पेट में बच्चा और 9 महीने तक महिला को नहीं चला पता, डिलिवरी से 4 घंटे पहले हुई खबर
चीन की एक महिला को काफी समय से कंसीव करने में परेशानी आ रही थी. ऐसे में एक दिन वह ब्लड प्रेशर और हाथ में सुन्नता के कारण क्लिनिक गई, जहां उसे पता चला कि वह 8.5 महीने की गर्भवती है. वहीं, बच्चे का वजन 2 किलो था. जहां कुछ ही घंटों में डॉक्टरों ने सर्जरी कर डिलीवरी की.

चीन से एक खबर सामने आई है, जिसमें एक 36 साल की महिला काफी लंबे समय से कंसीव करने की कोशिश कर रही थी. ऐसे में एक दिन उसे अचानक से पता चला कि वह पहले से ही आठ महीने की प्रेग्नेंट है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, महिला गोंग और उसके पति ने आईवीएफ ट्रीटमेंट का भी सहारा लिया.
इतना ही नहीं, कई दूसरे तरीके भी आजमाए. जहां डॉक्टर्स ने गोंग को वजन घटाने के लिए कहा. इसके बाद गोंग निराश हो गई और उसे लगा कि वह कभी भी मां नहीं बन पाएगी. लेकिन फिर उनकी जिंदगी में एक ऐसा मोड़ आया, जिसने सब कुछ बदल कर रख दिया. एक दिन उसे पता चला कि वह 9 महीने की प्रेग्नेंट है.
ऐसे चला प्रेग्नेंसी का पता
यह बात पिछले साल दिसबंर की है, जब गोंग को अपने एक हाथ में सुन्नपन महसूस हुआ. इसके लिए वह एक छोटे से क्लिनिक में ब्लड प्रेशर चेक करवाने गई. जहां गोंग का ब्लड प्रेशर काफी ज्यादा था. कंसल्टिंग के दौरान डॉक्टर को पता चला कि गोंग को कई महीनों से पीरियड नहीं हुए थे. इसके बाद डॉक्टर्स ने उसे अल्ट्रासाउंड करने के लिए कहा. जहां टेस्ट में पता चला कि गोंग 8 महीने की प्रेग्नेंट है और भ्रूण का वजन 2 किलोग्राम था.
सीजेरियन से हुआ बच्चा
साथ ही, डिलीवरी एक्सपर्ट ने कहा कि गोंग की हालत गंभीर थी. इसलिए तुरंत सीजेरियन सेक्शन किया गया, जिससे 2 किलोग्राम वजन का बच्चा पैदा हुआ. इस पर गोंग ने कहा कि मुझे बच्चे के पैदा होने के चार घंटे पहले पता चला कि मैं प्रग्नेंट हूं.
पहला मामला नहीं
अस्पताल में ऐसा पहला मामला नहीं है. कई साल पहले 100 किलोग्राम वजन वाली 29 साल की महिला को सर्जरी के लिए भर्ती कराया गया था और उसे बताया गया था कि वह 23 हफ्ते की गर्भवती है. अस्पताल में डिलीवरी एक्सपर्ट यांग लिवेई ने कहा कि कुछ भारी महिलाएं गर्भावस्था के कारण होने वाले शारीरिक बदलावों को नोटिस नहीं करती हैं. इसके अलावा, भ्रूण की कुछ हलचल साफ नहीं होती है. प्रेग्नेंट होने के बारे में न जानने वाली महिलाएं डिलीवरी से पहले जांच नहीं करवाती हैं, जिससे मां और बच्चे दोनों को सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाता है.