रहस्यमय ढंग से गायब हुआ देहरादून के बिल्डर शाश्वत गर्ग और पूरा परिवार! करोड़ों की ठगी का शक, जांच में जुटी पुलिस
शाश्वत का घर देहरादून की ऊषा कॉलोनी में है. पुलिस जब वहां पहुंची तो घर पूरी तरह बंद था. घर के गार्ड ने बताया कि परिवार के जाने के बाद से ताला लगा हुआ है. मकान मालिक ने किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी.
देहरादून शहर में एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां के मशहूर बिल्डर शाश्वत गर्ग अपने पूरे परिवार समेत 17 अक्टूबर से लापता हो गए हैं. शाश्वत मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले दस साल से देहरादून में रहकर बिल्डिंग का कारोबार चला रहे थे. वे रियल एस्टेट के क्षेत्र में काफी एक्टिव थे और कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे. अब उनके गायब होने से उनके प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाने वाले इनवेस्टर बहुत परेशान हैं. लोग डरे हुए हैं कि कहीं उनकी मेहनत की कमाई डूब न जाए.
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, शाश्वत गर्ग के गायब होने से ठीक पहले उनके परिचितों और कुछ लोगों ने उनसे पैसे वापस मांगने के लिए फोन किए थे. ये लोग शायद उनके प्रोजेक्ट्स में निवेश करने वाले थे या कोई लेन-देन था. शाश्वत का कोई सुराग नहीं मिल रहा है, जिससे अफरा-तफरी मच गई है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और उनकी कॉल डिटेल्स खंगाल रही है. इससे पता चला है कि शाश्वत पर करोड़ों रुपये की देनदारी थी. यानी वे कई लोगों और शायद बैंकों को पैसे लौटाने थे.
परिवार की दोनों कारें हरिद्वार में मिलीं
एक बड़ा क्लू पुलिस को हरिद्वार से मिला, शाश्वत और उनका परिवार उत्तर प्रदेश के हापुड़ से देहरादून की ओर निकले थे, लेकिन उनकी दोनों कारें हरिद्वार की एक पार्किंग में खड़ी मिली। जांच से पता चला कि इन कारों को खुद शाश्वत के परिवार ने ही पार्क किया था. इससे शक और गहरा गया है कि परिवार जानबूझकर कहीं छिपा है या कोई बड़ा प्लान बनाकर फरार हुआ है.
परिवार के सदस्य कौन-कौन थे?
लापता होने वाले लोग हैं शाश्वत गर्ग (बिल्डर) उनकी पत्नी साक्षी गर्ग, मां अंजली गर्ग, पिता प्रवीन गर्ग और बेटा रिद्वान गर्ग. ये सभी 17 अक्टूबर को हापुड़ से देहरादून के लिए निकले थे. लापता होने के तीन दिन बाद, शाश्वत की पत्नी साक्षी के भाई सुलभ गोयल ने हापुड़ पुलिस कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई. सुलभ ने बताया कि जीजा (शाश्वत) पिछले दस साल से परिवार के साथ देहरादून में रह रहे थे. वे बिल्डर का काम करते थे और काफी सफल थे. पिछले चार साल से वे ऊषा कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहे थे। इससे पहले राजपुर रोड पर अपना घर था.
घर बंद मिला, कोई संपर्क नहीं
शाश्वत का घर देहरादून की ऊषा कॉलोनी में है. पुलिस जब वहां पहुंची तो घर पूरी तरह बंद था. घर के गार्ड ने बताया कि परिवार के जाने के बाद से ताला लगा हुआ है. मकान मालिक ने किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं दी. एसएसपी अजय सिंह ने कहा कि अभी तक कोई निवेशक या परिचित पुलिस से संपर्क नहीं किया है, लेकिन कॉल डिटेल्स से लेन-देन की जानकारी मिल रही है, जो ठगी की ओर इशारा कर रही है.
देहरादून में पांच साल में तीन बिल्डर गायब
अगर नजर पुराने मामलों पर तो, यह कोई पहली घटना नहीं है. देहरादून में पिछले पांच साल के अंदर तीन बड़े बिल्डर रहस्यमय तरीके से गायब हो चुके हैं. इन पर निवेशकों को ठगने के आरोप हैं.
पुष्पांजलि इंफ्राटेक के दीपक मित्तल और राखी मित्तल: साल 2020 से लापता हैं। इन पर 90 फ्लैट खरीदारों से 45 करोड़ रुपये लेने और बैंकों से 21 करोड़ का लोन लेकर फरार होने का आरोप है. ये लोन एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) हो गया था. दंपति के गायब होने के बाद उनके पार्टनर और जमीन मालिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
धर्मपुर का बिल्डर सुनील व्यास: 26 अगस्त से लापता हैं. उनकी कार हिमाचल प्रदेश के पावंटा साहिब से मिली थी। इन पर भी करोड़ों की ठगी के शक हैं. इन तीनों मामलों में कुल मिलाकर 45 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी बताई जा रही है। ज्यादातर मामले निवेशकों को ऊंचे मुनाफे का लालच देकर पैसे लेने और फिर भाग जाने से जुड़े हैं.





