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चीन ने पहली बार दिखाया अपना न्यूक्लियर 'त्रिकाल', अंडरवाटर ड्रोन से लेकर रोबोटिक वुल्व्स देखकर US को भी नहीं आएगी नींद

चीन ने बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर में अपनी सबसे बड़ी सैन्य परेड में पहली बार न्यूक्लियर त्रिकाल (भूमि, जल और वायु आधारित) का प्रदर्शन किया. इस परेड में DF-5C, DF-61, JL-3 जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें, हाइपरसोनिक और एंटी-शिप मिसाइलें, अंडरवाटर ड्रोन, रोबोटिक वुल्व्स और एंटी-ड्रोन तकनीक दिखाई गई. चीन ने यह संदेश दिया कि उसकी सामरिक शक्ति अब वैश्विक स्तर पर निर्णायक है और PLA का आधुनिकीकरण पूरी तरह से आधुनिक, एकीकृत और क्षेत्रीय व वैश्विक सुरक्षा के लिए सक्षम है.

चीन ने पहली बार दिखाया अपना न्यूक्लियर त्रिकाल, अंडरवाटर ड्रोन से लेकर रोबोटिक वुल्व्स देखकर US को भी नहीं आएगी नींद
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( Image Source:  X/@globaltimesnews )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Updated on: 3 Sept 2025 6:57 PM IST

बुधवार को बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर में चीन ने अपने दशकों की सबसे बड़ी सैन्य परेड का आयोजन किया. यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध के अंत की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की गई थी, लेकिन असली फोकस इतिहास पर नहीं, बल्कि हथियारों और आधुनिक सैन्य शक्ति के भव्य प्रदर्शन पर था. इस परेड में चीन ने पहली बार पूरी दुनिया के सामने अपने न्यूक्लियर त्रिकाल (भूमि, जल और वायु आधारित न्यूक्लियर हथियारों) का प्रदर्शन किया.

इस अवसर पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग माओ स्टाइल सूट में उपस्थित थे और उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन किसी भी दबाव या धमकी के आगे नहीं झुकेगा. परंतु असली संदेश तो हथियारों ने दिया. लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें, हाइपरसोनिक ग्लाइड सिस्टम, अंडरवाटर ड्रोन और रोबोटिक वुल्व्स ने स्पष्ट कर दिया कि चीन अब केवल क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक सामरिक मंच पर अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार है. यह परेड तकनीकी नवाचार, स्वायत्त हथियार प्रणालियों और रणनीतिक सोच का ज्वलंत उदाहरण थी.

भूमि, जल और वायु में न्यूक्लियर त्रिकाल

चीन ने पहली बार अपने न्यूक्लियर त्रिकाल यानी Nuclear Triad के तीनों हिस्से सार्वजनिक रूप से पेश किए, जिसमें जमीन, हवा और समंदर से परमाणु हमला करने की क्षमता का प्रदर्शन किया गया. इनमें शामिल हैं...

  • जमीन-आधारित मिसाइलें: DF-5C साइलो-आधारित इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल, 13,000 किलोमीटर तक की रेंज और 10 स्वतंत्र लक्ष्य वाले परमाणु वारहेड के साथ. DF-61, मोबाइल आठ-पहियों वाली मिसाइल, जो भारी वारहेड या अतिरिक्त डिकॉय ले जाने में सक्षम.
  • जल-आधारित मिसाइलें: JL-3 सबमरीन-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल, जो तटीय पानी से दुश्मनों को निशाना बनाने में सक्षम.
  • वायु-आधारित मिसाइलें: Jinglei-1 लंबी दूरी की न्यूक्लियर मिसाइल, बमवर्षकों द्वारा ले जाई जाती है और पहली बार जनता के सामने प्रदर्शित.

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इंडो-पैसिफिक के लिए ‘कैरियर किलर्स’ और बेस बस्टर्स

कई मिसाइलें अमेरिका और इसके ठिकानों के लिए लक्षित थीं.

  • DF-26D Guam Killer: लगभग 5,000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइल, न्यूक्लियर और कन्वेंशनल वारहेड ले जाने में सक्षम. इसमें इलेक्ट्रॉनिक जामिंग और इंटरसेप्शन से बचने की क्षमता भी है.
  • YJ-21 और YJ-17: हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइलें, जो एयर डिफेंस को चकमा देकर लक्ष्य तक पहुंच सकती हैं. इनसे चीन की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सामरिक महत्‍व वाले समुद्री और द्वीपीय लक्ष्यों पर कब्ज़ा करने की क्षमता बढ़ी.

हाइपरसोनिक मिसाइलें: रोक पाना मुश्किल

हाइपरसोनिक मिसाइलें Mach 5 से अधिक की गति से उड़ती हैं और उड़ान के दौरान अप्रत्याशित मोड़ ले सकती हैं. DF-17, YJ-21 और YJ-17 जैसी मिसाइलें इस श्रेणी में आती हैं और वर्तमान मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए चुनौती पेश करती हैं.

एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन

चीनी परेड में एंटी-ड्रोन तकनीक का भव्य प्रदर्शन हुआ.

  • LY-1 लेज़र सिस्टम: मोबाइल प्लेटफॉर्म जो ड्रोन को हाई-एनर्जी लाइट बीम से नष्ट करता है.
  • हाई-पावर्ड माइक्रोवेव हथियार: ड्रोन इलेक्ट्रॉनिक्स को निष्क्रिय करने में सक्षम.
  • साथ में शॉर्ट-रेंज मिसाइल और ऑटोमेटेड गन भी प्रदर्शित.

चीन ने इसे न्यूक्लियर त्रिकाल की तरह ‘एंटी-ड्रोन त्रिकाल’ कहा.

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ड्रोन, रोबोट वुल्व्स और स्वायत्त प्रणाली

परेड का मुख्य विषय ऑटोनॉमस प्लेटफॉर्म्स का समन्वय था.

  • GJ-11 Loyal Wingman Drone: सेंसर, अम्यूनिशन कैरियर और इंटेलिजेंट असिस्टेंट.
  • AJX002 अंडरवाटर ड्रोन: 20 मीटर लंबा, निगरानी, खदान बिछाने और परमाणु मिशन के लिए सक्षम.
  • रोबोटिक वुल्व्स: आपूर्ति, मोर्चा निगरानी और सटीक हमलों में सक्षम.

भूमि पर भारी हथियार और मॉड्यूलर फायरपावर

  • 99B मेन बैटल टैंक: सक्रिय सुरक्षा प्रणाली, राडार आधारित फायर कंट्रोल और इंटरसेप्टर.
  • PHL-16 मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम: 300 और 370 मिमी रॉकेट लॉन्च करने में सक्षम, Tactical Ballistic Missiles जैसे Fire Dragon 480 के लिए भी.

ये सिस्टम US के HIMARS सिस्टम के समान हैं, तेज़-तर्रार और मॉड्यूलर.

चीन की सैन्य रणनीति और सोच

परेड में दिखाए गए हथियार केवल विविध नहीं, बल्कि गहराई से जुड़े हुए हैं. हर प्रणाली किसी विशेष ऑपरेशनल डोमेन या रणनीतिक आवश्यकता को पूरा करती है. डीप-सी ड्रोन सबमरीन, रोबोटिक ग्राउंड यूनिट, हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, मोबाइल लेजर बैटरी – सभी ने दिखाया कि PLA का आधुनिकीकरण कितनी तेजी से आगे बढ़ा है.

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तकनीकी और रणनीतिक विश्लेषण

चीन ने परेड के माध्यम से दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया: अब वह केवल क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक सामरिक मंच पर अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार है. भूमि, जल और वायु में न्यूक्लियर त्रिकाल, हाइपरसोनिक मिसाइलें, स्वायत्त ड्रोन और रोबोटिक सेना – सभी ने चीन के आधुनिक सैन्य तकनीक और रणनीति की क्षमता को उजागर किया.

इस परेड से यह भी संकेत मिलता है कि चीन अपने पड़ोसी देशों और अमेरिका सहित वैश्विक शक्तियों को यह दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा कि उसकी रणनीतिक पहुंच और सामरिक जवाबदेही अब पहले से कहीं अधिक विस्तृत और प्रभावशाली है. बीजिंग की इस परेड ने यह साबित कर दिया कि चीन की सैन्य ताकत अब केवल दिखावा नहीं, बल्कि पूरी तरह से आधुनिक और एकीकृत प्रणाली में बदल चुकी है. भूमि, जल और वायु में न्यूक्लियर त्रिकाल, हाइपरसोनिक मिसाइलें, एंटी-ड्रोन तकनीक और रोबोटिक प्लेटफॉर्म - सभी ने यह संदेश स्पष्ट किया कि PLA का आधुनिकीकरण अब वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

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