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बाबर की कब्र पर जाकर कौन करता था सजदा? CM योगी बोले- सपा ने तो राम मंदिर भक्तों पर चलाई थी गोलियां और कांग्रेस...

योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव के अवसर पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब हम अयोध्या को लाखों दीपों से जगमगा रहे हैं, तब हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी ने अदालत में यह कहा था कि भगवान श्रीराम एक मिथक हैं. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर दावा किया था कि श्रीराम का कोई अस्तित्व नहीं है, जबकि समाजवादी पार्टी ने इसी अयोध्या में रामभक्तों पर गोलियां चलाई थीं.'

बाबर की कब्र पर जाकर कौन करता था सजदा? CM योगी बोले- सपा ने तो राम मंदिर भक्तों पर चलाई थी गोलियां और कांग्रेस...
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( Image Source:  ANI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 19 Oct 2025 7:18 PM IST

छोटी दिवाली के अवसर पर अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान सरयू घाट पर हजारों दीयों की जगमगाहट ने माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आंनदी बेन भी इस अवसर पर उपस्थित रहे. सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि अयोध्या सप्तपुरियों में प्रथम है, जहां हर कण में मर्यादा बसी है और हर ह्रदय में भगवान राम का निवास है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव के अवसर पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब हम अयोध्या को लाखों दीपों से जगमगा रहे हैं, तब हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी ने अदालत में यह कहा था कि भगवान श्रीराम एक मिथक हैं. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर दावा किया था कि श्रीराम का कोई अस्तित्व नहीं है, जबकि समाजवादी पार्टी ने इसी अयोध्या में रामभक्तों पर गोलियां चलाई थीं.'

योगी ने विपक्ष पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जो बाबर की कब्र पर जाकर श्रद्धांजलि देते हैं, लेकिन जब अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया जाता है, तो वे उसे ठुकरा देते हैं. ये लोग भारत की सनातन आस्था का अपमान करते रहे हैं और भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे दलों ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को रोकने के लिए अदालत में अलग-अलग वकील खड़े किए ताकि निर्माण कार्य में अड़चनें डाली जा सकें. सीएम योगी ने कहा कि 'आज जब हम अयोध्या में दीप जलाते हैं, तो हमें याद रखना चाहिए कि इन्हीं लोगों ने रामभक्तों पर गोलियां चलाई थीं. ये वही मानसिकता है जो आज भी रामभक्ति के विरोध में खड़ी है.'

'सत्य परेशान जरूर हो सकता है, पर कभी हार नहीं सकता'

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव के मौके पर कहा कि हर दीप हमें याद दिलाता है कि सत्य परेशान जरूर हो सकता है, लेकिन कभी पराजित नहीं हो सकता. सत्य की विजय ही उसकी नियति है, और इसी विजय की नियति के साथ सनातन धर्म ने लगातार 500 वर्षों तक संघर्ष किया. इन संघर्षों का परिणाम है कि अयोध्या में एक भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हुआ. योगी ने कहा कि यह मंदिर केवल ईंट और पत्थर का नहीं, बल्कि वर्षों की आस्था, संघर्ष और संस्कृति का प्रतीक है.“यह मंदिर हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति और हमारी आस्था का जीता-जागता उदाहरण है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा.'

सीएम योगी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दिया था कि प्रभु राम काल्पनिक हैं. सपा ने इसी अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं. इन लोगों ने राम मंदिर के विरोध में वकीलों की फौज खड़ी कर दी. ये बाबर की कब्र पर तो सजदा करते हैं लेकिन राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकरा देते हैं.”

मुख्यमंत्री ने भले ही सीधे नाम नहीं लिया, लेकिन उनके निशाने पर कांग्रेस और सपा दोनों थे. इस दौरान एक बड़ा सवाल भी उठता है कि बाबर की कब्र वास्तव में कहां है और कौन-कौन नेता वहां गए हैं. भारत के पहले मुगल शासक जहीरुद्दीन बाबर की कब्र भारत में नहीं बल्कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित है. यहां का बगीचा ‘बाग-ए-बाबर’ के नाम से मशहूर है. अफगानिस्तान की सरकार ने इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया है और हर साल हजारों लोग, भारत समेत अन्य देशों से, श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं.

योगी आदित्यनाथ का निशाना उन भारतीय नेताओं की ओर था, जो अफगानिस्तान जाकर बाबर की कब्र पर सिर झुकाते रहे हैं. उनके अनुसार, यह सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से संवेदनशील विषय है. पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नटवर सिंह ने अपनी किताब ‘One Life is Not Enough’ में बताया है कि नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और राहुल गांधी तक हर पीढ़ी अफगानिस्तान जाकर बाबर की कब्र पर श्रद्धांजलि देती रही. उन्होंने लिखा कि उस दौर में अफगानिस्तान की सरकार के आग्रह पर भारतीय प्रधानमंत्री वहां गए थे.

कब-कब कौन गया?

1959: प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अफगानिस्तान जाकर बाबर के मकबरे पर फूल चढ़ाए.

1968: उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने श्रद्धांजलि दी.

1976: राजीव गांधी भी वहां गए.

2005: राहुल गांधी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ वहां गए और सिर झुकाया.

इतिहासकार इन घटनाओं को ‘राजनयिक शिष्टाचार’ मानते हैं, जबकि योगी आदित्यनाथ इसे सांस्कृतिक असंवेदनशीलता का प्रतीक मानते हैं.

UP NEWSयोगी आदित्‍यनाथ
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