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पेरिस में मुस्लिमों को भड़काने की साजिश: मस्जिदों के बाहर मिले 9 सुअरों के सिर, 5 पर लिखे थे 'मैक्रों' नाम; 200 बवाली गिरफ्तार

फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके आसपास स्थित नौ मस्जिदों के बाहर सूअर के कटे सिर मिले हैं. इनमें से पांच पर मैक्रों नाम लिखे हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सुअरों के सभी सिरों पर राष्ट्रपति ईमैनुएल मैक्रों नाम लिखे मिले हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए और कई इलाकों में बवाल मच गया. पेरिस पुलिस ने इसके पीछे विदेशी साजिश की आशंका जताई है.

पेरिस में मुस्लिमों को भड़काने की साजिश: मस्जिदों के बाहर मिले 9 सुअरों के सिर, 5 पर लिखे थे मैक्रों नाम; 200 बवाली गिरफ्तार
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( Image Source:  Twitter )

फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके आसपास की नौ मस्जिदों के सामने भड़काऊ घटना सामने आने के बाद बवाल मच गया. इसके पीछे वजह सूअर के कटे सिर रखे गए होना बताया गया है. सुअर के इन सिरों में से पांच पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नाम स्क्रॉल किया गया था. इससे मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए. उसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए और तनाव बढ़ गया. इस घटना को फ्रांस में बढ़ते असहिष्णुता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है.

सोशल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सुअरों के सिर मिलने के बाद दंगा भड़क गया. दंगाइयों ने फ्रांस के सेंट-ओमर स्थित इमैक्युलेट कॉन्सेप्शन चर्च को जला दिया. यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि यह वही फ्रांस है जिसने सबसे ज्यादा मुसलमान को शरण दिया था. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का बवाल यहीं तक सीमित नहीं रहा. मिडिल ईस्ट और अफ्रीका से आए समुदाय विशेष के शरणार्थियों ने पेरिस में शनल के शोरूम को लूट लिया.

इस घटना ने फ्रांस के नेताओं और लोगों की चिंता बढ़ा दी है. यह घटना मंगलवार (9 सितंबर 2025) को पेरिस और आसपास की नौ मस्जिदों के सामने सूअर के सिर मिलने की बाद हुई. नौ से पांच सुअरों के सिरों पर राष्ट्रपति मैक्रों का नाम नीले रंग में लिखे मिले हैं. अब इस घटना को "Block Everything" या "Bloquons Tout" आंदोलन के नजरिए से देखा जा रहा है. इस आंदोलन के समर्थक मैक्रों की आर्थिक नीतियों और असमान व्यवहार का विरोध कर रहे हैं.

बवाल के बीच लेकोर्नू बने फ्रांस के CM

तनाव के बीच सेबस्टियन लेकोर्नू को फ्रांस का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता की आशंका और गहरा गई है. यूरोपीय संघ की मौलिक अधिकारों की एजेंसी ने भी संघर्ष शुरू होने के बाद से कई यूरोपीय देशों में इस्लामोफोबिया और यहूदी-विरोधी भावना में वृद्धि की ओर इशारा किया है.

विदेशी साजिश की आशंका

फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटैल्यौ (Bruno Retailleau) ने मुस्लिम समुदाय को सुरक्षा आश्वासन देते हुए कहा कि उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से अपने धर्म का पालन करना चाहिए. वहीं, पेरिस पुलिस प्रमुख लॉरेंट नुनेज ने विदेशी हस्तक्षेप खासतौर पर रूस का हाथ होने की संभावना से इनकार नहीं किया है. उन्होंने इस घटना की तुलना पिछले संदिग्ध राजनीतिक भड़काऊ कार्यों से की. पेरिस की मेयर ऐन हिडाल्गो और लेफ्ट-विंग नेता जीन-ल्यूक मेलेन्शों सहित अन्य नेताओं ने इसे सरकार द्वारा बढ़ाए गए मुस्लिम-विरोधी माहौल का परिणाम बताया.

क्राइम में 81 फीसदी की बढ़ोतरी

फ्रांस में मुसलमानों के प्रति अपराधों में 2025 के पहले छह महीनों (जनवरी–जून) में 181 मुस्लिम-विरोधी घटनाएं दर्ज हुईं, जो 2024 की तुलना में 81% अधिक थी. फ्रांसीसी गृह मंत्रालय के अनुसार जनवरी और मई 2025 के बीच मुस्लिम विरोधी घटनाओं में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 75% की वृद्धि हुई है. व्यक्तियों पर हमलों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है.

EU एजेंसी ने दिए ये संकेत

यूरोपीय संघ की मौलिक अधिकारों की एजेंसी ने संघर्ष शुरू होने के बाद से कई यूरोपीय देशों में इस्लामोफोबिया और यहूदी-विरोधी भावना में वृद्धि की ओर इशारा किया है. ये घटनाएं ऐसे समय में हुई हैं जब अक्टूबर 2023 में गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से फ्रांस में मुस्लिम विरोधी नफरत में तेजी से वृद्धि हो रही है. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार इस हफ्ते पेरिस में मस्जिदों के बाहर नौ सुअर के सिर मिले, जिसकी समुदाय के नेताओं ने चौंकाने वाली इस्लामोफोबिक हरकत बताकर निंदा की है.

फ्रांस को कौन बचाएगा?

पेरिस के आसपास हुई इस अपवित्रता की राजनीतिक और धार्मिक नेताओं ने तीखी निंदा की है. राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से मिलकर अपना समर्थन व्यक्त किया. जबकि पेरिस की मेयर ऐनी हिडाल्गो ने कहा कि शहर ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए कानूनी कार्रवाई की है और इन्हें "नस्लवादी कृत्य" बताया है।

अल्पसंख्यक विरोधी नफरत दुखद - एडिन हाफिज

पेरिस की ग्रैंड मस्जिद के रेक्टर चेम्स-एडिन हाफिज ने सूअर के सिर मिलने को 'मुस्लिम-विरोधी नफरत के उभार में एक नया और दुखद चरण' बताया. भेदभाव-विरोधी समूह अदम के प्रमुख बासिरू कैमारा ने आगे और तनाव बढ़ने की चेतावनी दी: "हम महीनों से चेतावनी दे रहे हैं, और हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अगला कदम क्या होगा? श्रद्धालुओं पर सूअर के सिर फेंकना या उन पर शारीरिक हमला करना?"

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले जून में तीन सर्बियाई नागरिकों पर यहूदी स्थलों में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया गया था. जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस मामले में रूस का समर्थन हो सकता है. बता दें कि फ्रांस यूरोपीय संघ में सबसे बड़े मुस्लिम समुदाय और इजरायल और अमेरिका के बाद सबसे बड़ी यहूदी आबादी का घर है, जिससे यह बढ़ते सांप्रदायिक तनाव का केंद्र बन गया है.

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