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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर मदरसा बोर्ड प्रमुख कासमी की खरी-खरी

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बुधवार को बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की. बांग्लादेश में हाल ही में राजनीतिक अस्थिरता का दौर जारी है, जो की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद और गहरा गया. भारत में इन घटनाओं के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है.

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर मदरसा बोर्ड प्रमुख कासमी की खरी-खरी
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( Image Source:  Social Media- X )

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदुओं के खिलाफ अत्‍याचार जारी है. वहां हिंदुओं की संपत्तियों और धार्मिक स्थलों पर हमले लगातार हो रहे हैं. भारत में इन घटनाओं के खिलाफ गुस्सा देखा जा रहा है.

उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बुधवार को बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने इसे मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन और देश की सामाजिक एकता पर हमला बताया.

मानवता और शांति के खिलाफ अत्याचार

मुफ्ती शमून कासमी ने कहा- 'बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों (माइनॉरिटी) पर हो रहे अत्याचारों की खबरों ने मुझे गहराई से झकझोर दिया है. यह न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि सभी धर्मों और सभ्य समाजों के शांति और सह-अस्तित्व के मूल सिद्धांतों को भी ठेस पहुंचाता है.'

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा क्यों है जरूरी?

कासमी ने अपने बयान में कहा कि किसी भी देश के अल्पसंख्यक समुदाय (माइनॉरिटी कम्युनिटी) को निशाना बनाना उसके सामाजिक ताने-बाने के लिए बेहद खतरनाक है. उन्होंने कहा- 'किसी भी देश की पहचान उसकी विविधता से होती है. अल्पसंख्यकों पर हमले मानव अधिकारों का उल्लंघन हैं और इससे देश की एकता और शांति को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है.'

सख्‍त कदम उठाए बांग्लादेश सरकार

मुफ्ती कासमी ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वह इस गंभीर स्थिति में तुरंत सख्त कदम उठाए. उन्होंने कहा-'मैं बांग्लादेश सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह हिंसा के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि हर नागरिक को सुरक्षा और सम्मान मिले, चाहे उनकी धार्मिक या जातीय पहचान कुछ भी हो.'

मुफ्ती कासमी ने आगे यह भी कहा कि केवल दोषियों को सजा देना ही काफी नहीं है. सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी रणनीतियां लागू करनी चाहिए.

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