'अरुणाचल को भारत का हिस्सा नहीं मानता चीन' फिर सामने आई 'ड्रैगन' गंदी करतूत; महिला के उत्पीड़न आरोपों को भी नकारा
हाल ही में भारत के अरुणाचल प्रदेश की एक महिला ने चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. वहीं चीन इन सभी आरोपों को नकार दिया है इसके अलावा चीन का कहना है कि वो अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मानता है.
अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला को शंघाई एयरपोर्ट पर कथित रूप से रोके जाने के मामले ने भारत–चीन संबंधों में एक नई तनावपूर्ण कड़ी जोड़ दी है. जहां भारत इस घटना को गंभीर कूटनीतिक मुद्दा बताते हुए कड़ा विरोध जता रहा है, वहीं चीन ने किसी भी तरह के उत्पीड़न के आरोपों को नकार दिया है.
यह विवाद तब बढ़ा जब ब्रिटेन में रहकर काम करने वाली अरुणाचल प्रदेश की मूल निवासी पेमा वांगजोम थोंगडोक ने सोशल मीडिया के माध्यम से दावा किया कि चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उनके पासपोर्ट को अमान्य बताते हुए उन्हें घंटों रोके रखा.
चीन का इनकार, कहा- कोई उत्पीड़न नहीं हुआ
इस पूरे मामले पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि थोंगडोक को किसी भी प्रकार की जबरदस्ती, हिरासत या उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने कहा “उन्हें किसी भी अनिवार्य उपाय, हिरासत या उत्पीड़न के अधीन नहीं किया गया था. सभी प्रक्रियाएं कानूनों और नियमों के अनुसार पूरी की गईं और एयरलाइन ने उन्हें आराम करने की जगह, भोजन और पानी उपलब्ध कराया था.”
इसके अलावा माओ निंग ने अपने बयान में कहा कि “ज़ंगनान चीन का क्षेत्र है. चीन ने कभी भी भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित अरुणाचल प्रदेश को स्वीकार नहीं किया.”
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
सरकारी सूत्रों के मुताबिक “भारत ने शंघाई पुडोंग हवाई अड्डे पर ट्रांजिट के दौरान अरुणाचल प्रदेश की एक महिला को हिरासत में लेने और उसका पासपोर्ट अमान्य बताए जाने पर कड़ा विरोध जताया है. भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसके नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट पर यात्रा करने का पूरा अधिकार है.
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि चीनी कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन मानदंडों विशेषकर शिकागो और मॉन्ट्रियल सम्मेलनों का उल्लंघन करती है और यह व्यवहार दोनों देशों के संबंधों में बाधाएं पैदा करता है.
क्या बोले अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री?
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने घटना को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा “मैं इस घटना से गहरे सदमे में हूं. यह अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन और भारतीय नागरिकों की गरिमा का अपमान है.”





