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कुर्सी के ‘कॉकटेल’ से शुरू हुई IRS पतियों की लड़ाई में ‘बीवियों’ की Entry! क्रिकेट, ट्रांसफर और जासूसी की Inside Story

लखनऊ में दो सीनियर IRS अधिकारियों योगेंद्र मिश्र और गौरव गर्ग की लड़ाई ने बेतुका मोड़ ले लिया है. ट्रांसफर, क्रिकेट विवाद और मारपीट से शुरू यह झगड़ा अब उनकी पत्नियों IPS अफसर रवीना त्यागी और ARTO नेहा मिश्र की एंट्री के बाद सार्वजनिक तमाशा बन गया है. आरोप-प्रत्यारोप, जासूसी, थप्पड़ कांड और 8 करोड़ के घोटाले के बीच दोनों पक्ष एक-दूसरे को फंसाने में जुटे हैं. अब ये नाक की लड़ाई नौकरशाही की शर्मनाक नौटंकी बन गई है.

कुर्सी के ‘कॉकटेल’ से शुरू हुई IRS पतियों की लड़ाई में ‘बीवियों’ की Entry! क्रिकेट, ट्रांसफर और जासूसी की Inside Story
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संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Updated on: 2 Jun 2025 2:49 PM IST

कुछ वक्त से लखनऊ में भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue Service IRS) के दो वरिष्ठ आईआरएस अधिकारियों के बीच ‘कुर्सी के कॉकटेल’ में ‘ईगो’ की लड़ाई छिड़ी हुई है. अब इस लड़ाई में जबसे इन दोनों आला-अफसरों की 'बीवियों' ने एंट्री की है तब से तो मानो तमाशबीन बने राज्य के सरकारी अफसर-कर्मचारियों की मौज सी ही आ गई हो. फिलहाल नाक की लड़ाई में दोनों ही पक्ष हांफ रहे हैं. कोई भी अपने कदम पीछे हटाने को राजी नहीं है.

समझौते की जो कुछ थोड़ी बहुत गुंजाइश बाकी बची भी थी वह, इन दोनों महानुभाव आईआरएस अफसरों ने बेसिर-पैर की इस लड़ाई में अपनी-अपनी ‘बीवियों’ को कुदाकर खत्म कर डाली है. आइए Inside Story के जरिए जानने-समझने की कोशिश करते हैं कि नाक की इस लड़ाई की जड़ में, आखिर कैसे और कब घुस गया क्रिकेट, ट्रांसफर, जासूसी-मुखबरी, हेराफेरी से लेकर मारपीट तक का ‘कॉकटेल’?

बेतुकी नाक की लड़ाई के उच्च शिक्षित ‘किरदार’

पहले समझ लीजिए कि आखिर नाक की लड़ाई में पुलिस विभाग, राजस्व विभाग सहित अपनी-अपनी भी ‘नाक कटवाए’ बैठे राजस्व अधिकारी और उनकी बीवियां आखिर हैं कौन-कौन? मतलब दफ्तरों से थाने-चौकी के रास्ते होती हुई ‘घरों’ तक पहुंची इस मजेदार लड़ाई के किरदार कौन हैं? पहला किरदार योगेंद्र मिश्र, दूसरा किरदार गौरव गर्ग (दोनों ही भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी). योगेंद्र मिश्र इन दिनों लखनऊ में संयुक्त आयुक्त आयकर (2014 बैच भारतीय राजस्व सेवा) हैं. इस जग-हंसाई की मारपीट में शामिल दूसरे किरदार राजस्व सेवा के अधिकारी गौरव गर्ग हैं. गौरव गर्ग 2016 बैच के आईआरएस हैं. वह इन दिनों नरही हजरतगंज, लखनऊ में उपायुक्त इनकम टैक्स हैं.

कौन हैं रवीना त्यागी और नेहा मिश्र

तीसरा किरदार हैं गौरव गर्ग की पत्नी रवीना त्यागी. 2014 बैच की आईपीएस अफसर रवीना त्यागी की जन्मस्थली भले ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल हो मगर, उनकी शिक्षा-दीक्षा (बीटेक) दिल्ली से सटे यूपी के हाईटेक शहर नोएडा में हुई है. साल 2014 में जब उन्होंने यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) से आईपीएस परीक्षा पास की तो उनका रैंक रहा 170. इन दिनों रवीना त्यागी लखनऊ में डीसीपी खुफिया-सुरक्षा के पद पर तैनात हैं. इससे पहले वह लखनऊ मध्य की डीसीपी रह चुकी हैं. इस कदर उच्च शिक्षित आईआरएस और आईपीएस अफसरों की बेतुकी नाक की लड़ाई में कूदने वाली चौथी किरदार हैं योगेंद्र मिश्र की पत्नी नेहा मिश्र. नेहा भी उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन विभाग में सहायक परिवहन अधिकारी के पद पर तैनात बताई जाती हैं.

ट्रांसफर, क्रिकेट मैच, मारपीट, जासूसी का ‘कॉकटेल’

दरअसल नाक की इस लड़ाई में आरोप-प्रत्यारोप तो वैसे ही हैं जैसे किन्हीं भी दो पक्षों के बीच लड़ाई में होते हैं. हां, इन आरोप-प्रत्यारोप के भी अपने-अपने अलग-अलग नाम के किरदार हैं. मसलन, क्रिकेट ग्राउंड का झगड़ा, ट्रांसफर, नौकरी में हेराफेरी, जासूसी आदि-आदि. अब समझते हैं लड़ाई के इन सब किरदारों को एक-एक करके यानी करीने से. योगेंद्र मिश्र और गौरव गर्ग के बीच झगड़े का धुंआ तो कानपुर में ही उठने लगा था. इस धुंए ने लखनऊ पहुंचने पर ‘आग’ का रूप ले लिया. और जो लड़ाई-तू-तू मैं-मैं दफ्तरों और दिलों तक सीमित थी. वह इन दोनों अफसरों के लखनऊ पहुंचते ही दफ्तर-दिलों से बाहर निकल कर सड़कों और दोनों के घर की चार दिवारी के भीतर तक पहुंच गई. आज नतीजा यह है कि पतियों के बीच शुरू हुई नाक की बेतुकी लड़ाई में, पत्नियां भी कूद पड़ीं. मतलब, एक तो करेला (पहले से ही दोनो अफसर एक दूसरे का खून पीने पर उतारू थे) ऊपर से नीम (पत्नियां भी बीच में कूद पड़ीं) भी चढ़ गया.

कानपुर से लखनऊ पहुंची ‘क्रिकेट’ की लड़ाई

कानपुर से शुरू लड़ाई का यह धुंआ लखनऊ पहुंच जाने की बात ‘आम’ तब हुई जब इसी साल 13 -फरवरी को लखनऊ के डॉ. अखिलेश दास गुप्त स्टेडियम में हुए क्रिकेट मैच के दौरान, जब आईआरएस अधिकारी योगेंद्र मिश्र को खेलने का मौका नहीं दिया गया तो वह विरोध में क्रिकेट-पिच पर ही बैठ गये. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. उस दौरान योगेंद्र मिश्र की मौके पर मौजूद कई वरिष्ठ अधिकारियों से काफी कहासुनी भी हुई थी. क्रिकेट ग्राउंड पर हुए उस बवाल को लेकर योगेंद्र मिश्र की आंख में हमेशा खटकते रहे गौरव गर्ग कहते हैं कि, फाइनल मैच शुरू भी नहीं हुआ. उससे पहले ही योगेंद्र मिश्र क्रिकेट पिच पर जाकर बीच-ओ-बीच लेट गए. उस घटना में योगेंद्र मिश्र के खिलाफ 12 से ज्यादा शिकायतें विभाग को की गईं. योगेंद्र मिश्र की उस उद्डंता की जांच कर अग्रिम कार्रवाई करने का आदेश गौरव गर्ग को मिला. गौरव गर्ग की जांच रिपोर्ट के आधार पर, योगेंद्र मिश्र का तबादला उत्तराखंड के काशीपुर में कर दिया गया. इस ट्रांसफर ने योगेंद्र और गौरव के बीच पहले से ही चल रही नाक की लडाई में ‘आग में घी’ का काम कर डाला.

कानपुर में हुआ 8 करोड़ के घोटाले का चक्कर!

हालांकि, योगेंद्र मिश्र ने काशीपुर पहुंचकर ज्वाइन नहीं किया था. बल्कि उल्टे अपने ट्रांसफर के बाबत महकमे से आरटीआई के जरिए जवाब मांग लिया. जोकि योगेंद्र मिश्र के ही खिलाफ चला गया. हालांकि क्रिकेट ग्राउंड पर हुए बवाल को लेकर योगेंद्र मिश्र ने सफाई दी कि, उस वक्त उन्होंने माफी मांग ली थी. फिर भी उनका ट्रांसफर काशीपुर कर दिया जाना जरूर उनके खिलाफ किसी षडयंत्र का हिस्सा रहा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तो योगेंद्र मिश्र ने यहां तक आरोप मढ़ा है कि, क्रिकेट मैच के आड़ में 8 करोड़ रुपए रुपए के कथित घोटाले से अफसरों का ध्यान भटकाया जा रहा है. यह 8 करोड़ का घोटाला योगेंद्र मिश्र ने अपनी कानपुर पोस्टिंग के दौरान पकड़ा था. जिसमें हेराफेरी और निर्माण में गड़बडियों संबंधी गोपनीय जांच रिपोर्ट उन्होंने विभाग को प्रेषित की थी. यह घोटाला गौरव गर्ग की कानपुर में नियुक्ति के दौरान हुआ था.

गौरव और उनकी IPS पत्नी पर जासूसी का आरोप

योगेंद्र मिश्र और उनकी पत्नी का तो यहां तक आरोप है कि गौरव गर्ग और उनकी आईपीएस पत्नी रीता त्यागी ने, उनकी नाबालिग बेटी तक की कथित रूप से निगरानी करवाई. उसका पीछा अज्ञात लोगों से कराया. ताकि हम सब डर कर मुंह बंद कर लें. इन तथ्यों का जिक्र योगेंद्र मिश्र ने लखनऊ पुलिस आयुक्त को लिखी 9 पेज की शिकायत में भी किया है. आरोप के मुताबिक बिना किसी पूर्व सूचना के ही दो पुलिसकर्मी एक दिन योगेंद्र और नेहा मिश्र के कानपुर वाले घर पर जा धमके थे. गौरव गर्ग और उनकी पत्नी रवीना त्यागी को लेकर योगेंद्र की पत्नी नेहा मिश्र ने बीती 31 मई 2025 को लखनऊ पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर से भेंट की. योगेंद्र और उनकी पत्नी नेहा खुद को ‘पीड़ित’ के रूप में पेश कर रहे हैं.

जांच टीम CCTV फुटेज क्यों नहीं निकालतीं?

वहीं दूसरी ओर गौरव गर्ग और उनकी पत्नी रवीना त्यागी खुद को बैठे-बिठाए मुसीबत में फंसा डालने जैसा महसूस कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन दोनों ने ही योगेंद्र मिश्र और उनकी पत्नी पर आरोप लगाया है कि, वे दोनों षडयंत्र के तहत पति-पत्नी (गौरव गर्ग और रवीना त्यागी) को जबरिया फंसवाने पर तुले हुए हैं. गौरव और रवीना इस बात से भी इनकार करते हैं कि, उन्होंने कभी भी योगेंद्र मिश्र को थप्पड़ मारा था. गौरव और रवीना के इस इनकार पर योगेंद्र मिश्र कहते हैं कि घटना वाले वक्त का सीसीटीवी फुटेज निकाल लीजिए. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. पता चल जाएगा कि गौरव गर्ग ने उन्हें थप्पड़ मारा था या नहीं?

उच्च-शिक्षितों की लड़ाई में तमाशबीनों की मौज

जिस मुकाम पर हाल फिलहाल इन उच्च पदों पर बैठे कथित पढ़े-लिखे ‘सम्मानितों’ ने नाक की लड़ाई में जो कुछ किया है या कर रहे हैं, उसने सवाल तो कई खड़े कर दिये हैं. यह सौ-सौ सवाल मगर किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचाते हैं. जो भी इन उच्च-शिक्षितों की कहानियां सुनता है उसी का दिमाग चकरा जाता है. क्योंकि दो में से कोई एक पक्ष तो झूठ बोल ही रहा है. और कोई न कोई एक पक्ष सच भी बोल रहा होगा. कौन झूठा है और कौन सच्चा है? इसका फैसला निष्पक्ष जांच से ही हो सकता है. फिलहाल इन दो आला-अफसरों की नाक की लड़ाई में कूद पड़ी इनकी बीवियों ने, जग-हंसाई के मौके की तलाश में पहले से तैयार बैठे तमाशबीनों के लिए तो ‘मौज’ करने का मुद्दा दे ही दिया है.

IRS की IPS डीसीपी पत्नी कहीं भारी तो नहीं पड़ रही?

दो-दो उच्च-शिक्षित आला रसूखदार-अफसरों की सड़क पर आ चुकी लड़ाई में एक बात बहुत पैनी नजर से देखनी पड़ेगी. वह यह कि आईआरएस अधिकारी योगेंद्र मिश्र और उनकी पत्नी नेहा मिश्र (ARTO UP) सिविल सर्विस में हैं. जबकि दूसरे पक्ष यानी आईआरएस गौरव गर्ग की पत्नी रवीना त्यागी आईपीएस अफसर हैं. वह भी उसी लखनऊ जिले में जहां दो-दो आईआरएस के बीच नाक की बेतुकी लड़ाई छिड़ी है. गंभीर बात यह है कि दोनों ही पक्ष मजबूत ऊंचे ओहदे वाले हैं. फिर भी मगर लाख कोशिशों के बाद भी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक, योगेंद्र मिश्र और उनकी पत्नी नेहा मिश्र की तरफ से लखनऊ पुलिस ने कोई मुकदमा, गौरव गर्ग और उनकी डीसीपी पत्नी रवीना त्यागी के खिलाफ दर्ज नहीं किया है. आखिर क्यों? क्या इसलिए कि डीसीपी के ओहदे पर लखनऊ में ही तैनाती के चलते, रवीना त्यागी का पलड़ा, सिर्फ आईआरएस योगेंद्र मिश्र और उनकी एआरटीओ पत्नी नेहा मिश्र के ऊपर भारी पड़ रहा है. जिसके चलते गौरव गर्ग की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में योगेंद्र मिश्र के खिलाफ मुकदमा भी लिखा जा चुका है. हालांकि, वहीं दूसरी ओर अगर गौरव गर्ग के पक्ष को देखा-सुना जाए तो योगेंद्र मिश्र ने उनका गला उस हद तक दबाया था कि, उनकी जान ही निकलने वाली थी. योगेंद्र के हमले में गौरव गर्ग जख्मी हुए और उन्हें अस्पताल में जाना पड़ा था. ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि, योगेंद्र मिश्र और उनकी पत्नी नेहा मिश्र क्या कानूनी तौर पर अपना पक्ष मजबूत करने के लिए गौरव और उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं?

स्टेट मिरर स्पेशल
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