चीन का ये ड्रोन 'मदरशिप' भारत और अमेरिका को दे सकता है टेंशन, Jiu Tian के आगे US का MQ-1 Predator भी बच्चा
चीन का नया ड्रोन कैरियर ‘जिउ तियान’ लंबी दूरी, उच्च ऊंचाई और भारी हथियार क्षमता वाला सुपर-ड्रोन है, जो एक साथ 100 तक आत्मघाती ड्रोन छोड़ सकता है. यह अमेरिकी प्रीडेटर और ग्लोबल हॉक ड्रोन को टक्कर दे सकता है. इसकी स्वार्मिंग तकनीक से दुश्मन की एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त हो सकती है. ताइवान, भारत और दक्षिण चीन सागर जैसे क्षेत्रीय तनाव के लिए यह एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है, जो आधुनिक युद्धों का परिदृश्य बदल सकता है.

चीन अपनी सबसे उन्नत ड्रोन कैरियर ‘जिउ तियान (Jiu Tian)’ को जल्द ही लॉन्च करने जा रहा है. यह लंबी दूरी तक उड़ान भरने वाला अनमैन्ड एयरक्राफ्ट (UAV) यानी ड्रोन मदरशिप जून के अंत तक अपनी पहली मिशन पर उड़ान भरने वाला है. चीनी मीडिया ने इसकी पुष्टि की है कि यह मिशन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की लंबी दूरी की ड्रोन क्षमताओं का परीक्षण करने का पहला चरण होगा.
“जिउ तियान” ड्रोन कैरियर आधुनिक सैन्य ड्रोन तकनीक में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इस लंबी दूरी और उच्च ऊंचाई वाले यूएवी (अनमैनड एरियल व्हीकल) की खासियतें, इसकी संभावित क्षमताएं और अमेरिकी ड्रोन जैसे प्रीडेटर से तुलना इस क्षेत्र में वैश्विक सैन्य संतुलन को समझने के लिए अहम हैं.
जिउ तियान क्या है?
'जिउ तियान' का मतलब है "ऊंचा आसमान", और इसे नवंबर 2024 में चीन के प्रसिद्ध झुहाई एयर शो में पहली बार प्रदर्शित किया गया था. इसे शांक्सी अनमैन्ड इक्विपमेंट टेक्नोलॉजी ने विकसित किया है. इस ड्रोन मदरशिप की रेंज 7,000 किलोमीटर और यह 15,000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. यह भारी भरकम 16,000 किलो वजन उठाकर उड़ सकता है और 6,000 किलो तक का सामान ले जा सकता है, जिसमें निगरानी तकनीक से लेकर गोला-बारूद तक कुछ भी हो सकता है.
सबसे बड़ा हथियार - 100 ड्रोन एक साथ लॉन्च!
इस ड्रोन की सबसे खतरनाक खासियत यह है कि यह एक बार में लगभग 100 क़ामिकाज़े ड्रोन लॉन्च कर सकता है. ये छोटे ड्रोन दुश्मन के लिए घातक साबित हो सकते हैं. इसके अलावा, यह क्रूज मिसाइल और मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल जैसे PL-12E भी लेकर उड़ान भर सकता है. जिउ तियान की खासियत है इसकी तेज रीकॉन्फिगरेशन क्षमता, जो इसे हर मिशन के हिसाब से बदलने की सुविधा देती है, चाहे वह सैन्य हमला हो, सीमा सुरक्षा, समुद्री निगरानी या आपातकालीन बचाव.
जिउ तियान की प्रमुख खूबियां
- जिउ तियान की अधिकतम उड़ान दूरी 7,000 किलोमीटर और उड़ान की अधिकतम ऊंचाई 15,000 मीटर है, जो इसे बहुत दूर तक, बड़े इलाके में मिशन पर भेजने में सक्षम बनाता है.
- यह ड्रोन 16 टन के टेकऑफ वजन के साथ 6 टन तक का हथियार, गोला-बारूद, छोटे ड्रोन, या अन्य उपकरण ले जा सकता है. यह कई अलग-अलग मिशनों के लिए उपयुक्त है, जैसे कि टोही, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, या हमला.
- जिउ तियान से लगभग 100 तक छोटे ड्रोन या आत्मघाती ड्रोन एक साथ छोड़े जा सकते हैं, जिससे यह दुश्मन की एयर डिफेंस प्रणाली को भारी संख्या में नुकसान पहुंचा सकता है.
- ड्रोन का पेलोड कम्पार्टमेंट मिशन की जरूरत के मुताबिक बदला जा सकता है, चाहे वह सीमा सुरक्षा हो, समुद्री निगरानी, आपातकालीन बचाव या हमला.
- जिउ तियान सिर्फ हमला नहीं कर सकता, बल्कि खुफिया, निगरानी, संचार जामिंग और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर भी कर सकता है.
किसके लिए बन सकता है चुनौती?
- चीन का यह ड्रोन खासकर अमेरिका के RQ-4 ग्लोबल हॉक और MQ-9 रिपर जैसे ड्रोन के लिए चुनौती हो सकता है.
- ताइवान, भारत, और अन्य एशियाई देश जिनकी सीमाओं पर चीन की सैन्य गतिविधियां बढ़ रही हैं, इनके लिए यह ड्रोन खतरा बन सकता है.
- दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों में चीन की समुद्री निगरानी और सेना की उपस्थिति के लिए जिउ तियान बेहद कारगर साबित होगा.
भारत ने भी बढ़ाया डिफेंस का दांव, सफलतापूर्वक टेस्ट किया 'भार्गवास्त्र'
जैसे-जैसे चीन अपनी नई ड्रोन मदरशिप लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है, भारत ने भी अपने सुरक्षा उपायों को मजबूत किया है. पिछले सप्ताह, ओडिशा के गोपालपुर से भारत ने नया काउंटर-ड्रोन सिस्टम ‘भार्गवास्त्र’ सफलतापूर्वक टेस्ट किया. यह टेस्ट कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ड्रोन हमलों को रोकने के बाद किया गया. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने कई ड्रोन हमले किए थे, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने विफल कर दिया था. भारत ने अब ये नया काउंटर ड्रोन हथियार विकसित कर अपनी हवाई सीमा सुरक्षा को और मजबूत कर लिया है.
चीन का जिउ तियान ड्रोन कैरियर अपनी विशाल पेलोड क्षमता, लंबी दूरी की पहुंच और स्वार्मिंग ड्रोन लॉन्चिंग की क्षमता के चलते आधुनिक ड्रोन युद्ध तकनीक में एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है. यह ड्रोन खास तौर पर अमेरिकी ड्रोन के लिए चुनौती पेश करता है क्योंकि यह केवल टोही या हमला नहीं, बल्कि बहु-कार्यात्मक सैन्य अभियानों को अंजाम दे सकता है.
भारत सहित क्षेत्रीय देशों को भी इस तकनीक के बढ़ते प्रभाव से सावधान रहना होगा, खासकर सीमावर्ती इलाकों और समुद्री क्षेत्रों में जहां चीन की सैन्य उपस्थिति मजबूत हो रही है. जिउ तियान और इसके समान उन्नत ड्रोन तकनीकों की प्रगति से आधुनिक युद्धों का स्वरूप तेजी से बदल रहा है, जहां बिना पायलट वाले विमान युद्ध की नई कसौटी बन गए हैं.