AI की दुनिया में ‘Adult Revolution’: अब ChatGPT में होगी इरोटिक स्टोरीज़ की एंट्री
OpenAI ने हाल ही में एलान किया है कि वह ChatGPT में उस तरह की सामग्री की अनुमति देने जा रहा है, जो अब तक वर्जित मानी जाती थी, लेकिन सिर्फ उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो अपनी वयस्कता (age) प्रमाणित कर लें. इस कदम के पीछे कंपनी का कथित उद्देश्य है “treat adult users like adults” (वयस्क उपयोगकर्ताओं को वयस्क की तरह व्यवहार करना).

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की दुनिया में OpenAI ने एक ऐसा कदम उठाया है, जो आने वाले महीनों में न सिर्फ डिजिटल कंटेंट बल्कि टेक्नोलॉजी की नैतिकता पर भी बहस छेड़ देगा. OpenAI ने घोषणा की है कि दिसंबर 2025 से ChatGPT वेरिफाइड वयस्क उपयोगकर्ताओं (Verified Adults) को इरोटिक कंटेंट यानी संवेदनशील और वयस्क विषयों पर आधारित सामग्री तक पहुंच की अनुमति देगा.
कंपनी इसे "Treat adult users like adults" यानी “वयस्कों को वयस्क की तरह ट्रीट करना” कह रही है. इसका मतलब यह है कि अब ChatGPT में ऐसे विषयों पर बातचीत, कहानी लेखन या कल्पनात्मक संवादों की अनुमति दी जाएगी, जो अब तक प्रतिबंधित थे - बशर्ते यूजर्स अपनी उम्र प्रमाणित करें.
क्यों बदला OpenAI ने अपना रवैया?
यह फैसला अचानक नहीं आया. पिछले कुछ महीनों से OpenAI पर लगातार आलोचना हो रही थी कि उसने ChatGPT पर अत्यधिक कंट्रोल लगाकर उसे "कम उपयोगी और कम इंसान जैसा" बना दिया है. OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने X (पूर्व ट्विटर) पर कहा, “हमें अहसास हुआ कि सख्त प्रतिबंधों की वजह से ChatGPT उन उपयोगकर्ताओं के लिए उबाऊ और सीमित हो गया था, जिनके मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कोई खतरे नहीं थे.”
दरअसल, यह कदम एक कैलिफोर्निया के किशोर एडम रेन (Adam Raine) की आत्महत्या के बाद लगाए गए सुरक्षा नियमों की ढील का परिणाम है. उस घटना के बाद OpenAI ने ChatGPT को लेकर कई कठोर सीमाएं लगा दी थीं, ताकि कोई भी उपयोगकर्ता मानसिक या आत्मघाती सलाह न पा सके.
अब, Altman का कहना है कि OpenAI ने “serious mental health risks” से निपटने के लिए नए टूल विकसित कर लिए हैं, इसलिए “अब सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए प्रतिबंधों को सुरक्षित रूप से ढीला किया जा सकता है.”
दिसंबर से शुरू होगा ‘Verified Adults’ प्रोग्राम
दिसंबर 2025 में कंपनी Age Verification System लाने जा रही है. इसके तहत, जो उपयोगकर्ता अपनी उम्र की पुष्टि कर पाएंगे, उन्हें “इरोटिक और मैच्योर कंटेंट” तक पहुंच दी जाएगी. लेकिन, यह कंटेंट ऑटोमैटिकली नहीं दिखेगा. उपयोगकर्ता को खुद इस तरह की सामग्री की मांग करनी होगी. Altman के मुताबिक़, “इरोटिक कंटेंट केवल उन्हीं को दिखेगा जो इसके लिए खुद अनुरोध करेंगे. बाकी उपयोगकर्ताओं के अनुभव पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.”
इस फीचर के साथ ChatGPT एक नया मोड पेश करेगा जिसमें उपयोगकर्ता टोन, पर्सनैलिटी और स्टाइल सेट कर सकेंगे - जैसे फ्रेंडली, इमोशनल, फ्लर्टी या प्रोफेशनल. यानी अब आप ChatGPT से कह सकेंगे कि वह “इंसान जैसा” जवाब दे, इमोजी का इस्तेमाल करे या एक दोस्त की तरह बर्ताव करे.
सुरक्षा और जिम्मेदारी की नई सीमाएं
OpenAI ने साथ ही यह भी साफ़ किया है कि 18 वर्ष से कम उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए ChatGPT का एक अलग संस्करण रहेगा. यह संस्करण स्वचालित रूप से ग्राफिक, हिंसक या यौन विषयों से जुड़ी सामग्री को फ़िल्टर कर देगा. इसके अलावा कंपनी एक behavior-based age detection तकनीक भी विकसित कर रही है, जो उपयोगकर्ता के चैटिंग पैटर्न से यह पहचान सकेगी कि वह नाबालिग है या नहीं. यह कदम उन देशों के कानूनों के अनुरूप है, जहां AI ethics और child protection laws बेहद सख्त हैं - जैसे अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और जापान.
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लेकिन विवादों से घिरा है यह फैसला
यह फैसला जितना नया है, उतना ही विवादास्पद भी. AI विशेषज्ञों और डिजिटल नीति विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम “AI के व्यावसायीकरण” की दिशा में एक बड़ा मोड़ है.
डेटा गोपनीयता की चुनौती: उपयोगकर्ताओं को वेरिफिकेशन के लिए अपनी पहचान या सरकारी दस्तावेज़ देना पड़ सकता है, जो डेटा सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाएगा.
इरोटिक कंटेंट की सीमा क्या होगी? OpenAI ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि “इरोटिका” किस स्तर तक अनुमति दी जाएगी. क्या यह केवल साहित्यिक कल्पनाओं तक सीमित होगी या इसमें संवाद, किरदार और दृश्य भी होंगे?
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: कई मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यदि इरोटिक कंटेंट को बिना संतुलन के उपलब्ध कराया गया, तो यह कुछ उपयोगकर्ताओं की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है.
कानूनी पेंच: कई देशों में वयस्क सामग्री पर कानूनी नियंत्रण बेहद सख्त हैं. ऐसे में यह फीचर हर देश में लागू होगा या नहीं, इस पर अब तक स्पष्टता नहीं है.
टेक कंपनियों की नई दौड़: ‘इंसान जैसा AI’
OpenAI का यह कदम सिर्फ एक नैतिक या टेक्नोलॉजिकल प्रयोग नहीं है, बल्कि बाजार की प्रतिस्पर्धा से भी जुड़ा है. Elon Musk की कंपनी xAI का Grok, और Anthropic का Claude 3 पहले ही flirty और emotional chat modes लॉन्च कर चुके हैं. ऐसे में ChatGPT का यह अपडेट, OpenAI को फिर से AI चैटबॉट्स की दौड़ में शीर्ष पर लाने की कोशिश है.
Altman ने खुद कहा, “अगर आप चाहते हैं कि आपका ChatGPT इंसान की तरह बात करे, इमोजी यूज़ करे या आपकी तरह हंसे, तो उसे ऐसा करने देना चाहिए - लेकिन सिर्फ तब, जब आप खुद ऐसा चाहें.”
क्या आने वाले समय में बदल जाएगी AI की सीमा?
यह स्पष्ट है कि OpenAI अब ChatGPT को “कम मशीन और ज़्यादा इंसान” बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. दिसंबर में आने वाला यह अपडेट न सिर्फ कंटेंट पॉलिसी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करेगा - क्या AI इंसानों की इच्छाओं, संवेदनाओं और कल्पनाओं की सीमाओं को छूने के लिए तैयार है? क्योंकि जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता में इरोटिक कल्पना जुड़ जाती है, तब यह सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं रहती - यह समाज, संस्कृति और नैतिकता की नई परिभाषा बन जाती है.