लियाकत अली खान कौन थे, जिनके परिवार की जमीन को मुजफ्फरनगर में घोषित किया गया शत्रु संपत्ति?
लियाकत अली खान के परिवार की संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है. अब इस संपत्ति की नीलामी हो सकती है. इससे पहले, परवेज मुशर्रफ के परिवार की संपत्ति की शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था.

Liaquat Ali Khan: लियाकत अली खान के परिवार की जमीन पर बनाई गई मस्जिद और दुकानों को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है. यह आदेश शत्रु संपत्ति विभाग लखनऊ की ओर से जारी किए गए हैं. राष्ट्रीय हिंदू शक्ति दल ने 10 जून को मुजफ्फरनगर के तत्कालीन डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से संपत्ति पर अवैध कब्जे की शिकायत की थी. इस पर मामले की जांच कराई गई.
एडीएम वित्त एवं राजस्व गजेंद्र कुमार, एमडीए सचिव , सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर, सीओ सिटी और पालिका के ईओ को डीएम ने जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी. जांच में पता चला कि खसरा नंबर 930 पर दुकानों का किराया वक्फ बोर्ड के मुतवल्ली को जमा किया जा रहा है.
आरोपी पक्ष ने 10 नवंबर 1937 का एक पत्र दिया. इसके आधार पर बताया गया कि यह संपत्ति वक्फ बोर्ड में दर्ज है. इसके अलावा, कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया गया. इसके बाद शत्रु संपत्ति विभाग की टीम ने मस्जिद का सर्वे किया. मामले की लखनऊ में सुनवाई हुई. तीन नवंबर को मस्जिद की देखरेख कर रहे पक्ष ने लखनऊ पुहंचकर अपना पक्ष रखा.
अब आगे क्या होगा?
शत्रु संपत्ति घोषित होने पर अब इस जमीन की नीलामी होगी. इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेश मुशर्रफ के परिवार की 13 बीघा जमीन को भी शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था, जिसके बाद उसकी नीलामी की गई. इसकी कीमत 1.38 करोड़ लगाई गई थी. तीन लोगों ने मिलकर इस जमीन को खरीदा था.
शत्रु संपत्ति क्या है?
शत्रु संपत्ति का मतलब उन लोगों की संपत्ति से है, जो युद्ध के समय भारत छोड़कर पाकिस्तान या चीन जैसे देशों में बस गए थे. इन लोगों को भारत के लिए खतरा माना जाता था.
कौन थे लियाकत अली खान?
लियाकत अली खान पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री थे. वे 1947 से लेकर 1951 तक पाकिस्तान के पीएम रहे. उनका जन्म 1 अक्टूबर 1895 को करनाल में हुआ था. उनकी 16 अक्टूबर 1951 में हत्या कर दी गई. लियाकत अली पाकिस्तान के पहले रक्षा और विदेश मंत्री भी थे.