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शराबियों ने पूछा - क्या बदतमीजी है... कौन हैं अलीगढ़ के SSP IPS नीरज जादौन और क्‍यों आए सुर्खियों में?

अलीगढ़ के नए SSP नीरज कुमार जादौन की खास कार्रवाई तब सुर्खियों में आई जब उन्होंने सिविल ड्रेस में शराबियों को रुकने का हुक्म दिया. शराबियों ने पूछा - “कौन हो?” जब पता चला कि वह SSP हैं, तो शराब-घुटी बोतलें छोड़कर भाग गए. जानें कौन हैं नीरज जादौन और क्यों बनी उनके इस फैसले की चर्चा.

शराबियों ने पूछा - क्या बदतमीजी है... कौन हैं अलीगढ़ के SSP IPS नीरज जादौन और क्‍यों आए सुर्खियों में?
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( Image Source:  X/@askrajeshsahu )

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक रात जब सार्वजनिक स्थान पर शराब पी रहे लोगों के बीच सिविल ड्रेस में एसएसपी अचानक पहुंचे तो शराबी भड़क उठे. उन्होंने पूछा, “ क्या बदतमीजी है, कौन हो?” जवाब मिला, “मैं तुम्हारे शहर का SSP.” इतना सुनते ही शराबियों को होश आया, बोतलें और ग्लास छोड़ भाग खड़े हुए. अलीगढ़ के शराब वाली गली में सिविल ड्रेस में पहुंचे व्यक्ति आईपीएस नीरज कुमार जादौन थे, जिनकी हालिया कार्रवाई ने कानून व्यवस्था और सख्ती के प्रति उनकी छवि को लेकर बहस छेड़ दी. दरअसल, अलीगढ़ जिले के एसएसपी हमेशा अपने एक्शन को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. एक बार फिर वह एक्शन की वजह से चर्चा में हैं. जानें उन्होंने क्यों चुनी आईपीएस की नौकरी, क्या है इसकी वजह.

IPS नीरज कुमार जादौन कौन?

  • नीरज कुमार जादौन 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. हाल ही में उन्हें हरदोई से स्थानांतरित कर अलीगढ़ में SSP (जिला पुलिस प्रमुख) बनाया गया है. उन्होंने अपराध नियंत्रण, पुलिस सुधार और शिकायतों के त्वरित निपटान जैसे एजेंडों को प्राथमिकता दी है.
  • 2025 में अलीगढ़ में नियुक्त होने के बाद से वह अपने एक्शन को लेकर चर्चा में हैं. सार्वजनिक शराबबंदी, अवैध अतिक्रमण कार्रवाई, बूढ़े हिस्ट्रीशीटरों की रिहाई आदि.
  • इससे पहले वह हरदोई में SSP रहे. वहां पर उन्होंने शिकायतों के त्वरित निपटान, पुलिस सुधार और निष्पक्षता की कोशिशों के लिए प्रशंसा भी पाई थी. उनकी इस कार्रवाई को कई लोग सकारात्मक बदलाव की दिशा बताते हैं.

नीरज कुमार जादौन की पढ़ाई लिखाई

1 जनवरी 1983 को कानपुर में जन्मे नीरज ने मैट्रिक और 10+2 हिंदी मीडियम से पास करने उपरांत आईआईटी बीएचयू से बीटेक कर ब्रिटिश टेलीकॉम, बेंगलुरु में 22 लाख पैकेज की नौकरी की. 6 दिसंबर 2008 को जमीन विवाद में पिता नरेंद्र सिंह जादौन की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस रवैये से निराश नीरज ने ठान लिया कि वे खुद वर्दी पहनकर न्याय दिलाएंगे. नौकरी के साथ तैयारी करते हुए पहले दो प्रयासों में असफल रहे, मगर तीसरे प्रयास में 140 वीं रैंक हासिल कर आईपीएस बने. प्रशिक्षण के बाद अलीगढ़ में गभाना सर्किल के सीओ बने.

पिता की हत्या के बाद बने IPS

जमीनी विवाद की वजह से उनके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय नीरज की उम्र 26 साल थी और करियर में सही से संभल भी नहीं पाए थे. परिवार में 5 भाई-बहनों में सबसे बड़े नीरज पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई. पिता के हत्यारों को सजा दिलाना चाहते थे, लेकिन मनचाहा सहयोग न मिलने से उनकी उम्मीदें टूट गईं. यहीं ये उन्होंने बेंगलुरु वाली नौकरी छोड़ी और IPS बनने की ठानी.

जुनून ने बनाया पुलिस अफसर

नीरज कुमार जादौन (Neeraj Kumar Jadaun) का अब सिर्फ एक लक्ष्य था, वो था आईपीएस बनना, उन्होंने दिन रात एक किया और सपने को पूरा किया. उनके अंदर नौकरी पेशे को लेकर जबरदस्त जुनून था, वे अपने तेज तर्रार कार्यशैली के चलते हमेशा जाने जाते हैं. वे पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए भी जाने जाते हैं. पुलिस विभाग की कमियों को लेकर हमेशा सख्त रहते हैं, वे 140 से अधिक पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर चुके हैं.

हरदोई एसएसपी कार्यालय में एक महिला को हुई असुविधा के बाद उन्होंने कैमरे में सबके सामने माफी मांगी, इससे पता चलता है कि वे विनम्र भी हैं, और गलतियों को स्वीकार करना भी जानते हैं.

क्या है मामला?

अलीगढ़ जिले के SSP नीरज जादौन 25 नवंबर की रात सादी वर्दी में अकेले ही शराब वाली गली में छापेमारी करने पहुंच गए. उन्होंने शराबियों की टेबल से बोतल उठा ली. यह देखते ही शराब पी रहे लोग भड़क गए. कहा - ये क्या बदतमीजी है, कौन हो?

SSP ने जवाब दिया - नीरज जादौन. तुम्हारे शहर का SSP. यह सुनते ही शराब पी रहे लोग ग्लास और बोतल छोड़कर भाग गए. SSP ने तुरंत फोर्स बुलाई. पूरी गली को खाली कराया गया. 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया. नगर निगम की टीम भी मौके पर पहुंच गई. गली में लगी टेबल, बेंच और डीप फ्रीजर को उठाकर ले गई.

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