कंडोम पर चीन ने क्यों लगाया 13% टैक्स? पड़ोसी देश में मचा बवाल! जानें 'ड्रैगन' क्यों बढ़ाना चाहता है जनसंख्या
जनसंख्या संकट से जूझ रहे चीन ने अब कंडोम सहित गर्भनिरोधक दवाओं और उत्पादों पर टैक्स लगाने का फैसला किया है. 1 जनवरी से चीन में कंडोम सहित गर्भनिरोधक दवाओं पर 13 फीसदी टैक्स लागू होगा. सोशल मीडिया पर अनेक नागरिक इसे सरकार का बेतुका कदम बता रहे हैं.
जनसंख्या संकट से जूझ रहे चीन ने अब एक ऐसा कदम उठाया है जिसने पूरे देश में बहस छेड़ दी है. सरकार ने तीन दशक बाद पहली बार कंडोम सहित गर्भनिरोधक दवाओं और उत्पादों पर टैक्स लगाने का फैसला किया है. जिस देश ने दशकों तक एक-बच्चा नीति लागू रखी, वहीं अब परिवारों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश में गर्भनिरोधकों को टैक्स दायरे में लाना एक बड़ा और विवादित फैसला माना जा रहा है.
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चीन में 1 जनवरी से गर्भनिरोधक दवाओं और उत्पादों पर कर छूट खत्म कर दी जाएगी. कंडोम सहित सभी गर्भनिरोधक उत्पादों पर 13% टैक्स लागू होगा. सरकारी मीडिया ने भले इस कदम को ज्यादा प्रमुखता नहीं दी हो, लेकिन यह मुद्दा चीनी सोशल मीडिया पर तेजी से ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग इसे लेकर सरकार का मजाक उड़ा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
नए नियमों के लागू होने के बाद गर्भनिरोधक अब सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की तरह 13% टैक्स के दायरे में आएंगे. सोशल मीडिया पर अनेक नागरिक इसे सरकार का बेतुका कदम बता रहे हैं. कई यूजर्स लिख रहे हैं कि “जो लोग नहीं समझते कि बच्चे पालना, टैक्स लगे कंडोम से भी ज्यादा महंगा है, वे मूर्ख होंगे.” कई लोगों ने इस फैसले को सरकार की जनसंख्या बढ़ाने की नीति से जोड़कर कटाक्ष किया है.
कभी चीन में लागू थी 'एक-बच्चा नीति'
चीन ने लगभग 1980 से 2015 तक 'एक-बच्चा नीति' लागू की थी. इसके तहत नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना, सामाजिक दंड और कई मामलों में जबरन गर्भपात तक कराए जाते थे. कुछ परिवारों के बच्चों को आधिकारिक पहचान संख्या तक नहीं दी जाती थी, जिससे वे कानूनी रूप से गैर-नागरिक बन जाते थे. 2015 में यह सीमा दो बच्चों और 2021 में बढ़ाकर तीन कर दी गई.
जनसंख्या में तेज गिरावट
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार साल 2024 में चीन में केवल 95 लाख जन्म हुए, जबकि 2019 में यह संख्या 147 लाख थी. जन्म दर लगातार गिरने और मृत्यु दर बढ़ने के चलते 2023 में भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया, जिसने चीन को दूसरे स्थान पर धकेल दिया.





