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धराली में कुदरत का कहर... मलबे के पहाड़ के नीचे सांसें खोजते 800 जवान, डॉग्स से ड्रोन तक ऐसे चल रहा रेस्क्यू

उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली गांव में आई विनाशकारी बाढ़ ने तबाही मचा दी. चार दिनों में कई घर, होम स्टे और रेस्टोरेंट मलबे में तब्दील हो गए. अब तक 566 लोगों को बचाया गया, लेकिन 16 लोग आधिकारिक रूप से लापता हैं. सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 800 जवान राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं.

धराली में कुदरत का कहर... मलबे के पहाड़ के नीचे सांसें खोजते 800 जवान, डॉग्स से ड्रोन तक ऐसे चल रहा रेस्क्यू
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 9 Aug 2025 6:52 AM

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में चार दिन पहले आई भीषण आपदा ने तबाही का नया इतिहास लिख दिया. तेज़ रफ्तार बाढ़ ने कई घरों, होम स्टे और रेस्टोरेंट को मलबे में बदल दिया. इस त्रासदी में कई लोगों की जान चली गई और बची-खुची उम्मीदें भी पानी के साथ बह गईं. घटना के बाद से सोशल मीडिया पर आई तस्वीरें और वीडियो इस हादसे की भयावहता बयां कर रहे हैं.

आपदा के बाद सरकार ने तेजी से रेस्क्यू अभियान शुरू किया. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार दोपहर तक 128 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. मंगलवार से अब तक कुल 566 लोगों को बचाया जा चुका है. हालांकि, इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो शव बुधवार को बरामद हुए. बचाव दल लगातार प्रभावित इलाकों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है.

लापता लोगों का रहस्य

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने बताया कि अब भी 16 लोग लापता हैं. इनमें 9 आर्मी जवान और 7 नागरिक शामिल हैं. हालांकि, भारतीय सेना का अनुमान है कि लापता लोगों की संख्या 100 के पार हो सकती है. यह अंतर हालात की गंभीरता और खोज अभियान की चुनौती को साफ दर्शाता है.

गवाह बने स्थानीय लोग

धराली के स्थानीय निवासियों ने बताया कि फ्लैश फ्लड आने के समय कई मेहमान होटल में ठहरे हुए थे. वहीं, बिहार और नेपाल से आए मजदूर होटल निर्माण कार्य में जुटे थे. स्थानीय लोगों का मानना है कि लापता लोगों की संख्या आधिकारिक अनुमान से कहीं ज्यादा हो सकती है, क्योंकि कई मजदूरों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है.

बचाव में जुटी 800 की टीम

यूएसडीएमए के अनुसार, रेस्क्यू अभियान में 800 से अधिक जवान लगे हैं. इसमें आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस जैसी कई एजेंसियां शामिल हैं. बचाव दल स्निफर डॉग्स और रडार की मदद से मलबे में फंसे लोगों और शवों को ढूंढने में जुटा है. यह संयुक्त प्रयास आपदा से प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाने की कोशिश है.

सेना का पुल और हवाई बचाव

आईटीबीपी के मुताबिक, शुक्रवार को 128 लोगों को मातली स्थित हेलीपैड तक पहुंचाया गया. दूसरी ओर, भारतीय सेना ने भागीरथी नदी पर अस्थायी पुल तैयार किया. इस पुल की मदद से घायलों और फंसे पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. हर बीतते घंटे के साथ राहत अभियान समय के खिलाफ दौड़ बन चुका है.

उत्तराखंड न्‍यूज
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