कासगंज में दंगल से भड़का जातीय विवाद! यादव लोग जीने नहीं देते, लड़कियों को छेड़ते हैं, गांव छोड़ने पर मजबूर दलित परिवार
कासगंज के मंडनपुर गांव में रक्षाबंधन के दिन दंगल के दौरान दो पक्षों में विवाद बढ़ गया और दोनों ने एक-दूसरे पर मुकदमा दर्ज कराया. अनुसूचित जाति पक्ष ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए गांव छोड़ने का वीडियो वायरल कर दिया.

उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के ढोलना क्षेत्र के गांव मंडनपुर में रक्षाबंधन के दिन आयोजित दंगल में उस समय तनाव फैल गया जब दो पक्षों के बीच पुरानी रंजिश को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज करा दिया. इस बीच अनुसूचित जाति पक्ष के लोगों ने पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए गांव से पलायन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसके बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गया.
वायरल वीडियो में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें लगातार जातीय आधार पर प्रताड़ित किया जा रहा है और उनकी बेटियों को परेशान किया जाता है. वीडियो सामने आते ही सपा और आजाद समाज पार्टी के नेता गांव पहुंचे और प्रशासन के साथ मिलकर मामला शांत कराने का प्रयास किया.
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
गांव की रहने वाली आशादेवी ने आरोप लगाया कि 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन उसका बेटा करन पड़ोसियों दानिश और नेमसिंह के साथ था. तभी पुरानी रंजिश के चलते नवीन यादव, सुरजीत और नारायण यादव ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसके बेटे को पीटा. इस घटना के बाद आशादेवी ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई.
दूसरे पक्ष ने भी लगाए गंभीर आरोप
इसी बीच गांव के मुन्नालाल ने आरोप लगाया कि 10 अगस्त को भागीरथ, प्रदीप, कुलदीप और अभिषेक (निवासी गढ़ी पचगाई) ने उसके बेटे रंजीत को गाली-गलौज और मारपीट कर घायल कर दिया. इस मामले में भी पुलिस ने दोनों पक्षों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली.
पलायन का वीडियो वायरल, प्रशासन सक्रिय
15 अगस्त को भागीरथ पक्ष ने गांव से पलायन करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया। वीडियो में महिलाओं ने आरोप लगाया कि “हम दिन-रात लड़कियों को छेड़छाड़ का सामना कर रहे हैं, शांति से रहना मुश्किल हो गया है. यादव लोग जीने नहीं देते, इसलिए गांव छोड़कर जा रहे हैं. कुछ जाटव समाज के लोगों ने भी यही आरोप लगाते हुए कहा कि मजबूरी में उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ रहा है.
प्रशासन और राजनीतिक दलों की दखलअंदाजी
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, पुलिस-प्रशासन में खलबली मच गई. सदर सीओ आंचल चौहान, ढोलना कोतवाली पुलिस, सपा जिलाध्यक्ष विक्रम यादव और आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष विशाल कार्यकर्ताओं के साथ गांव पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को समझाकर वापस गांव में रुकने के लिए मनाया. सीओ आंचल चौहान ने कहा कि, 'ग्रामीण को समझाया गया है और अब वह अपने घर पर ही रह रहे हैं. स्थिति सामान्य है.
सोशल मीडिया के मुताबिक, यहां करीब 20 घर दलितों के हैं जबकि 50-60 घर यादव समाज के लोगों के हैं. दलित समाज के लोगों का कहना है कि उनकी बहन-बेटियों के साथ छेड़खानी की जाती है,उन्हें परेशान किया जाता है. इस मामले का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा जिसको लेकर ऐसा माना जा रहा है राज्य में भाजपा सरकार है जिसके बाद यादव को लेकर दलित Vs यादव का टकराव हो सकता है.