व्हाइट हाउस में जेलेंस्की से चल रही थी मीटिंग, अचानक किसे कॉल करने लगे ट्रंप, बोले- दो हफ्ते में होगा बड़ा फैसला
व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं संग बैठक के बीच ट्रंप ने अचानक पुतिन को फोन कर पूरी दुनिया को चौंका दिया. 40 मिनट की बातचीत के बाद त्रिपक्षीय शांति वार्ता का खाका सामने आया. अब अगस्त के अंत तक जेलेंस्की-पुतिन मुलाकात संभव है. ट्रंप का दावा– “दो हफ्तों में युद्ध पर बड़ा फैसला होगा.”

सोमवार को व्हाइट हाउस में हुई हाई-प्रोफाइल मीटिंग उस वक्त चर्चा का विषय बन गई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और सात यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक के बीच अचानक फोन कॉल रोककर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत शुरू कर दी. लगभग 40 मिनट तक चली इस बातचीत ने संकेत दिया कि कूटनीतिक स्तर पर बड़ी हलचल चल रही है.
क्रेमलिन ने पुष्टि की कि इस कॉल में ट्रंप और पुतिन ने भविष्य की शांति वार्ता के ढांचे पर चर्चा की. सूत्रों का कहना है कि यह कदम अचानक नहीं था, बल्कि ट्रंप ने जानबूझकर इस समय का चयन किया ताकि सभी यूरोपीय नेता और जेलेंस्की इस कूटनीतिक संदेश को तुरंत समझ सकें कि अब बातचीत का केंद्र व्हाइट हाउस और क्रेमलिन के बीच है.
पुतिन और जेलेंस्की आयेंगे आमने सामने?
ट्रंप ने साफ किया कि पहले पुतिन और जेलेंस्की की आमने-सामने बैठक होगी और उसके बाद एक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें वह खुद मध्यस्थ के तौर पर मौजूद रहेंगे. बताया जा रहा है कि अगस्त के अंत तक यह बैठक संभव है और इसके लिए जगह और एजेंडा पर चर्चा भी शुरू हो चुकी है.
युद्ध खत्म करने का नया रोडमैप
ट्रंप का कहना है कि अब युद्धविराम (सीजफायर) की जगह एक स्थायी और व्यापक शांति समझौते पर बातचीत होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि "सीजफायर केवल अस्थायी समाधान है. हमें दीर्घकालिक समझौते की जरूरत है ताकि युद्ध दोबारा शुरू न हो." ट्रंप ने दावा किया कि अगले दो हफ्तों में इस दिशा में निर्णायक प्रगति हो सकती है.
जेलेंस्की का सुरक्षा संदेश
बैठक के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनका सबसे बड़ा मुद्दा सुरक्षा गारंटी है. उन्होंने स्वीकार किया कि यूक्रेन की सुरक्षा अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों पर निर्भर करती है. जेलेंस्की ने उम्मीद जताई कि आगामी त्रिपक्षीय मीटिंग में संवेदनशील मुद्दों पर ईमानदारी से चर्चा होगी और इसका परिणाम यूक्रेन के लिए ठोस सुरक्षा व्यवस्था के रूप में निकल सकता है.
शांति सम्मेलन की संभावना
अगर पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात तय होती है, तो यह लगभग साढ़े तीन साल बाद दोनों नेताओं के बीच पहली सीधी बातचीत होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से युद्ध को खत्म करने की दिशा में वास्तविक मौका पैदा हो सकता है. वाइट हाउस ने भी संकेत दिए हैं कि कीव के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा गारंटी इस सम्मेलन का सबसे अहम एजेंडा होगा.
दांव पर ट्रंप की अंतरराष्ट्रीय छवि
ट्रंप पहले ही अलास्का में पुतिन से मुलाकात कर चुके हैं और अब वह खुद को एक शांति दूत के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं. विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह पहल सफल होती है तो यह ट्रंप की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत करेगी और घरेलू राजनीति में भी उन्हें फायदा पहुंचा सकती है. उनके समर्थक पहले से ही सोशल मीडिया पर इसे "ट्रंप की बड़ी जीत" बता रहे हैं.
'हर कोई खुश है' का दावा
बैठक के बाद ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर लिखा कि "रूस/यूक्रेन के लिए शांति की संभावना को लेकर हर कोई बहुत खुश है." उन्होंने इसे मानवीय दृष्टि से सबसे अहम पहल बताया. अब दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या अगस्त के अंत तक पुतिन और जेलेंस्की वास्तव में एकसाथ शांति की मेज पर बैठ पाएंगे या यह पहल भी पिछले प्रयासों की तरह अधूरी रह जाएगी.