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ड्रैगन ने अधिकारियों की 'अय्याशी' पर लगाया ब्रेक, चीन ने क्‍यों दिए अफसरों को फिजूलखर्ची नहीं करने के आदेश?

चीन की कमजोर अर्थव्यवस्था और बढ़ते कर्ज को देखते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सरकारी अफसरों को शराब, सिगरेट और दावतों से दूर रहने का सख्त आदेश दिया है. अब सरकारी खर्चों में कटौती की जाएगी, दिखावे और फिजूलखर्ची पर कार्रवाई होगी. रियल एस्टेट से घटती कमाई और भारी कर्ज के चलते यह कदम उठाया गया है. इसका असर शराब कंपनियों पर भी दिखा है.

ड्रैगन ने अधिकारियों की अय्याशी पर लगाया ब्रेक, चीन ने क्‍यों दिए अफसरों को फिजूलखर्ची नहीं करने के आदेश?
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 20 May 2025 4:16 PM IST

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहे जाने वाले चीन में अब सरकारी अधिकारियों को शराब, सिगरेट और दावतों से दूरी बनानी पड़ेगी. राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने साफ निर्देश दिए हैं कि अब सरकारी खजाने से बर्बादी नहीं चलेगी. एक आधिकारिक नोटिस में सरकार और पार्टी ने रिसेप्शन, यात्रा, भोजन और ऑफिस स्पेस पर खर्च घटाने को कहा है. शानदार दावतें और दिखावा अब शर्मनाक माना जाएगा.

चीन की कमजोर अर्थव्यवस्था के पीछे की बड़ी वजहें

भूमि बिक्री से राजस्व में भारी गिरावट: चीन के कई शहरों और राज्यों की आमदनी का मुख्य स्रोत रियल एस्टेट रहा है, लेकिन अब वहां प्रॉपर्टी सेक्टर गहरे संकट में है.

स्थानीय सरकारों पर भारी कर्ज़: देश भर की स्थानीय सरकारें कर्ज़ के पहाड़ तले दबी हुई हैं, जिससे नई योजनाओं पर खर्च कर पाना मुश्किल हो गया है.

बाजार में गिरावट: सोमवार को CSI 300 इंडेक्स में शामिल कंज़्यूमर स्टेपल्स कंपनियों के शेयरों में 1.4% की गिरावट देखी गई, जिनमें शराब निर्माता Kweichow Moutai Co. और Luzhou Laojiao Co. सबसे ज्यादा प्रभावित रहीं.

'बेल्ट टाइटनिंग' का दोबारा आदेश

2023 के अंत में भी राष्ट्रपति शी ने सभी अधिकारियों से कहा था कि वे 'belt-tightening' यानी खर्चों में सख्त कटौती करना सीखें. अब यह निर्देश औपचारिक आदेश बन चुका है. पोलितब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य Cai Qi ने हाल ही में हेबै प्रांत में अफसरों को आदेश दिया कि वे "भोजन और शराब में फिजूलखर्ची" बंद करें.

शी जिनपिंग की 'भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम' का नया अध्याय

राष्ट्रपति शी 2012 में सत्ता में आने के बाद से ही सरकारी भ्रष्टाचार और दिखावे पर नकेल कस रहे हैं. उनके नेतृत्व में पार्टी में कई वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई है. अब देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 'सादगी और अनुशासन' को हथियार बनाया जा रहा है. मार्च 2025 की नेशनल पीपल्स कांग्रेस में भी यह दोहराया गया था कि जनता को आर्थिक मदद देनी है, इसलिए सरकार को पहले अपने खर्चों पर लगाम लगानी होगी.

इस फैसले का असर

  • शराब कंपनियों पर दबाव: जैसे ही सरकार ने खर्च घटाने का आदेश दिया, शेयर बाजार में शराब कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज हुई.
  • ब्यूरोक्रेसी में बदलाव: अफसरों को अब सरकारी खजाने का दुरुपयोग करने पर कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
  • राजनीतिक संकेत: यह कदम देश और पार्टी के अंदर शी की कड़ी पकड़ और विनम्रता के सार्वजनिक प्रदर्शन को भी दर्शाता है.

चीन अब उस दौर में है जहां दिखावे की बजाय बचत और विवेक की राजनीति हावी होती जा रही है. वैश्विक मंच पर अमेरिका और भारत से प्रतिस्पर्धा कर रहा चीन अब अपने भीतर की फिजूलखर्ची को खत्म करने की मुहिम पर है. शी जिनपिंग की सरकार का यह आदेश भले ही 'सिगरेट और शराब' तक सीमित दिखे, लेकिन यह संकेत है उस बड़े आर्थिक संघर्ष का, जिससे चीन जूझ रहा है.

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