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कानपुर का जानलेवा जाम! 45 मिनट की जद्दोजहद में फंसी रही एम्बुलेंस, हार्ट अटैक से महिला की रास्ते में मौत

यह पहली बार नहीं है जब कानपुर का जाम किसी की जिंदगी का दुश्मन बना हो. साल 2021 में भी जाम की वजह से वंदना मिश्रा नामक महिला समय पर अस्पताल न पहुंच सकीं और उनकी मौत हो गई थी.

कानपुर का जानलेवा जाम! 45 मिनट की जद्दोजहद में फंसी रही एम्बुलेंस, हार्ट अटैक से महिला की रास्ते में मौत
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( Image Source:  Create By AI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 23 Oct 2025 3:13 PM IST

कानपुर की ट्रैफिक व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शहर की ध्वस्त होती यातायात व्यवस्था अब सीधे लोगों की जिंदगियां छीनने लगी है. हाल ही में घटी एक दर्दनाक घटना ने न केवल परिजनों बल्कि पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया. दबौली निवासी 42 साल बरखा गुप्ता अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो गईं. परिवार में हड़कंप मच गया और पति सोनू गुप्ता ने तत्काल उन्हें हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) पहुंचाने का फैसला किया. उम्मीद थी कि समय रहते इलाज मिल जाएगा और पत्नी की जान बचाई जा सकेगी. लेकिन किसे पता था कि अस्पताल तक पहुंचने से पहले ही कानपुर का ट्रैफिक जाम बरखा की सांसें रोक देगा.

जैसे ही सोनू की कार सीटीआई चौराहे से आगे बढ़ी और फजलगंज फायर ब्रिगेड के पास पहुंची, सामने मेट्रो निर्माण कार्य और सड़क पर खड़े ट्रकों की वजह से भयंकर जाम दिखाई दिया. चारों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार थी, लोग हॉर्न बजा रहे थे, लेकिन आगे बढ़ने का कोई रास्ता नहीं था. कार में बैठी बरखा दर्द से कराह रही थीं, उनका सीना बुरी तरह दब रहा था. इस बीच सोनू बार-बार राहगीरों से और अन्य वाहन चालकों से रास्ता देने की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. करीब 20 मिनट तक वे उसी जाम में फंसे रहे.

हाथ से निकल गया था समय

आखिरकार मजबूरी में सोनू ने गाड़ी मोड़कर नाले वाला दूसरा रास्ता पकड़ा और फजलगंज फैक्ट्री एरिया, मरियमपुर चौराहा और कोकाकोला क्रॉसिंग से होते हुए अस्पताल की ओर बढ़े. लेकिन तब तक क़ीमती समय हाथ से निकल चुका था. लगभग 45 मिनट बाद वे अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बरखा को मृत घोषित कर दिया. बरखा के परिजनों का कहना है कि अगर ट्रैफिक जाम न होता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी. परिजनों ने साफ तौर पर आरोप लगाया कि शहर में चल रहे मेट्रो निर्माण कार्य और लापरवाह यातायात प्रबंधन ने बरखा की जान ली है. उनका कहना है कि इस शहर में एंबुलेंस और आपातकालीन हालात में मरीजों को ले जाने वालों के लिए कोई प्राथमिकता व्यवस्था नहीं है.

ट्रैफिक व्यवस्था पर उठा सवाल

यह पहली बार नहीं है जब कानपुर का जाम किसी की जिंदगी का दुश्मन बना हो. साल 2021 में भी जाम की वजह से वंदना मिश्रा नामक महिला समय पर अस्पताल न पहुंच सकीं और उनकी मौत हो गई थी. तब भी ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए थे, लेकिन हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं. इस घटना के बाद एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं कि क्या कानपुर में ट्रैफिक व्यवस्था पर कोई नियंत्रण है?. मेट्रो प्रशासन का कहना है कि जाम केवल निर्माण कार्य की वजह से नहीं होता, त्योहारों के समय भी जाम बढ़ जाता है. वहीं ट्रैफिक विभाग का बयान आया कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन जाम की वजह का पता लगाया जाएगा.

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