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ऑनलाइन प्यार, फिर शादी और मौत... शादीशुदा इमाम से पत्नी को छोड़ने के लिए कहा, तो दूसरी पत्नी को उतारा मौत के घाट

मेरठ जिले में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने इंसानियत को झकझोर दिया. असम की रहने वाली एक पढ़ी-लिखी लड़की नईमा यासमीन ने सोशल मीडिया पर एक शख्स से दोस्ती की थी. दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई और फिर दोनों ने ऑनलाइन निकाह कर लिया. लेकिन यह प्यार एक ऐसा जाल साबित हुआ जिसमें नईमा की जान चली गई.

ऑनलाइन प्यार, फिर शादी और मौत... शादीशुदा इमाम से पत्नी को छोड़ने के लिए कहा, तो दूसरी पत्नी को उतारा मौत के घाट
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( Image Source:  X- @hindipatrakar )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 5 Nov 2025 4:39 PM IST

ऑनलाइन प्यार की शुरुआत अक्सर सपनों जैसी लगती है, लेकिन कई बार इसका अंजाम खौफनाक होता है. मेरठ में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां सोशल मीडिया पर शुरू हुई मोहब्बत शादी तक पहुंची, मगर उसके बाद कहानी ने खून से सनी डरावनी मोड़ ले लीय

शादीशुदा इमाम ने ऑनलाइन मिली महिला से दूसरी शादी की, लेकिन जब नई पत्नी ने उससे पहली पत्नी को छोड़ने की जिद की, तो मामला इतना बिगड़ा कि उसकी जान ही ले ली गई.

सोशल मीडिया से दोस्ती और फिर निकाह

नईमा यासमीन असम के डिब्रूगढ़ की रहने वाली थी. ग्रेजुएशन करने के बाद वह एक एमएनसी कंपनी में काम करती थी. करीब सात महीने पहले उसकी पहचान मुजफ्फरनगर के चरथावल इलाके के सैजनगला गांव के रहने वाले शहजाद से सोशल मीडिया पर हुई. शहजाद ने खुद को कपड़ा व्यापारी बताया और बातचीत का सिलसिला बढ़ता गया. कुछ ही महीनों में नईमा को उससे प्यार हो गया और दोनों ने ऑनलाइन निकाह कर लिया. निकाह के बाद शहजाद नईमा को दिल्ली ले गया. दोनों वहां कुछ महीने रहे. नईमा को लगा कि उसे अपनी ज़िंदगी का सच्चा साथी मिल गया है. लेकिन उसे नहीं पता था कि यह रिश्ता उसके अंत की शुरुआत है.

मस्जिद का इमाम निकला पति

कुछ महीने बाद शहजाद नईमा को लेकर अपने गांव सैजनगला लौट आया. यहां आकर नईमा को शहजाद की असलियत पता चली. शहजाद कपड़ा व्यापारी नहीं, बल्कि मस्जिद का इमाम था. इतना ही नहीं, वह पहले से शादीशुदा भी था और उसके बच्चे भी थे. यह जानकर नईमा को गहरा झटका लगा. उसने शहजाद से झूठ बोलने की वजह पूछी और उसे विरोध करना शुरू कर दिया. नईमा ने साफ कह दिया कि अब शहजाद अपनी पहली पत्नी और बच्चों से नहीं मिलेगा. इसी बात को लेकर दोनों के बीच लगातार झगड़े होने लगे. शहजाद को लगा कि अब नईमा उसकी जिंदगी में परेशानी बन चुकी है. तभी उसने एक खौफनाक साजिश रच डाली.

शॉपिंग के बहाने बुलाया, फिर की बेरहमी से हत्या

16 सितंबर की सुबह शहजाद ने नईमा से कहा कि उसे मेरठ चलना है, शॉपिंग करनी है. नईमा को कुछ शक नहीं हुआ और वह उसके साथ चली गई. रास्ते में शहजाद ने नईमा को जूस में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दीं. इसके बाद वह उसे जानी थाना क्षेत्र के सिवालखास इलाके में ले गया. वहां उसने पहले रस्सी से गला दबाया और फिर छुरी से उसका गला काट दिया. हत्या के बाद शहजाद ने शव को नहर किनारे फेंक दिया और मौके से फरार हो गया. इस पूरे प्लान में उसका दोस्त नदीम भी शामिल था, जिसे उसने 12 हजार रुपये देकर हत्या में मदद करने के लिए तैयार किया था.

जब पुलिस को मिली लाश

17 सितंबर को पुलिस को सूचना मिली कि जानी गंगनहर किनारे सिवालखास के पास एक महिला की गर्दन कटी लाश पड़ी है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की और अज्ञात में हत्या का मामला दर्ज किया. कुछ दिनों की छानबीन के बाद पता चला कि मृतका असम की रहने वाली नईमा यासमीन है, जो इन दिनों शहजाद के साथ सैजनगला गांव में रह रही थी. गांव के लोगों ने बताया कि नईमा कुछ दिनों से दिखाई नहीं दे रही थी. जब लोगों ने शहजाद से पूछा तो उसने कहा कि नईमा असम वापस चली गई है. लेकिन पुलिस को यह बात संदिग्ध लगी. हैरानी की बात यह रही कि शहजाद ने नईमा की गुमशुदगी 20 दिन बाद यानी 8 अक्टूबर को दर्ज कराई.

पुलिस ने खोला राज, आरोपी गिरफ्तार

जब केस की तहकीकात की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. पुलिस ने कई जिलों में लापता महिलाओं की जानकारी खंगाली और जब शव का हुलिया नईमा से मेल खाया, तो जांच की दिशा बदल गई. आखिरकार पुलिस ने आरोपी शहजाद और उसके साथी नदीम को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई छुरी भी बरामद कर ली है.

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