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क्या किसी जीवित व्यक्ति की मूर्ति बनानी चाहिए? प्रेमानंद महाराज ने दिया यह जवाब

वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि किसी महापुरुष की मूर्ति का निर्माण उनके जीवित रहते नहीं करना चाहिए. उन्होंने समझाया कि फोटो श्रद्धा का प्रतीक हो सकती है, लेकिन मूर्ति तभी बनाई जाए जब व्यक्ति इस संसार से विदा हो चुका हो. वहीं, भजन गायक कन्हैया मित्तल ने महाराज जी से मुलाकात कर खाटू श्याम जी की तस्वीर भेंट की और बर्बरीक की कथा सुनाई.

क्या किसी जीवित व्यक्ति की मूर्ति बनानी चाहिए? प्रेमानंद महाराज ने दिया यह जवाब
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( Image Source:  instagram.com/bhajanmarg_official )

Premanand Ji Maharaj on Guru Murti Controversy: क्या जीवित रहते हुए किसी की मूर्ति बनाना सही है या क्या लोग अपने गुरुदेव की मूर्ति बना सकते हैं... यह सवाल प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन करने आए एक शख्स ने उनसे किया. इस पर महाराज जी ने कहा कि मूर्ति का निर्माण तभी शुरू किया जाए, जब इंसान इस संसार में न हो, लेकिन जिन लोगों को यह बात नहीं मालूम होती, वे मूर्ति बनवा देते हैं. ऐसा उस महापुरुष के जीवित रहते हुए नहीं करना चाहिए.

दरअसल, प्रेमानंद महाराज से मिलने आए एक शख्स ने उनकी मूर्ति बनाने की इच्छा जाहिर की, जिस पर महाराज ने कहा कि जब तक जो महापुरुष जीवित हो, तब तक उसकी मूर्ति नहीं बनानी चाहिए. सिद्धांत है, कि जब तक वो इस धरा धाम में हो, उसकी मूर्ति न बनाएं. उन्होंने यह भी कहा कि फोटो ले लेना अलग बात है, लेकिन मूर्ति का निर्माण तभी करें, जब उस महापुरुष का समय पूरा हो चुका हो (यानी वे परलोकगमन कर गए हों).



अपनी मूर्ति बनाने के सवाल पर क्या बोले प्रेमानंद महाराज?

अपनी मूर्ति बनाने के सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि गुरु की तस्वीर लेना और उसे अपनी पूजा में इस्तेमाल करना अलग बात है, लेकिन मूर्ति का निर्माण तभी हो, जब वो इस संसार को छोड़कर चला जाए. जिनको यह बात पता नहीं है, वे मूर्ति बना लेते हैं.


कन्हैया मित्तल ने प्रेमानंद महाराज के किए दर्शन

इससे पहले, लोकप्रिय गायक कन्हैया मित्तल वृंदावन पहुंचे और प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने महाराज जी को खाटू श्याम जी की तस्वीर भेंट की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली.


प्रेमानंद महाराज ने कहा कि वे बिल्कुल ठीक हैं. लोगों का आशीर्वाद जब तक उनके साथ है, उन्हें कुछ नहीं होगा. इस दौरान कन्हैया मित्तल ने महाराज जी को बर्बरीक यानी खाटू श्याम जी की तस्वीर भेंट की.

प्रेमानंद महाराज
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