भारत का Star Wars मोड एक्टिवेट, अब आसमान में दिखे दुश्मन ड्रोन तो धूल में मिल जाएंगे
भारत ने एक नई तकनीकी उपलब्धि के साथ विश्व में अपनी जगह दर्ज कराई है. आंध्र प्रदेश के कुर्नूल में स्थित नेशनल ओपन एयर रेंज (NOAR) में सफलतापूर्वक Mk-II(A) लेजर-डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) सिस्टम का ट्रायल किया गया, जिसने फिक्स्ड-विंग और स्वार्म ड्रोन को निशाना बनाते हुए 'स्टार वार्स' जैसी क्षमता का प्रदर्शन किया.

अब तक आपने हॉलीवुड फिल्मों में लेजर हथियारों की ताकत देखी होगी, लेकिन अब भारत भी 'स्टार वॉर्स' जैसी तकनीक के मामले में सुपरपावर बनने की ओर बढ़ रहा है. आंध्र प्रदेश के कुरनूल में DRDO ने पहली बार एक ऐसा लेजर हथियार सफलतापूर्वक टेस्ट किया है, जो न सिर्फ दुश्मन के ड्रोन को सेकेंडों में राख कर सकता है बल्कि बिना किसी गोली या मिसाइल के काम करता है.
यह सिस्टम भारत का Mk-II(A) लेजर-डायरेक्टेड एनर्जी वेपन (DEW) है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है. अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत अब दुनिया का चौथा देश बन गया है जिसके पास यह ‘स्टार वॉर्स’ जैसी तकनीक है. डीआरडीओ प्रमुख समीर वी कामत ने बताया कि यह सिर्फ शुरुआत है – आगे और भी एडवांस लेजर, माइक्रोवेव और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हथियार तैयार किए जा रहे हैं. DRDO के चेन्नई में स्थित CHESS (Centre for High Energy Systems and Sciences) ने कई शैक्षणिक संस्थानों और इंडस्ट्री पार्टनर्स के सहयोग से इस प्रौद्योगिकी पर काम किया है.
कैसे करता है काम?
Mk-II(A) लेजर DEW सिस्टम में एक अत्यंत तीव्र लेजर बीम का उपयोग होता है, जिसे रडार या इनबिल्ट इलेक्ट्रो-ऑप्टिक (EO) सिस्टम द्वारा पहचाने गए ड्रोन पर फायर किया जाता है. यह लेजर उस लक्ष्य को नुकसान पहुंचा कर उसे तेजी से बेकार कर देता है. इसकी तत्परता, निशाने पर सटीक वार और तुरंत प्रतिक्रिया क्षमता के कारण यह पारंपरिक मिसाइल सिस्टम और काइनेटिक हथियारों का किफायती विकल्प माना जा रहा है.
क्यों खास है यह हथियार?
- मिसाइलों और बुलेट्स के मुकाबले यह सस्ता, सटीक और बिना कोलैटरल डैमेज के काम करता है.
- आने वाले समय में यह पारंपरिक एयर डिफेंस सिस्टम की जगह ले सकता है.
- बढ़ते ड्रोन हमलों के दौर में यह भारत की नई सुरक्षा ढाल साबित होगा.
'स्टार वार्स' जैसा भविष्य
DRDO के चेयरमैन, सैमीर वी. कामत ने बताया कि यह ट्रायल केवल शुरुआत है। भारतीय रक्षा व्यवस्था उच्च ऊर्जा प्रणालियों में लगातार नई प्रौद्योगिकी विकसित कर रही है – जैसे कि उच्च ऊर्जा माइक्रोवेव और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स. कामत का कहना है, "हम एक ऐसे युग की ओर बढ़ रहे हैं, जहां 'स्टार वार्स' जैसी तकनीक न केवल हमारी सुरक्षा में क्रांति लाएगी, बल्कि खर्चीले मिसाइल सिस्टम को भी पीछे छोड़ देगी."
लागत प्रभावी और सुरक्षित रक्षा समाधान
लेजर DEW प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ है इसका कम ऑपरेशनल खर्च और न्यूनतम कोलैटरल डैमेज. पारंपरिक हथियारों के मुकाबले, यह तकनीक टारगेट पर सीधे वार करती है, जिससे फौजी जीवन की सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों के लिए भी अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित होती है. यह तकनीक आने वाले समय में हथियारों की दुनिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में उभरेगी.
भारत की बढ़ती सैन्य ताकत
इस तकनीकी प्रगति से स्पष्ट होता है कि भारत अब विश्व के गिनती किए गए देशों में से एक है, जिसने उन्नत लेजर हथियार प्रणाली विकसित की है. जब हम एक ओर ड्रोन और स्वार्म हमलों के बढ़ते खतरों का सामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह तकनीक युद्ध के मैदान में एक नया मोड़ ला सकती है, जिससे टारगेट का तेज़, सटीक और सुरक्षित निष्कासन संभव हो सकेगा.
इस सफलता ने दिखा दिया है कि भारत न केवल पारंपरिक हथियारों में, बल्कि अत्याधुनिक 'स्टार वार्स' स्टाइल की तकनीकी क्षमताओं में भी आगे बढ़ रहा है, और आने वाले दिनों में इसकी भूमिका वैश्विक रक्षा में और महत्वपूर्ण साबित होने वाली है.