतिम संस्कार कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की थी. इन बातों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने उसे चार महीने की सजा सुनाई, लेकिन इसे दो साल के लिए निलंबित कर दिया. इसका मतलब है कि अगर वह दो साल तक कोई और अपराध नहीं करती, तो उसे जेल नहीं जाना पड़ेगा.