उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री ने ऐसा क्या बयान दे दिया, जो पद से देना पड़ गया इस्तीफा? बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो पड़े
उत्तराखंड के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. सीएम धामी ने उनका इस्तीफा स्वीकार लिया है. इस्तीफा देने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रेमचंद अग्रवाल रो पड़े. उन्होंने कहा- मैं हमेशा चाहता हूं कि मेरा राज्य विकास करे और आगे बढ़ता रहे. इसलिए आज मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है. आइए, आपको उस बयान के बारे में बताते हैं, जिसकी वजह से मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा...

Uttarakhand Minister Premchand Aggarwall Resign: उत्तराखंड के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रविवार, 16 मार्च 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. यह निर्णय उनके द्वारा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान दिए गए एक विवादित बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था, "क्या उत्तराखंड केवल पहाड़ी लोगों के लिए ही बना है?" इस टिप्पणी के बाद राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें कांग्रेस और अन्य संगठनों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी.
इस्तीफा देते समय आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रेमचंद अग्रवाल भावुक हो गए और कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिससे उन्हें गहरा दुख पहुंचा है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य के विकास में उनका योगदान हमेशा रहेगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्रवाल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इस घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. आगामी दिनों में इसके प्रभाव पर नजर बनी रहेगी.
'मैं बेहद आहत हूं'
प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मेरे बयान को लेकर पूरे प्रदेश में जिस प्रकार का माहौल बनाया गया, उसे लेकर मुझे बहुत दुख है. मैं बेहद आहत हूं. यह कहते ही वे रोने लग गए. उन्होंने कहा- मैं हमेशा चाहता हूं कि मेरा राज्य विकास करे और आगे बढ़ता रहे। इसके लिए जो भी योगदान देना होगा, मैं करूंगा. इसलिए आज मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, अग्रवाल विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट पर गुस्सा हो गए थे. उन्होंने कहा कि क्या हमने इसी दिन के लिए आंदोलन कर उत्तराखंड मांगा था कि पहाड़ी और देसी को लेकर टिप्पणियां जाए. अग्रवाल ने कहा कि क्या उत्तराखंड केवल पहाड़ी लोगों के लिए बना हुआ है.
सीएम धामी ने भी दी चेतावनी
मंत्री के इस बयान पर जमकर बवाल हुआ. कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन कर उन्हें कैबिनेट से बाहर निकालने की मांग की. सीएम धामी ने भी सख्त लहजे में कहा कि उत्तराखंड की एकता को भंग करने का प्रयास करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. चाहे ऐसे लोग मंत्री, विधायक और सांसद ही क्यों न हो. हालांकि, बाद में मंत्री ने अपने बयान पर माफी मांगी ली थी.
कौन हैं प्रेमचंद अग्रवाल?
देहरादून जिले के डोईवाला में संघी पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्मे अग्रवाल ने एमकॉम और एलएलबी की शिक्षा प्राप्त की है. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और 1980 में डोईवाला में एबीवीपी के अध्यक्ष बने. 1995 में वे देहरादून जिले में भाजपा के प्रमुख बने और उत्तराखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई. अग्रवाल 2007 में पहली बार ऋषिकेश से भाजपा विधायक चुने गए. वे 2012, 2017, 2022 के चुनावों में भी इस सीट से जीत हासिल की. वे उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.