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I Love Muhammad Controversy: मुस्लिम राष्ट्रीय युवा मंच ने की FIR रद्द करने की मांग, दरगाह आला हजरत ने जारी किया फरमान

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में ‘I Love Muhammad' बोर्ड लगाने को लेकर 25 मुस्लिम युवकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. हापुड़ में मुस्लिम राष्ट्रीय युवा मंच ने इसे अनुचित बताते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और रद्द करने की मांग की. बरेली स्थित दरगाह आला हजरत ने भी मुस्लिम युवाओं पर मुकदमे को संविधान का उल्लंघन करार दिया. घटना जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान सामने आई थी और विवाद शांत कराने के प्रयास किए गए.

I Love Muhammad Controversy: मुस्लिम राष्ट्रीय युवा मंच ने की FIR रद्द करने की मांग, दरगाह आला हजरत ने जारी किया फरमान
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( Image Source:  Sora_ AI )

I Love Muhammad Controversy News Latest Updates: उत्तर प्रदेश के हापुड़ और कानपुर में हाल ही में ‘I Love Muhammad लिखे बोर्ड को लेकर विवाद छिड़ गया है. घटना की शुरुआत कानपुर के रावतपुर स्थित सैय्यद नगर से हुई, जहां रामनवमी शोभायात्रा के रास्ते में एक ट्रैक्टर पर ‘आई लव मोहम्मद’ का बोर्ड लगाया गया था. इससे दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता बोर्ड हटाने की मांग पर अड़े रहे. मौके पर एसीपी रंजीत कुमार पहुंचे और स्थिति को शांत कराने का प्रयास किया.

इस घटना के बाद पुलिस ने कानपुर जिले में 25 मुस्लिम युवाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इस कार्रवाई को मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों ने अनुचित और असंवैधानिक बताया. इसी कड़ी में मुस्लिम राष्ट्रीय युवा मंच के पदाधिकारियों ने हापुड़ में एक ज्ञापन सौंपा, जो राष्ट्रपति के नाम संबोधित था और एसडीएम हापुड़ के माध्यम से भेजा गया. इस ज्ञापन में उन्होंने एफआईआर को रद्द करने की मांग की और अपनी आपत्तियों को विस्तार से रखा.

दरगाह आला हजरत ने जारी किया कड़ा फरमान

इस विवाद पर उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित दरगाह आला हजरत ने भी कड़ा फरमान जारी किया. दरगाह के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान ने कहा कि युवाओं पर दर्ज एफआईआर भारतीय संविधान के मूल अधिकारों का उल्लंघन है. उन्होंने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अनुच्छेद 25 के तहत धर्म के पालन की स्वतंत्रता और अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार सुनिश्चित है.

'पैगंबर मोहम्मद से प्रेम जताना किसी भी स्थिति में अपराध नहीं'

फरमान मियां ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद से प्रेम जताना किसी भी स्थिति में अपराध नहीं है और इसे रोकना लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है. उन्होंने मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के मामले का हवाला देते हुए अपील की कि किसी भी समुदाय के लोगों को धार्मिक प्रेम और आस्था प्रकट करने से ना रोका जाए. दरगाह ने युवकों पर दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस लेने की मांग भी की. इस विवाद ने धार्मिक भावनाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संवेदनशील संतुलन को उजागर किया है।

‘आई लव यू मोहम्मद’ मामला: अब तक क्या-क्या हुआ?

  • कानपुर के रावतपुर स्थित सैय्यद नगर में रामनवमी शोभायात्रा के गेट के सामने ट्रैक्टर पर ‘आई लव यू मोहम्मद’ का बोर्ड लगाया गया. इस दौरान हिंदूवादी संगठनों और मुस्लिम युवाओं के बीच विवाद हो गया.
  • मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी एसीपी रंजीत कुमार ने समझाइश देकर मामला शांत करने का प्रयास किया. पुलिस ने 25 मुस्लिम युवकों के खिलाफ बोर्ड लगाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की.
  • मुस्लिम राष्ट्रीय युवा मंच ने एफआईआर को अनुचित बताया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर इसे रद्द करने की मांग की.
  • बरेली स्थित दरगाह आला हजरत ने मुस्लिम युवाओं पर एफआईआर को संविधान का उल्लंघन करार दिया. संगठन ने अभिव्यक्ति और धर्म की स्वतंत्रता का हवाला दिया.
  • फरमान हसन खान ने मेनका गांधी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया केस का हवाला देते हुए कहा कि किसी को भी धार्मिक प्रेम और आस्था प्रकट करने से नहीं रोका जा सकता.
  • मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों ने एफआईआर का विरोध किया, जबकि हिंदूवादी संगठनों ने बोर्ड हटाने की मांग जारी रखी.
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