कौन थे राजीव प्रताप, जिनकी मौत पर उत्तराखंड में मचा बवाल? पत्नी ने हत्या का लगाया आरोप, पुलिस ने कहा- सड़क हादसे का हुए शिकार
उत्तराखंड के पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत ने देशभर में हलचल मचा दी है. 16 सितंबर को गायब हुए राजीव का शव रविवार को जोशीयारा बैराज में बरामद हुआ. उनकी पत्नी मुस्कान का आरोप है कि राजीव का अपहरण किया गया था, जबकि पुलिस इसे सड़क हादसा बता रही है. राजीव Delhi Uttarakhand Live चैनल चला रहे थे. उन्हें अस्पताल-स्कूल से जुड़ी रिपोर्टिंग के बाद धमकियां मिल रही थीं.

Who Was Rajeev Pratap: उत्तराखंड के जाने-माने पत्रकार और डिजिटल चैनल Delhi Uttarakhand Live के संस्थापक राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत ने देशभर में हलचल मचा दी है. राजीव 16 सितंबर को गायब हुए थे और उनके परिजनों ने तब से ही संदेह जताते हुए अवैध गतिविधि का आरोप लगाया था. दस दिन बाद उनका शव रविवार को उत्तरकाशी जिले की एक नदी से बरामद किया गया.
राजीव प्रताप की पत्नी मुस्कान प्रताप ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार 16 सितंबर की रात लगभग 11 बजे राजीव से बात की थी. उस रात राजीव अस्पताल और एक स्कूल से जुड़ी रिपोर्टें अपलोड करने के बाद तनाव में थे. उन्होंने पत्नी को बताया कि वीडियो नहीं हटाने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही हैं. मुस्कान ने यह भी कहा कि उनका आखिरी भेजा गया मैसेज 11:50 बजे तक डिलीवर नहीं हुआ.
परिवार ने अधिकारियों से लगाई मदद की गुहार
परिवार ने गायब होने के बाद अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई, जिसमें उन्होंने लिखा, “इस इलाके में उनके खिलाफ कई लोग दुश्मनी रखते हैं. इसलिए आपसे निवेदन है कि राजीव प्रताप को खोजने में मदद करें. हमें डर है कि उनके साथ कोई अनहोनी हुई हो सकती है.”
पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस ने कहा कि 36 वर्षीय राजीव प्रताप अल्टो कार में अकेले 18 सितंबर की रात करीब 11:20 बजे आखिरी बार नजर आए. अगले दिन उनकी कार भगीरथी नदी के पास गंगोरी में क्षतिग्रस्त हालत में मिली. इसके बाद परिवार ने मिसिंग पर्सन रिपोर्ट दर्ज कराई.
SDRF और पुलिस की खोज में कार बरामद
एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने कार नदी से बाहर निकाली. निरीक्षण के दौरान कार में एक चप्पल भी मिली. रविवार को जोशीयारा बैराज में शव बरामद हुआ, जिसे परिवार ने राजीव प्रताप का ही शव बताया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने बताया कि शव की पहचान हो चुकी है.
राजीव प्रताप कौन थे?
राजीव प्रताप, IIMC के पूर्व छात्र, डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय थे और उत्तराखंड के स्थानीय मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे. उनका परिवार दावा करता है कि राज्य अस्पताल में चल रही अनियमितताओं पर रिपोर्ट डालने के बाद उन्हें धमकियां मिल रही थीं.
जांच में जुटी पुलिस
हालांकि पुलिस का कहना है कि यह एक सड़क हादसा हो सकता है, लेकिन परिवार अभी भी हत्या और अपहरण की संभावना से इनकार नहीं कर रहा. मामले की जांच फिलहाल जारी है. स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है.