यूपी STF ने तोड़ दी लॉरेंस गैंग की रीढ़, 20 दिन में भागा 20,000 किमी; पढ़ें एनकाउंटर में मारे गए नवीन की क्राइम कुंडली
हापुड़ में हुई मुठभेड़ में यूपी एसटीएफ और दिल्ली पुलिस ने कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा गैंग के शार्प शूटर नवीन को मार गिराया. नवीन पर हत्या, डकैती और मकोका सहित 20 से अधिक मामले दर्ज थे. वह 20 दिन में 20 हजार किलोमीटर भाग चुका था। पुलिस को उसकी बड़ी साजिश की भनक थी.

बीस दिन की थकाऊ निगरानी के बाद यूपी एसटीएफ और दिल्ली स्पेशल सेल ने बुधवार देर रात गुरुग्राम-हत्याकांड का मुख्य शार्प शूटर नवीन कुमार को हापुड़ में घेर लिया और अंततः उसे मुठभेड़ में ढेर कर दिया. वह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा गैंग का शार्प शूटर था. ऑपरेशन की अगुवाई कर रहे अफसरों ने बताया कि दोनों एजेंसियों ने नवीन पर रखी डिजिटल-ट्रैकिंग और ग्राउंड-सर्विलांस की संयुक्त जाल बिछाकर उसकी हर चाल पर नज़र बनाए रखी थी, जिससे अंतत: वह पुलिस के शिकंजे से बच नहीं सका.
संदेह होते ही नवीन ने बिना नंबर की बाइक से उतरते ही फायर झोंक दिया, जिसकी जद में आकर एसटीएफ के अंकुर और स्पेशल सेल के विजेंद्र घायल हुए. पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की तो नवीन वहीं ढेर हो गया, जबकि उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला. घटनास्थल से एक .32 पिस्टल, जिंदा कारतूस और इस्तेमाल की गई बाइक बरामद हुई. घायल कर्मियों का उपचार चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जाती है.
लॉरेंस-बिश्नोई नेटवर्क का अहम मोहरा
हत्या, अपहरण, लूट, डकैती और मकोका समेत बीस से अधिक मुकदमों वाला नवीन दिल्ली-एनसीआर के कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा के साथ लॉरेंस बिश्नोई के लिए सुपारी-शूटिंग करता था. पुलिस के अनुसार वह बिश्नोई गैंग की ‘शूटिंग टीम’ का हिस्सा था और दर्जनों हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाने की साजिशों में शामिल रहा. दो मामलों में अदालत से सजा पाने के बावजूद वह जमानत का फायदा उठाकर फिर अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया था.
हरियाणा से लेकर दिल्ली तक दर्ज थे संगीन मामले
मारे गए बदमाश नवीन पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और डकैती जैसे करीब 20 संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे. वह हरियाणा के गुरुग्राम में हुए एक चर्चित मर्डर केस का भी मुख्य शूटर था और दिल्ली की एक 26 लाख की डकैती में वांछित था. गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लगातार ठिकाने बदलता रहा. दो मामलों में उसे पहले ही कोर्ट से सजा मिल चुकी थी. दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए नवीन लंबे समय से सिरदर्द बना हुआ था.
बीस दिन में बीस हजार किमी भागा
सूत्र बताते हैं कि नवीन ने यूपी में बड़ी वारदात की सुपारी लेते ही लगातार लोकेशन बदलनी शुरू कर दी. महज़ बीस दिन में वह लगभग बीस हजार किलोमीटर दौड़ा. कभी हरियाणा के ढाबों पर, कभी दिल्ली के आउटर-रिंग रोड पर और कभी पश्चिमी यूपी के कस्बों में रात बिताता रहा. तीन पुलिस टीमों ने एक साथ लो-फिजिकल-सिग्नल ट्रैकिंग, सीसीटीवी फ़ुटेज और मुखबिर सूचना की डोरें जोड़ते हुए आखिरकार उसकी गति पर विराम लगाया.
फंडिंग-चेन तोड़ने की नई उम्मीद
नवीन की मौत को एजेंसियां लॉरेंस-बिश्नोई सिंडिकेट की रीढ़ पर ‘चिकनबोन-ब्रेक’ मान रही हैं. पिछले कुछ महीनों में मुज़फ्फरनगर और मथुरा जैसी मुठभेड़ों से लेकर हापुड़ की इस कार्रवाई तक पुलिस का शिकंजा लगातार कसता चला गया है, जिससे गैंग का अंदरूनी तंत्र, हथियार आपूर्ति और फंडिंग-चेन चरमराने लगी है. हाशिम बाबा की तलाश के लिए अब इंटर-स्टेट कॉम्बिंग चल रही है और सुरक्षा एजेंसियों को यकीन है कि यह दबाव नेटवर्क को टूटने पर मजबूर करेगा.
नवीन कुमार के आपराधिक मामले
- हरियाणा के गुरुग्राम में एक हाई-प्रोफाइल मर्डर केस को अंजाम दिया, जिसमें वह मुख्य शूटर था.
- दिल्ली में एक कारोबारी के यहां 26 लाख रुपये की डकैती की वारदात को अंजाम दिया और तभी से वांछित चल रहा था.
- 8 दिसंबर को दिल्ली के फर्श बाजार में बर्तन व्यापारी सुनील जैन की गोली मारकर हत्या की थी.
- गंभीर आपराधिक इतिहास और संगठित अपराध के चलते नवीन पर दिल्ली पुलिस ने मकोका (MCOCA) भी लगाया था.
- दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, डकैती जैसे 20 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं.
- दिल्ली के दो मामलों में उसे अदालत से सजा मिल चुकी है, लेकिन इसके बावजूद वह सक्रिय रूप से अपराध करता रहा.
- बिश्नोई गैंग के टारगेट किलिंग मिशन में उसकी बड़ी भूमिका थी और वह कई हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बना चुका था.